Mahashivratri 2023: भगवान शिव को प्रिय हैं ये 5 चीजें, अर्पित करने से मिलता है मनचाहा फल
Mahashivratri 2023: 18 फरवरी को फाल्गुन मास की त्रयोदशी को है महाशिवरात्रि का पर्व। भगवान भाेलेनाथ की कृपा प्राप्त करने का है दिन। महाशिवरात्रि की पूजा में प्रयोग करें महादेव की इन प्रिय पांच वस्तुओं का, जिससे सभी मनोकामना पूर्ण होती है और महादेव की कृपा सदैब बनी रहती है।
- 18 फरवरी फाल्गुन त्रयोदशी को है महाशिवरात्रि
- महादेव और माता पार्वती की पूजा का है विधान
- अध्यात्मिक स्तर से स्वयं को उठाने का है दिन
शिव को प्रिय पांच वस्तुएं
बेलपत्र
औषधिय गुणाें का भंडार बेल वृक्ष के पत्ते भगवान शिव को विशेष प्रिय होते हैं। इस वृक्ष की पहचान होती है कि इसकी पत्तियां एक ही डंठल में तीन होती हैं। पत्तियां नोकदार होती हैं। यदि इन पत्तियों के चिकने स्थल पर नमः शिवाय लिखकर शिवलिंग पर अर्पित किया जाए तो हर मनोकामना पूर्ण होती है। ध्यान रखें कि बेलपत्र का चिकना भाग शिवलिंग की ओर होना चाहिए।
धतूरा
यूं तो धतूरा का प्रयोग नशे के लिए किया जाता है लेकिन औघड़ फक्कड़ भाेलेनाथ को अन्य के लिए अप्रिय वस्तु स्वयं के लिए प्रिय हैं। कहीं भी उगने वाले धतूरे को शिव सहर्ष अपनाते हैं। पूजन में एक, तीन या पांच धतूरे का प्रयोग करें। गंगाजल से शुद्ध करके भगवान को अर्पित करें।
आक के फूल
गुलाब, गेंदा, चंपा, चमेली से इतर भगवान आशुतोष को कहीं भी सड़क किनारे उगने वाले आक के पौधे के फूल अतिप्रिय हैं। ये फूल भी औषधिय रूप से लाभकारी होते हैं।
गंगाजल
शिव की जटाओं से गंगा निकल कर धरती पर अवतरित हुयी थीं। यदि महाशिवरात्रि पर गंगाजल से महादेव का अभिषेक किया जाए तो वे अतिप्रसन्न होते हैं। यदि शिवलिंग पर अर्पित जल को ग्रहण किया जाए तो जटिल से जटिल त्वचा रोग दूर हो जाते हैं।
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भांग
माना कि भांग को नशे के रूप में आज समाज में प्रचलित किया गया है लेकिन भांग का एक प्रयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है। भांग के प्रयोग से पेट के रोग दूर होते हैं। महादेव को भांग प्रिय है। यदि पूजन में पिसी हुयी भांग का गोला अर्पित करेंगे ताे उनकी कृपा के पात्र बनेंगे। ध्यान रखिए कि शिव की पूजा में किसी भी वस्तु का प्रयोग करते हुए नमः शिवाय का जाप अवश्य करें।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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