अक्षय तृतीया क्यों मनाई जाती है, जानिए इसका महत्व, पूजा विधि, मुहूर्त, कथा, आरती, मंत्र समेत सारी जानकारी
अक्षय तृतीया का पावन पर्व इस साल 30 अप्रैल 2025, बुधवार को मनाया जा रहा है। शास्त्रों अनुसार जब भी अक्षय तृतीया बुधवार के दिन पड़ती है तो इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है और इस बार ऐसा ही शुभ संयोग बना है। चलिए आपको बताते हैं अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या रहेगी।

अक्षय तृतीया क्यों मनाई जाती है, जानिए इसका महत्व, पूजा विधि, मुहूर्त, कथा, आरती, मंत्र समेत सारी जानकारी
अक्षय तृतीया सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हर साल वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल ये पावन पर्व 30 अप्रैल 2025 को मनाया जा रहा है। बुधवार के साथ रोहिणी नक्षत्र वाली अक्षय तृतीया का सर्वाधिक महत्व माना जाता है और इस बार ऐसा ही शुभ संयोग बन रहा है। इस कारण इस साल अक्षय तृतीया पर खरीदारी और दान का विशेष महत्व रहेगा। ऐसी मान्यता है इस शुभ दिन पर जप, यज्ञ, पितृ-तर्पण, दान-पुण्य करने का लाभ कभी कम नहीं होता।
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अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त 2025 (Akshaya Tritiya Puja Muhurat 2025)
अक्षय तृतीया की पूजा का शुभ मुहूर्त 30 अप्रैल 2025 की सुबह 05:41 से दोपहर 12:18 बजे तक रहेगा। तृतीया तिथि का प्रारम्भ 29 अप्रैल 2025 को शाम 05:31 बजे होगा और समाप्ति 30 अप्रैल 2025 को दोपहर 2:12 बजे होगी।
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अक्षय तृतीया पर सोने की खरीदारी का मुहूर्त 2025 (Akshaya Tritiya Gold Buying Muhurat 2025)
अक्षय तृतीया पर सोने की खरीदारी का मुहूर्त 29 अप्रैल 2025 की शाम 05:31 से शुरू होगा और इसकी समाप्ति 30 अप्रैल 2025 की दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर होगी।
Akshaya Tritiya Puja Samagri (अक्षय तृतीया पूजा सामग्री लिस्ट)
विष्णु भगवान और लक्ष्मी माता की फोटो, लक्ष्मी-गणेश जी की फोटो, पीला कपड़ा, मिट्टी का घड़ा जल से भरा, गेहूं, कलावा, घी का दीपक, चंदन, अक्षत, कलावा, भगवान नारायण और गणेश जी के लिए जनेऊ, इत्र, दक्षिणा, फल, फूल और अक्षय तृतीया पर खरीदा गया सामान।
Akshaya Tritiya 2025 Shubh Muhurat LIVE: अक्षय तृतीया पर खरीदें पीतल नर्मदेश्वर शिवलिंग
सोने-चांदी के अलावा अक्षय तृतीया पर पीतल से बनी चीज़ें जैसे यंत्र, मूर्ति या फिर पीतल नर्मदेश्वर शिवलिंग भी खरीद सकते हैं। अक्षय तृतीया के अवसर पर घर या कार्यस्थल पर पीतल नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना करने से आपको भगवान शिव के साथ-साथ माता लक्ष्मी और विष्णु जी का भी आशीर्वाद मिलेगा।Akshaya Tritiya 2025 Shubh Muhurat LIVE: मेष राशि वालों के लिए खास है अक्षय तृतीया
अक्षय तृतीया का दिन मेष राशि के जातकों के लिए शानदार साबित होगा। इस दौरान आपका करियर तेजी से आगे बढ़ेगा और आपको अपने प्रयासों में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। वरिष्ठों से आपको सराहना प्राप्त होगी और प्रबल संभावना है कि आपके वेतन में वृद्धि हो जाए और आपको पदोन्नति की प्राप्ति होगी।Akshaya Tritiya 2025 Shubh Muhurat LIVE: अक्षय तृतीया का दिन किन-किन कार्यों के लिए शुभ होता है?
