यम का दीपक कब और कैसे जलाएं? (pic credit: canva)
Yam Deepak Kaise Jalaye (यम का दीपक कब और कैसे जलाएं): छोटी दीवाली एकमात्र दिन है जब लोग मृत्यु के देवता, भगवान यम की पूजा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि मृत्यु के देवता यमराज के नाम से दीपक जलाने से अच्छे स्वास्थ्य का वरदान प्राप्त होता है और यम देव का आशीर्वाद मिलता है। यहां से आप यम की दीपक जलाना सीख सकते हैं। यम की दीपक कैसे बनता है? यम की दीपक किस दिशा में जलाया जाता है? यम की दीपक कब जलाना चाहिए? यम की दीपक जलाने का क्या महत्व है? इन सभी सवालों का जवाब आप यहां से देख सकते हैं।
धनतेरस या छोटी दिवाली की शाम को यम दीपक जलाने की परंपरा बहुत पुरानी है।
धनतेरस और छोटी दिवाली की शाम के समय प्रदोष काल में यम दीपक बनाने के लिए गेंहू के आट से दीपक का शेप तैयार करें और उसमें चार बत्ती रखें। फिर उसी में सरसों का तेल डालें और चारों ओर गंगाजल छिड़कें। दीपक के नीचे कोई अनाज जरूर रखें।
यम का दीपक हमेशा दक्षिण दिशा की ओर जलाना चाहिए। यम के दीपक को घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा में उसे रख दें। कुछ लोग तो यम का दीपक नाली के पास या अन्य किसी स्थानों पर रखते हैं।
यम का दीया जलाने से परिवार में अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है। इसे जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं और परिवार के सदस्यों को लंबी और स्वस्थ आयु का वरदान देते हैं। ऐसी मान्यता है कि यम का दीपक जलाने से मृत्यु के बाद नरक में जाने से बचा जा सकता है। यम दीपक घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और परिवार में सकारात्मकता लाता है।
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