Saraswati Vandana Lyrics: या कुन्देन्दु-तुषारहार-धवलाया शुभ्र-वस्त्रावृता...मां सरस्वती की स्तुति लिखित में यहां देखें
Saraswati Vandana Lyrics (या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता): बसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती के पूजन और अर्चन का होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन ज्ञान, बुद्धि और संगीत की देवी मां शारदा का जन्म हुआ था। इस दिन सरस्वती स्तोत्र पढ़ना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए यहां हम आपको बताएंगे संपूर्ण सरस्वती स्तोत्र इन संस्कृत।

Saraswati Vandana Lyrics (या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता)
Saraswati Vandana Lyrics (या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता): हर साल बसंत पंचमी का पर्व माघ महीने की शुक्ल पक्ष की तिथि पर मनाया जाता है। बसंत पंचमी का पर्व उमंग और खुशियों का होता है जिसमें माता सरस्वती की पूजा की जाती है और बसंत ऋतु का स्वागत किया जाता है। ज्ञान की ऊर्जा और संगीत की शक्ति से प्राणियों में जान भरने वाली मां सरस्वती की पूजा का विधान सदियों से चला आ रहा है। इस दिन शिक्षण संस्थानों और मंदिरों में भव्य आयोजन किए जाते हैं। इस शुभ अवसर पर सरस्वती स्तोत्र का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार सरस्वती स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति की बुद्धि तेज होती है और स्मरण शक्ति बढ़ती है। इसके पाठ से तन-मन की शुद्धता होती है।
Saraswati Vandana Lyrics (या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता)
या कुन्देन्दु-तुषारहार-धवलाया शुभ्र-वस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकराया श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत-शङ्कर-प्रभृतिभिर्देवैःसदा पूजिता
सा मां पातु सरस्वती भगवतीनिःशेषजाड्यापहा॥1॥
दोर्भिर्युक्ता चतुर्भिःस्फटिकमणिमयीमक्षमालां दधाना
हस्तेनैकेन पद्मं सितमपिच शुकं पुस्तकं चापरेण।
भासा कुन्देन्दु-शंखस्फटिकमणिनिभाभासमानाऽसमाना
सा मे वाग्देवतेयं निवसतुवदने सर्वदा सुप्रसन्ना॥2॥
आशासु राशी भवदंगवल्लि भासैवदासीकृत-दुग्धसिन्धुम्।
मन्दस्मितैर्निन्दित-शारदेन्दुंवन्देऽरविन्दासन-सुन्दरि त्वाम्॥3॥
शारदा शारदाम्बोजवदना वदनाम्बुजे।
सर्वदा सर्वदास्माकं सन्निधिं सन्निधिं क्रियात्॥4॥
सरस्वतीं च तां नौमि वागधिष्ठातृ-देवताम्।
देवत्वं प्रतिपद्यन्ते यदनुग्रहतो जनाः॥5॥
पातु नो निकषग्रावा मतिहेम्नः सरस्वती।
प्राज्ञेतरपरिच्छेदं वचसैव करोति या॥6॥
शुद्धां ब्रह्मविचारसारपरमा-माद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणापुस्तकधारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्पाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थितां
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥7॥
वीणाधरे विपुलमंगलदानशीले
भक्तार्तिनाशिनि विरिंचिहरीशवन्द्ये।
कीर्तिप्रदेऽखिलमनोरथदे महार्हे
विद्याप्रदायिनि सरस्वति नौमि नित्यम्॥8॥
श्वेताब्जपूर्ण-विमलासन-संस्थिते हे
श्वेताम्बरावृतमनोहरमंजुगात्रे।
उद्यन्मनोज्ञ-सितपंकजमंजुलास्ये
विद्याप्रदायिनि सरस्वति नौमि नित्यम्॥9॥
मातस्त्वदीय-पदपंकज-भक्तियुक्ता
ये त्वां भजन्ति निखिलानपरान्विहाय।
ते निर्जरत्वमिह यान्ति कलेवरेण
भूवह्नि-वायु-गगनाम्बु-विनिर्मितेन॥10॥
मोहान्धकार-भरिते हृदये मदीये
मातः सदैव कुरु वासमुदारभावे।
स्वीयाखिलावयव-निर्मलसुप्रभाभिः
शीघ्रं विनाशय मनोगतमन्धकारम्॥11॥
ब्रह्मा जगत् सृजति पालयतीन्दिरेशः
शम्भुर्विनाशयति देवि तव प्रभावैः।
न स्यात्कृपा यदि तव प्रकटप्रभावे
न स्युः कथंचिदपि ते निजकार्यदक्षाः॥12॥
लक्ष्मिर्मेधा धरा पुष्टिर्गौरी तृष्टिः प्रभा धृतिः।
एताभिः पाहि तनुभिरष्टभिर्मां सरस्वती॥13॥
सरसवत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नमः।
वेद-वेदान्त-वेदांग-विद्यास्थानेभ्य एव च॥14॥
सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने।
विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोस्तु ते॥15॥
यदक्षर-पदभ्रष्टं मात्राहीनं च यद्भवेत्।
तत्सर्वं क्षम्यतां देवि प्रसीद परमेश्वरि॥16॥
Saraswati Stotram Benefits (सरस्वती स्तोत्र के लाभ)
बसंत पंचमी के दिन सरस्वती स्तोत्रम् का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है। कहते हैं इसके पाठ करने से मन शांत रहता है और पढ़ाई या किसी भी काम में एकाग्रता बढ़ती है। इससे नकारात्मक विचार दूर होते हैं और व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है। इससे शिक्षा ग्रहण करने में मदद मिलती है साथ ही इससे सफलता के मार्ग खुलते हैं और आय में वृद्धि के योग बनते हैं। इससे स्मरण शक्ति बढ़ती है और वाणी में मधुरता आती है। इसके नियमित पाठ से मां सरस्वती का आशीर्वाद बना रहता है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। अध्यात्म (Spirituality News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

Hanuman Chalisa Ke Dohe: रोज पढ़ने वाले ही जानते होंगे हनुमान चालीसा के इन दोहों का अर्थ, ऐसे कही गई है बजरंग बली की महिमा

Shree Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics: हनुमान जी की आरती, आरती कीजै हनुमान लला की, दुष्ट दलन रघुनाथ कला की...

Aaj Ka Panchang 18 February 2025: आज के पंचांग से जानें 18 फरवरी का शुभ मुहूर्त, राहुकाल, अभिजीत मुहूर्त, दिशा शूल और उपाय

श्रील प्रभुपाद को मिली विश्व गुरु की उपाधि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने दिया सम्मान, दुनिया भर में किया है सनातन का प्रचार

Hanuman Jayanti 2025 Date: इस दिन मनाया जाएगा राम भक्त हनुमान का जन्मोत्सव, जानिए हनुमान जयंती 2025 में कब पड़ेगी, नोट करें तिथि व मुहूर्त
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited