Sawan Purnima 2023: राखी पूर्णिमा पर पढ़ें ये कथा, सुख-समृद्धि की नहीं होगी कमी

Rakhi Purnima 2023 Katha: श्रावण पूर्णिमा को नारयली पूर्णिमा या नारली पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन रक्षा बंधन (Raksha Bandhan 2023) का त्योहार मनाया जाता है। कई लोग राखी पूर्णिमा पर उपवास रखते हैं और विधि विधान भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। जानिए श्रावणी पूर्णिमा की व्रत कथा।

rakhi purnima vrat katha

Rakhi Purnima Vrat Katha In Hindi

Rakhi Purnima 2023 Katha: इस साल श्रावण पूर्णिमा (Shravana Purnima 2023) 31 अगस्त को मनाई जा रही है। इसे नारली पूर्णिमा (Narali Purnima 2023) भी कहते हैं। इस दिन भारत में रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन कई लोग व्रत रख भगवान सत्यनारायण की पूजा करते हैं। इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा (Satyanarayan Vrat Katha) भी पढ़ना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस पूर्णिमा पर नदी स्नान का भी विशेष महत्व माना गया है। यहां जानिए नारली पूर्णिमा या श्रावण पूर्णिमा की व्रत कथा।

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Rakhi Purnima Vrat Katha In Hindi

कथा के अनुसार एक नगर था जिसमें तुंगध्वज नाम का राजा राज्य करता था। जिसे जंगल में शिकार करने का बहुत शौक था। एक दिन राजा जंगल में शिकार करने गया तो शिकार करते-करते वो थक गया। अपनी थकान दूर करने के लिए वो एक बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर आराम करने लगा। वहां उसने देखा कि बहुत सारे लोग इकट्ठे होकर सत्यनारायण भगवान की पूजा कर रहे हैं। राजा को खुद पर इतना अभिमान था कि उसने न तो भगवान को प्रणाम किया न ही कथा सुनने गया और न ही उसने प्रसाद लिया।

अपनी नगरी में आकर राजा ने देखा कि उसके राज्य पर किसी ने हमला कर दिया है। राजा अपने राज्य की ऐसी हालत देखकर तुरंत समझ गया कि सत्यनारायण भगवान के प्रसाद का निरादर करने के कारण ऐसा हुआ है। अपनी भूल सुधारने के लिए राजा दौड़कर वापस उसी जंगल में गया जहां लोग भगवान सत्यनारायण की कथा कर रहे थे। वहां पहुंचकर राजा ने प्रसाद ग्रहण किया और अपनी भूल के लिए माफी मांगी।

इसके बाद राजा को भगवान सत्यनारायण ने माफ कर दिया और उसके राज्य में सबकुछ पहले जैसा हो गया। भगवान की कृपा से राजा ने लम्बे समय तक राज्य पर राज किया और अंत में स्वर्गलोक को गमन कर गया। मान्यता है कि जो व्यक्ति सावन पूर्णिमा की कथा को पढ़ता या सुनता है उसकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति हो जाती है। कहा जाता है कि यह कथा वाजपेय यज्ञ का फल देने वाली है।

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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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