Shiv and Sati Story In Hindi: जब माता सती का रौद्र रूप देख डर गए भगवान शंकर, मांगनी पड़ी थी माफी
Maha Shivratri 2024: जानिए वह प्रसंग जब भोले नाथ अपनी अर्धांगिनी माता सती का रौद्र रूप देख डर गए थे। इधर-उधर भागते शिव को माता सती से माफी मांगनी भी पड़ी थी।
Maha Shivratri 2024 Date and Time
Maha Shivratri 2024 Date and Time: महाशिवरात्रि का पर्व बस कुछ दिन दूर है। इस साल 8 मार्च को महादेव की भक्ति का यह महापर्व मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि के माहौल में भगवान शिव से जुड़ी कई कहानी सुनी और सुनाई जा रही हैं। इसी कड़ी में हम आपको वह प्रसंग बताने जा रहे हैं जब भोले नाथ अपनी अर्धांगिनी माता सती का रौद्र रूप देख डर गए थे। इधर-उधर भागते शिव को माता सती से माफी मांगनी भी पड़ी थी। आइए जानते हैं ये पौराणिक कथा:
माता सती ने की मायके जाने की जिदमाता सती राजा दक्ष प्रजापति की बेटी थीं। वह शिव से विवाह करना चाहती थीं लेकिन उनके पिता को यह मंजूर नहीं था। पिता की मर्जी के खिलाफ सती ने शिव से विवाह कर लिया था। बेटी के इस कदम से राजा दक्ष प्रजापति काफी नाराज हुए। एक बार दक्ष ने दिव्य यज्ञ का आयोजन किया। इस यज्ञ में सभी देवताओं को आमंत्रित किया, लेकिन ना तो माता सती और ना ही भगवान शंकर को बुलाया गया। जब सती को ये बात पता चली तो उन्होंने यज्ञ में जाने का मन बनाया। इसके लिए उन्होंने अपने स्वामी भगवान शंकर से अनुमति मांगी। शंकर ने सती को ये कहते हुए मना कर दिया कि बिना बुलावे के किसी शुभ कार्य में जाना मृत्यु के समान है। इतना ही नहीं उन्होंने सती से यह भी कहा कि उनके पिता दक्ष ये यज्ञ अपमान के उद्देश्य से ही कर रहे हैं, इसलिए ससुराल में अपमान होना मृत्यु से कम नहीं है।
शिव के सामने सती का रौद्र रूपशंकर जी के मना करने के बाद भी सती नहीं मानीं। उन्होंने कहा कि आपको यदि यह अपमान लग रहा है तो आप ना जाएं लेकिन मैं तो अवश्य जाऊंगी। सती की ये बात सुन शिव क्रोधित हो गए और बोले कि अगर तुम्हें मेरी बात समझ में नहीं आ रहा है तो जाओ अपने मन की करो। भगवान शंकर की ये बात माता सती को चुभ गई। उन्होंने क्रोधित होकर रौद्र रूप धारण कर लिया। माता सती का रौद्र रूप देख भगवान शंकर घबरा गए और इधर-उधर भागने लगे। सती ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माने।
शिवजी ने मांगी माता सती से माफीशिव को क्रोध में इधर-उधर भागता देख माता सती ने दस रूप धरे और दसों दिशाओं में प्रकट हो गईं। जिस दिशा में शिव थे वहां वह काली मां के रूप में प्रकट हुईं। काली मां को देख भगवान शिव ने उनसे पूछा कि सती कहां है। इसपर काली मां ने जवाब दिया कि क्या आप मुझे और बाकी की दिशाओं में प्रकट सती के रूपों को नहीं पहचान पा रहे हैं। इसपर शिव समझ गए कि सती पूर्णा और पराकृति स्वरूप हैं। शिव ने सती से माफी मांगी तब जाकर उनका क्रोध शांत हुआ और वह अपने मूल रूप में प्रकट हुईं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
अध्यात्म और ज्योतिष की दुनिया बेहद दिलचस्प है। यहां हर समय कुछ नया सिखने और जानने को मिलता है। अगर आपकी अध्यात्म और ज्योतिष में गहरी रुचि है और आप इस ...और देखें
Aaj Ka Panchang 14 December 2024: पंचांग से जानिए क्या रहेगा मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन पूजा का मुहूर्त, कितने बजे होगा सर्यास्त
Mahakumbh 2025: महाकुंभ मेला कब और कहां लगेगा, नोट कर लें शाही स्नान की डेट्स
Mahakumbh 2025 : साल 2025 में कब और कहां लगेगा महाकुंभ, यहां जानिए शाही स्नान की सारी डेट
Mahakumbh 2025: महाकुंभ के समय में कब से शुरू होगा कल्पवास, यहां नोट करें तारीख और इसका महत्व
Tilkut Chauth 2025 Date: साल 2025 में तिलकुट चौथ कब है? यहां जानिए सही तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited