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Dhanteras 2025 Lakshmi kuber Pujan Timing Today: धनतेरस की पूजा का मुहूर्त कितने बजे तक है? कितने बजे होगी लक्ष्मी-कुबेर की पूजा?

Dhanteras 2025 Lakshmi kuber Pujan Timing Today (धनत्रयोदशी कुबेर की पूजा मुहूर्त) Puja Vidhi, Samagri List, Mantra Chalisa in Hindi: आज धनतेरस का शुभ दिन है और आज के दिन लक्ष्मी मां और कुबेर देव की पूजा की जाती है। ये पूजा कितने बजे होगी, ये आप यहां से जान सकते हैं।

धनतेरस 2025 पूजा का शुभ मुहूर्त (pic credit: canva)

Dhanteras 2025 Lakshmi kuber Pujan Timing Today (धनत्रयोदशी कुबेर की पूजा मुहूर्त): धनतेरस की पूजा दीपावली से एक दिन पहले की जाती है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष पूजा होती है। शाम के समय प्रदोष काल में दीप जलाकर घर के मुख्य द्वार और पूजा स्थल को दीपों से सजाया जाता है। पूजा में नई खरीदी गई वस्तुएँ जैसे बर्तन, आभूषण, झाड़ू, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति आदि शामिल की जाती हैं। लक्ष्मी जी को कमल, मिठाई, चावल, और सिक्के अर्पित किए जाते हैं, वहीं गणेश जी को दूर्वा और मोदक चढ़ाए जाते हैं। यहां से आप जान सकते हैं कि आज धनतेरस की पूजा कितने बजे होगी।

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त 2025

आज प्रदोष की पूजा करने का शुभ मुहूर्त 18 अक्टूबर को शाम के वक्त 5 बजकर 4 मिनट से लेकर 6 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। इस अवधि के दौरान भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा करना सबसे उत्तम रहेगा। इसके अलावा, आप लाभ चौघाड़िया में यानी शाम को 6 बजकर 41 मिनट से लेकर 7 बजकर 38 मिनट के बीच में भी पूजा की जा सकती है। धनतेरस की पूजा शाम 07 बजकर 16 मिनट से 08 बजकर 20 मिनट तक की जाएगी।

धनतेरस की पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय- 7:16 PM से 08:20 PM तक

धनतेरस की खरीदारी के 3 शुभ मुहूर्त 2025-

1. पहला शुभ मुहूर्त शाम 06:11 PM से लेकर रात 08:41 PM तक है। सोने-चांदी के आभूषण खरीदने के लिए इस मुहूर्त को बहुत अच्छा बताया गया है।

2. दूसरा शुभ मुहूर्त यानी लाभ काल, चौघड़िया मुहूर्त शाम 05:48 PM से 07:23 PM तक है। इस मुहूर्त में बर्तन और घर के सामान खरीदे जा सकते हैं, ये शुभ होगा।

3. तीसरा शुभ मुहूर्त यानी शुभ काल चौघड़िया मुहूर्त रात 08:57 PM से 10:32 PM तक है। इस दौरान झाड़ू, कुबेर यंत्र, सूखा धनिया खरीद सकते हैं।

धनतेरस पूजा विधि

धनतेरस के दिन आपको माता लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर देव की पूजा करनी चाहिए। इन मूर्ति या तस्वीर को पूजा स्थल पर स्थापित करें। पूजा के लिए सबसे सही दिशा उत्तर-पूर्व दिशा को माना जाता है इसी दिशा में आपको पूजा करनी चाहिए। इसके बाद दीपक जलाकर माता लक्ष्मी के साथ ही भगवान धन्वंतरि और कुबेर देव की पूजा करें। पूजा में अक्षत, हल्दी, फूल, मिष्ठान आदि अर्पित करें। इसके बाद मंत्रों का जप करें। अंत में आरती के बाद पूजा की समाप्ति करें और प्रसाद का वितरण करें।

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Srishti
Srishti Author

सृष्टि टाइम्स नाऊ हिंदी डिजिटल में फीचर डेस्क से जुड़ी हैं। सृष्टि बिहार के सिवान शहर से ताल्लुक रखती हैं। साहित्य, संगीत और फिल्मों में इनकी गहरी रूच... और देखें

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