अक्षय तृतीया का दिन सोने-चांदी के आभूषण खरीदने, वाहन खरीदने, मकान खरीदने, नया काम शुरू करने, विवाह करने आदि कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।Akshaya Tritiya 2025 Shubh Muhurat LIVE: अक्षय तृतीया पर बनेंगे दो बेहद शुभ योग
अक्षय तृतीया 2025 बेहद ख़ास रहने वाली है क्योंकि इस दिन एक दुर्लभ शोभन योग का निर्माण हो रहा है। शोभन योग 30 अप्रैल 2025 की दोपहर 12 बजकर 01 मिनट तक रहेगा और साथ ही, इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। अक्षय तृतीया पर सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन बना रहेगा और इस दौरान की गई खरीदारी आपके लिए शुभ रहेगी। इसके अलावा, इस योग में किए गए शुभ कार्यों में आपको सफलता की प्राप्ति होगी।लक्ष्मी स्तुति (Lakshmi Stuti)
आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि।यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि।
पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
विद्या लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु ब्रह्म विद्या स्वरूपिणि।
विद्यां देहि कलां देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
धन लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व दारिद्र्य नाशिनि।
धनं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
धान्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वाभरण भूषिते।
धान्यं देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
मेधा लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु कलि कल्मष नाशिनि।
प्रज्ञां देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
गज लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वदेव स्वरूपिणि।
अश्वांश गोकुलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
धीर लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पराशक्ति स्वरूपिणि।
वीर्यं देहि बलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
जय लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व कार्य जयप्रदे।
जयं देहि शुभं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
भाग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सौमाङ्गल्य विवर्धिनि।
भाग्यं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
कीर्ति लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु विष्णुवक्ष स्थल स्थिते।
कीर्तिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
आरोग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व रोग निवारणि।
आयुर्देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
सिद्ध लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व सिद्धि प्रदायिनि।
सिद्धिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
सौन्दर्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वालङ्कार शोभिते।
रूपं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
साम्राज्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु भुक्ति मुक्ति प्रदायिनि।
मोक्षं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।
मङ्गले मङ्गलाधारे माङ्गल्ये मङ्गल प्रदे।
मङ्गलार्थं मङ्गलेशि माङ्गल्यं देहि मे सदा।।
सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्रयम्बके देवि नारायणि नमोऽस्तुते।।
Akshaya Tritiya 2025 Gold Buying Reason: अक्षय तृतीया पर क्यों की जाती है सोने की खरीदारी?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया पर सोने की खरीदारी शुभ मानी जाती है। इस तिथि पर लोग इस धारणा के साथ सोना खरीदते हैं कि उनकी धन-संपत्ति में अपार वृद्धि होगी क्योंकि अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने से धन का क्षय नहीं होता है। हालांकि, बहुत कम लोग जानते हैं कि इस तिथि पर सोना खरीदने से ज्यादा महत्व सोना दान करने और धारण करने का होता है। जो लोग सोना खरीद नहीं सकते हैं, वह इस दिन गरीबों की सहायता करके अपार पुण्य कमा सकते हैं।Akshaya Tritiya Kyu Manai Jati Hai: अक्षय तृतीया क्यों मनाई जाती है
पुराणों अनुसार अक्षय तृतीया सौभाग्य और सफलता प्रदान करती है। अधिकांश लोग इस दिन सोने की खरीदारी करते हैं क्योंकि मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर सोने खरीदने से भविष्य में अत्यधिक धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है। अक्षय तृतीया के दिन मुख्य रूप से भगवान विष्णु द्वारा की पूजा होती है। हिन्दु पौराणिक कथाओं के अनुसार, त्रेता युग का आरम्भ भी अक्षय तृतीया के दिन ही हुआ था। इतना ही नहीं इस दिन भगवान विष्णु के छठवें अवतार भगवान परशुराम जी का जन्म भी हुआ था। इसलिए इस दिन परशुराम जयंती भी मनाई जाती है।Akshaya Tritiya 2025 Shubh Muhurat LIVE: अक्षय तृतीया का ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब अक्षय तृतीया का पर्व आता है तब सूर्यदेव अपनी उच्च राशि मेष राशि में विराजमान रहते हैं। साथ ही, इस तिथि पर चंद्रमा वृषभ राशि में मौजूद होते हैं। माना जाता है इस दौरान सूर्य और चंद्रमा दोनों ही सबसे ज्यादा चमकीले यानी सबसे ज्यादा प्रकाश प्रदान करते हैं। इस तरह से अक्षय तृतीया पर ज्यादा से ज्यादा प्रकाश पृथ्वी की सतह पर आता है। इस कारण से इस अवधि को सबसे शुभ माना गया है और इसका महत्व भी बढ़ गया है।Akshaya Tritiya 2025 Shubh Muhurat LIVE: अक्षय तृतीया पर क्या करना चाहिए?
