Shivratri 2025 Date In Hindi: फरवरी में शिवरात्रि कब है, जानिए तिथि, मुहूर्त और महत्व

Shivratri 2025 Date In Hindi (शिवरात्रि कब है 2025): शिवरात्रि सनातन धर्म का एक प्रमुख त्योहार माना जाता है। वैसे तो साल में कुल 12 या 13 शिवरात्रि पड़ती हैं लेकिन सभी में फाल्गुन महीने की शिवरात्रि सबसे ज्यादा खास मानी जाती है। जिसे महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। चलिए आपको बताते हैं इस साल महा शिवरात्रि कब पड़ रही है और इसका महत्व क्या है।

Shivratri 2025 Date In Hindi

Shivratri 2025 Date In Hindi

Shivratri 2025 Date In Hindi (शिवरात्रि कब है 2025): शिव और शक्ति के मिलन का पावन पर्व है शिवरात्रि। जो हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ता है। लेकिन साल में एक शिवरात्रि ऐसी होती है जिसे महा शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। ये शिवरात्रि फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ती है। कहा जाता है कि इसी दिन महादेव और जगत जननी माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए इस दिन शिव-पार्वती की पूजा का विशेष विधान बताया गया है। चलिए आपको बताते हैं फाल्गुन महीने की शिवरात्रि कब पड़ रही है।

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शिवरात्रि कब है 2025 (Shivratri 2025 Date In Hindi)

इस साल महा शिवरात्रि 26 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी। शिवरात्रि तिथि का प्रारंभ 26 फरवरी की सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर होगा और इसका समापन 27 फरवरी की सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर होगा।

शिवरात्रि 2025 शुभ मुहूर्त (Shivratri 2025 Shubh Muhurat)

शिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त 26 फरवरी की देर रात 12 बजकर 09 मिनट से 12 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। इस दिन रात्रि के चारों प्रहर की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। चलिए आपको बताते हैं चारों प्रहर की पूजा का समय...

रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - 06:19 PM से 09:26 PM

रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - 09:26 PM से 27 फरवरी को 12:34 AM तक

रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 27 फरवरी को 12:34 AM से 03:41 AM तक

रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - 27 फरवरी को 03:41 AM से 06:48 AM तक

शिवरात्रि व्रत पूजा विधि (Shivratri Puja Vidhi)

इस दिन घर में मिट्टी का शिवलिंग बनाकर विधि विधान पूजा करनी चाहिए। शिवरात्रि पर शिव मंदिर जरूर जाना चाहिए और शिवलिंग पर बेलपत्र जरूर चढ़ाना चाहिए। इस दिन शिव पुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र का जाप शुभ माना जाता गै। साथ ही महाशिवरात्री के दिन रात्रि जागरण का भी विधान है। शिवरात्रि का पूजन ‘निशीथ काल’ में करना सर्वश्रेष्ठ रहता है। हालांकि कई भक्त इस दिन रात्रि के चारों प्रहरों में अपनी सुविधानुसार पूजा करते हैं।

शिवरात्रि क्यों मनाई जाती है (Shivratri Ka Mahatva)

पौराणिक कथा के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव जी को पति रूप में पाने के लिए घनघोर तपस्या एवं विशेष पूजा आराधना की थी। जिसके फलस्वरूप महाशिवरात्रि के दिन शिव जी ने माता पार्वती से विवाह रचाया था। यही कारण है कि महाशिवरात्रि को अत्यन्त महत्वपूर्ण और पवित्र माना दिन जाता है।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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