Chandra Dev Ki Aarti Lyrics (चंद्र देव की आरती, ऊं जय सोम देवा लिरिक्स इन हिंदी): नवग्रह में से एक चंद्रमा है, जिसे मन, भावना और मानसिक स्थिति का कारक माना जाता है। चंद्रमा को मन का स्वामी माना जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रदेव की विशेष पूजा होती है। आज शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2025) का ही दिन है। कहते हैं कि चंद्र देव की पूजा करने से कुंडली का चंद्र दोष दूर हो जाता है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima Ki Aarti) की रात को निकलने वाला चंद्रमा 16 कलाओं से पूर्ण होता है। इसलिए इस दिन पूरे विधि के साथ पूजा-पाठ और कथा पाठ किया जाता है और फिर आरती की जाती है। अगर आपको भी चंद्र देव की आरती करनी है तो आप यहां से चंद्र देव की आरती (Bhagwan Chandra Ki Aarti) के लिरिक्स देख सकते हैं।
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा|
दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी||
रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी|
दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी||
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे|
सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि||
योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें|
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, सन्त करें सेवा||
वेद पुराण बखानत, भय पातक हारी|
प्रेमभाव से पूजें, सब जग के नारी||
शरणागत प्रतिपालक, भक्तन हितकारी|
धन सम्पत्ति और वैभव, सहजे सो पावे||
विश्व चराचर पालक, ईश्वर अविनाशी|
सब जग के नर नारी, पूजा पाठ करें||
ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा|
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