इस दिन कनकधारा स्तोत्र या श्री सूक्त और कुबेर चालीसा का पाठ करें। साथ ही, गणेश चालीसा पढ़ें और अंत में सभी देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए व उनकी विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए इन मंत्रों का जाप करें।Akshaya Tritiya 2025 Shubh Muhurat LIVE: अक्षय तृतीया पर युद्धिष्ठिर को मिला था अक्षय पात्र
कहा जाता है कि युधिष्ठिर को अक्षय पात्र अक्षय तृतीया के दिन मिला था। युधिष्ठिर को मिला अक्षय पात्र एक तांबे का बर्तन था जिसे सूर्य देव ने दिया था। यह बर्तन हर दिन पांडवों को भोजन की कभी न खत्म होने वाली आपूर्ति प्रदान करता था।Akshaya Tritiya 2025 Shubh Muhurat LIVE: अक्षय तृतीया पर होंगे बांके बिहारी के चरण दर्शन
अक्षय तृतीया पर अनेक तरह की परंपराओं का पालन किया जाता है जिनमें से एक है बांके बिहारी के चरणों के दर्शन। हर साल वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि अर्थात अक्षय तृतीया पर भक्तों को अपने आराध्य बांके बिहारी जी के चरणों के दर्शन मिलते हैं जो कि साल में सिर्फ़ एक बार होते हैं।Akshaya Tritiya 2025 Shubh Muhurat LIVE: अक्षय तृतीया से संबंधित रीति-रिवाज़
इस शुभ तिथि पर सत्तू, जौ, घड़ा, जल, अन्न, स्वर्ण, मिष्ठान, जूता, छाता, फल और वस्त्र आदि का दान करना कल्याणकारी होता है। मान्यता है कि अक्षय तृतीया 2025 पर आपके द्वारा किया गया दान, धर्म, स्नान, जप और हवन के पुण्य की समाप्ति कभी नहीं होती है और जातक को लोक-परलोक में इस पुण्य के शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।Akshaya Tritiya Aarti: अक्षय तृतीया आरती
ॐ जय यक्ष कुबेर हरे,स्वामी जय यक्ष जय यक्ष कुबेर हरे।
शरण पड़े भगतों के,
भण्डार कुबेर भरे।
॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,
स्वामी भक्त कुबेर बड़े।
दैत्य दानव मानव से,
कई-कई युद्ध लड़े ॥
॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
स्वर्ण सिंहासन बैठे,
सिर पर छत्र फिरे,
स्वामी सिर पर छत्र फिरे।
योगिनी मंगल गावैं,
सब जय जय कार करैं॥
॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
गदा त्रिशूल हाथ में,
शस्त्र बहुत धरे,
स्वामी शस्त्र बहुत धरे।
दुख भय संकट मोचन,
धनुष टंकार करे॥
॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,
स्वामी व्यंजन बहुत बने।
मोहन भोग लगावैं,
साथ में उड़द चने॥
॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥
यक्ष कुबेर जी की आरती,
जो कोई नर गावे,
स्वामी जो कोई नर गावे ।
कहत प्रेमपाल स्वामी,
मनवांछित फल पावे।
॥ इति श्री कुबेर आरती ॥
Akshaya Tritiya 2025 Shubh Muhurat LIVE: आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए अक्षय तृतीया पर करें ये उपाय
अक्षय तृतीया के दिन भगवान गणेश की मूर्ति घर लेकर आए और गंगाजल से स्नान कराकर उसे मंदिर में स्थापित करें। इससे धन संबंधित समस्याओं से छुटकारा मिल सकता हैAkshaya Tritiya Date 2025 Shubh Muhurat LIVE: अक्षय तृतीया पर मां लक्ष्मी को क्या चढ़ाएं
कुमकुम, अक्षत, कमल का फूल, लाल गुलाब का फूल, कमलगट्टा, माला, हल्दी, धूप, दीप और खीर।Akshaya Tritiya Date 2025 Shubh Muhurat LIVE: अक्षय तृतीया का महत्व
-अक्षय तृतीया पर ही सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी।-भगवान विष्णु के अवतार नर-नारायण और हयग्रीव ने भी अक्षय तृतीया तिथि पर अवतार लिया था।
-इस तिथि पर ही ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण हुआ था।
