Today Amavasya Timings 2023: इस महीने की अमावस्या कब है, जानें भादो अमावस्या की तिथि व मुहूर्त

Today Amavasya Timings 2023 (Bhadrapada Amavasya 2023): आज भाद्रपद अमावस्या है। जिसे भादो अमावस्या (Bhado Amavasya 2023), कौशिकी अमावस्या, महालया अमावस्या, पिठोरी अमावस्या, पितृ अमावस्या, पोलाला अमावस्या और सती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। जानिए इस महीने की अमावस्या की डेट, मुहूर्त और महत्व।

september masya 2023 date

Masya September 2023 Date And Time

Today Amavasya Timings 2023 (Bhadrapada Amavasya 2023): हिंदू धर्म में भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अमावस्या को भादो अमावस्या (Bhado Amavasya 2023) या पठोरी अमावस्या (Pithori Amavasya 2023) के रूप में मनाया जाता है। इस अमावस्या को कुछ जगहों पर कुशग्रहणी अमावस्या (Kusha Grahani Amavasya Kab Hai), पोला अमावस्या (Pola 2023), सती अमावस्या (Sati Amavasya 2023), पोलाला अमावस्या (Polala Amavasya 2023), महालया अमावस्या (Mahalaya Amavasya 2023), कौशिकी अमावस्या (Kaushiki Amavasya 2023) और अघोरी अमावस्या इत्यादि नामों से भी जाना जाता है। इस दिन पितरों की पूजा और पिंड दान का विशेष महत्व माना गया है। इस अमावस्या पर धार्मिक कार्यों के लिये कुशा एकत्रित की जाती है। कहते हैं कि धार्मिक कार्यों में इस्तेमाल की जाने वाली घास अगर इस दिन एकत्रित की जाये तो वह बेहद पुण्य फलदायी होती है। इस साल भाद्रपद अमावस्या 14 सितंबर, गुरुवार को मनाई जाएगी (Bhadrapada Amavasya 2023)।

भाद्रपद अमावस्या 2023 तिथि व मुहूर्त (September Amavasya 2023 Date And Time)

भाद्रपद अमावस्या 202314 सितंबर, गुरुवार
भाद्रपद अमावस्या मुहूर्त 202306:28 PM से 08:47 PM
मुहूर्त अवधि2 घंटे 20 मिनट
अमावस्या तिथि प्रारम्भ14 सितंबर 2023 को 04:48 AM बजे
अमावस्या तिथि समाप्त15 सितंबर 2023 को 07:09 AM बजे
भाद्रपद्र अमावस्या का महत्व (Bhadrapada Amavasya Significance)

  • यह दिन स्नान, दान और तर्पण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
  • इस दिन प्रातःकाल उठकर किसी नदी, जलाशय या कुंड में स्नान जरूर करना चाहिए।
  • इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद बहते जल में तिल प्रवाहित करने चाहिए।
  • इस दिन नदी के तट पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करना चाहिए और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा देना चाहिए।
  • अमावस्या के दिन शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं और अपने पितरों को स्मरण करें। इसके बाद पीपल की सात परिक्रमा लगाएं।

पोला या पोलाला अमावस्या (Polala or Polala Amavasya)

बता दें कि दक्षिण भारत के कुछ राज्यों आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, ओड़िसा आदि में इस दिन पोलाला आमवस्या मनाई जाती है। तो वहीं महाराष्ट्र में इस दिन पोला त्यौहार मनाया जाता है। भाद्रपद अमावस्या के दिन मनाये जाने वाले इस त्यौहार का संबंध खेती और किसानों से है। जहां एक तरफ कुछ राज्यों में इस दिन पितरों की पूजा की जाती है तो वहीं महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में इस दिन विशेष रूप से बैलों की पूजा होती है। पूजा से पहले बैलों को सजाया जाता है। महाराष्ट्र में इस त्यौहार को काफी धूम धाम के साथ मनाया जाता है।

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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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