-अक्षय तृतीया तिथि पर ही वृन्दावन के श्री बांके बिहारी जी के मंदिर में श्री विग्रह के चरणों के दर्शन होते हैं। इसके दर्शन साल में सिर्फ एक बार यानी अक्षय तृतीया के दिन ही होते हैं।
-अक्षय तृतीया तिथि से ही उड़ीसा के प्रसिद्ध पुरी रथ यात्रा के लिए रथों के निर्माण का कार्य शुरू हो जाता है।
-अक्षय तृतीया के दिन ही वेदव्यास और भगवान गणेश द्वारा महाभारत ग्रंथ को लिखने की शुरुआत हुई थी।
-अक्षय तृतीया के पर्व के दिन ही महाभारत के युद्ध का समापन हुआ था।
Akshaya Tritiya Date 2025 Shubh Muhurat LIVE: ऊं जय जगदीश हरे आरती
Akshaya Tritiya Date 2025 Shubh Muhurat LIVE: अक्षय तृतीया 2025 की पूजा विधि
घर में जहां भी अक्षय तृतीया की पूजा करनी है उस स्थान को गंगाजल से शुद्ध कर लें। इसके बाद वहां एक चौकी रखें और उस पर लाल या पीला कपड़ा बिछा लें। चौकी पर माता लक्ष्मी, श्री हरि विष्णु, भगवान गणेश और कुबेर देवता की मूर्ति स्थापित करें। साथ में वहीं घर पर रखा सोना-चांदी और जौ रखें। अब सबसे पहले गणेश जी की वंदना करें और साथ ही उन पर अक्षत, सिंदूर, सुपारी, नारियल, धूप, दीप, चंदन, दूर्वा, पान, फूल, फल, मोदक आदि चढ़ाएं। फिर माता लक्ष्मी की विधि विधान पूजा करें। मां लक्ष्मी को कुमकुम, अक्षत, कमलगट्टा, माला, हल्दी, धूप, दीप, कमल का फूल, लाल गुलाब का फूल आदि अर्पित करें। फिर उन्हें मखाने की खीर बनाकर भोग लगाएं। इसके बाद विधि विधान कुबेर देवता की पूजा करें। उनको भी अक्षत, कमलगट्टा, इत्र, लौंग, चंदन, दूर्वा, इलायची, नैवेद्य, फल, सुपारी, धनिया, फूल आदि अर्पित करें। इसके बाद माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कनकधारा स्तोत्र या श्री सूक्त का पाठ करें। साथ ही कुबेर चालीसा और गणेश चालीसा का पाठ करें। पूजा के समय माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देवता के मंत्रों का जाप भी शुभ माना जाता है। अंत में माता लक्ष्मी की आरती कर प्रसाद सभी में बांट दें।Akshaya Tritiya Gold Purchase Time 2025: अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने के शुभ समय
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का समय - 29th अप्रैल 5:31 PM से 2:12 PM, 30th अप्रैल तक रहेगा।Akshaya Tritiya Date 2025 Shubh Muhurat LIVE: अक्षय तृतीया के दिन इन मंत्रों का करें जाप
महालक्ष्मी मंत्र- ॐ श्रीं क्लीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।
धन प्राप्ति कुबेर मंत्र- ॐ श्रीं ॐ ह्रीं श्रीं ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:।।
Akshaya Tritiya Vishnu Ji Ki Aarti: अक्षय तृतीया पर विष्णु भगवान की आरती
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय...॥
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय...॥
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय...॥
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय...॥
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय...॥
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय...॥
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय...॥
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय...॥
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय...॥
Akshaya Tritiya 2025 Aarti: अक्षय तृतीया की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी मातातुम को निश दिन सेवत, हर विष्णु विधाता....
ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता
सूर्य चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
दुर्गा रूप निरंजनि, सुख सम्पति दाता
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभ दाता
कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भव निधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
जिस घर तुम रहती सब सद्गुण आता
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता...।।
Akshaya Tritiya Date 2025 Shubh Muhurat LIVE: इस दिन क्या-क्या शुभ काम किए जा सकते हैं
ये दिन नए व्यवसाय, नौकरी, नए घर में प्रवेश करने और शुभ खरीदारी के लिए बहुत ही शुभ माना गया है। इस दिन मुख्य रूप से सोने की खरीदारी का विशेष महत्व होता है।Akshaya Tritiya Date 2025 Shubh Muhurat LIVE: अक्षय तृतीया पर युधिष्ठिर को मिला था अक्षय पात्र
क्षय तृतीया के दिन ही युधिष्ठिर को भगवान कृष्ण ने अक्षय पात्र दिया था। माना जाता है कि इस पात्र में कभी भी भोजन व धन कम नहीं होता था और इसी पात्र से युधिष्ठिर जरूरतमंद लोगों को भोजन करवाते थे इसलिए अक्षय तृतीया के दिन दान पुण्य करने का भी विशेष महत्व माना जाता है।Akshaya Tritiya Date 2025 Shubh Muhurat LIVE: अक्षय तृतीया पर मां लक्ष्मी को क्या चढ़ाएं
अक्षय तृतीया पर मां लक्ष्मी को कुमकुम, अक्षत, कमल का फूल, लाल गुलाब का फूल, कमलगट्टा, माला, हल्दी, धूप, दीप और खीर चढ़ाएं।Akshaya Tritiya Date 2025 Shubh Muhurat LIVE: अक्षय तृतीया का महत्व
-अक्षय तृतीया पर ही सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी।-भगवान विष्णु के अवतार नर-नारायण और हयग्रीव ने भी अक्षय तृतीया तिथि पर अवतार लिया था।
-इस तिथि पर ही ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण हुआ था।
-अक्षय तृतीया तिथि पर ही वृन्दावन के श्री बांके बिहारी जी के मंदिर में श्री विग्रह के चरणों के दर्शन होते हैं। इसके दर्शन साल में सिर्फ एक बार यानी अक्षय तृतीया के दिन ही होते हैं।
-अक्षय तृतीया तिथि से ही उड़ीसा के प्रसिद्ध पुरी रथ यात्रा के लिए रथों के निर्माण का कार्य शुरू हो जाता है।
-अक्षय तृतीया के दिन ही वेदव्यास और भगवान गणेश द्वारा महाभारत ग्रंथ को लिखने की शुरुआत हुई थी।
-अक्षय तृतीया के पर्व के दिन ही महाभारत के युद्ध का समापन हुआ था।
Kankdhara Strotra Lyrics In Hindi: श्री कनकधारा स्तोत्रं
अंगहरे पुलकभूषण माश्रयन्ती भृगांगनैव मुकुलाभरणं तमालम।अंगीकृताखिल विभूतिरपांगलीला मांगल्यदास्तु मम मंगलदेवताया:।।1।।
मुग्ध्या मुहुर्विदधती वदनै मुरारै: प्रेमत्रपाप्रणिहितानि गतागतानि।
माला दृशोर्मधुकर विमहोत्पले या सा मै श्रियं दिशतु सागर सम्भवाया:।।2।।
विश्वामरेन्द्रपदविभ्रमदानदक्षमानन्द हेतु रधिकं मधुविद्विषोपि।
ईषन्निषीदतु मयि क्षणमीक्षणार्द्धमिन्दोवरोदर सहोदरमिन्दिराय:।।3।।
आमीलिताक्षमधिगम्य मुदा मुकुन्दमानन्दकन्दम निमेषमनंगतन्त्रम्।
आकेकर स्थित कनी निकपक्ष्म नेत्रं भूत्यै भवेन्मम भुजंगरायांगनाया:।।4।।
बाह्यन्तरे मधुजित: श्रितकौस्तुभै या हारावलीव हरिनीलमयी विभाति।
कामप्रदा भगवतो पि कटाक्षमाला कल्याण भावहतु मे कमलालयाया:।।5।।
कालाम्बुदालिललितोरसि कैटभारेर्धाराधरे स्फुरति या तडिदंगनेव्।
मातु: समस्त जगतां महनीय मूर्तिभद्राणि मे दिशतु भार्गवनन्दनाया:।।6।।
प्राप्तं पदं प्रथमत: किल यत्प्रभावान्मांगल्य भाजि: मधुमायनि मन्मथेन।
मध्यापतेत दिह मन्थर मीक्षणार्द्ध मन्दालसं च मकरालयकन्यकाया:।।7।।
दद्याद दयानुपवनो द्रविणाम्बुधाराम स्मिभकिंचन विहंग शिशौ विषण्ण।
दुष्कर्मधर्ममपनीय चिराय दूरं नारायण प्रणयिनी नयनाम्बुवाह:।।8।।
इष्टा विशिष्टमतयो पि यथा ययार्द्रदृष्टया त्रिविष्टपपदं सुलभं लभंते।
दृष्टि: प्रहूष्टकमलोदर दीप्ति रिष्टां पुष्टि कृषीष्ट मम पुष्कर विष्टराया:।।9।।
गीर्देवतैति गरुड़ध्वज भामिनीति शाकम्भरीति शशिशेखर वल्लभेति।
सृष्टि स्थिति प्रलय केलिषु संस्थितायै तस्यै नमस्त्रि भुवनैक गुरोस्तरूण्यै ।।10।।
श्रुत्यै नमोस्तु शुभकर्मफल प्रसूत्यै रत्यै नमोस्तु रमणीय गुणार्णवायै।
शक्तयै नमोस्तु शतपात्र निकेतानायै पुष्टयै नमोस्तु पुरूषोत्तम वल्लभायै।।11।।
नमोस्तु नालीक निभाननायै नमोस्तु दुग्धौदधि जन्म भूत्यै ।
नमोस्तु सोमामृत सोदरायै नमोस्तु नारायण वल्लभायै।।12।।
सम्पतकराणि सकलेन्द्रिय नन्दानि साम्राज्यदान विभवानि सरोरूहाक्षि।
त्व द्वंदनानि दुरिता हरणाद्यतानि मामेव मातर निशं कलयन्तु नान्यम्।।13।।
यत्कटाक्षसमुपासना विधि: सेवकस्य कलार्थ सम्पद:।
संतनोति वचनांगमानसंसत्वां मुरारिहृदयेश्वरीं भजे।।14।।
सरसिजनिलये सरोज हस्ते धवलमांशुकगन्धमाल्यशोभे।
भगवति हरिवल्लभे मनोज्ञे त्रिभुवनभूतिकरि प्रसीद मह्यम्।।15।।
दग्धिस्तिमि: कनकुंभमुखा व सृष्टिस्वर्वाहिनी विमलचारू जल प्लुतांगीम।
प्रातर्नमामि जगतां जननीमशेष लोकाधिनाथ गृहिणी ममृताब्धिपुत्रीम्।।16।।
कमले कमलाक्षवल्लभे त्वं करुणापूरतरां गतैरपाड़ंगै:।
अवलोकय माम किंचनानां प्रथमं पात्रमकृत्रिमं दयाया : ।।17।।
स्तुवन्ति ये स्तुतिभिर भूमिरन्वहं त्रयीमयीं त्रिभुवनमातरं रमाम्।
गुणाधिका गुरुतरभाग्यभागिनो भवन्ति ते बुधभाविताया:।।18।।
Akshaya Tritiya Date 2025 Shubh Muhurat LIVE: अक्षय तृतीया का उपाय आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के लिए
अक्षय तृतीया का दिन मां लक्ष्मी व भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए सबसे सर्वश्रेष्ठ दिनों में एक होता है। ऐसे में अगर इस दिन यदि घर पर सत्यनारायण की कथा करवाई जाए और विधि-विधान से माता लक्ष्मी की पूजा की जाए तो परिवार में खुशी बनी रहती है।Akshaya Tritiya Ki Aarti Video: अक्षय तृतीया आरती, लक्ष्मी जी और विष्णु जी की आरती
Akshaya Tritiya Date 2025 Shubh Muhurat LIVE: अक्षय तृतीया के साथ व्याप्त शुभ चौघड़िया मुहूर्त
सायाह्न मुहूर्त (लाभ) - 8:16 PM से 9:37 PM, 29th अप्रैलरात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) - 29th अप्रैल, 10:57 PM से 03:00 AM, 30 अप्रैल
प्रातः मुहूर्त (शुभ) - 10:39 ए एम से 12:18 PM, 30 अप्रैल
प्रातः मुहूर्त (लाभ, अमृत) - 05:41 AM से 09:00 AM, 30 अप्रैल
Akshaya Tritiya Gold Purchase Time 2025: अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने के शुभ समय
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का समय - 29th अप्रैल 5:31 PM से 2:12 PM, 30th अप्रैल तक रहेगा।Akshaya Tritiya Date 2025 Shubh Muhurat LIVE: अक्षय तृतीया के दिन इन मंत्रों का करें जाप
महालक्ष्मी मंत्र- ॐ श्रीं क्लीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।धन प्राप्ति कुबेर मंत्र- ॐ श्रीं ॐ ह्रीं श्रीं ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:।।
Akshaya Tritiya Date 2025 Shubh Muhurat LIVE: अक्षय तृतीया पर गुण दान का लाभ
अक्षय तृतीया पर गुड़ का दान बेहद शुभ माना जाता है। कहते हैं इससे मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।Akshaya Tritiya (Akha Teej) 2025 Katha In Hindi (अक्षय तृतीया व्रत कथा)
अक्षय तृतीया की पौराणिक कथा अनुसार प्राचीन काल में एक छोटे से गांव में धर्मदास नाम का एक गरीब वैश्य रहता था। जो हमेशा अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए चिंतित रहता था। वो बहुत धार्मिक पृव्रत्ति का था। पूजा-पाठ में उसका बहुत मन लगता था। एक दिन उसने मार्ग पर जाते समय कुछ ऋषियों के मुख से अक्षय तृतीया व्रत के महात्म्य के बारे में सुना। तब उसने भी इस दिन व्रत रखकर दान-पुण्य के कार्य करने का विचार किया।जब अक्षय तृतीया आई तो उसने उस दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा में स्नान करने के बाद विधिपूर्वक देवी-देवताओं की पूजा की और व्रत रखा। साथ ही अपने सामर्थ्यानुसार जल से भरे घड़े, पंखे, चावल, नमक, जौ, सत्तू, गेंहू, गुड़, घी, दही, सोना तथा वस्त्र आदि चीजों का दान किया। इसके बाद उसके जीवन में जब भी अक्षय तृतीया का पावन पर्व आया तब-तब उसने पूरी श्रद्धा से व्रत रख दान-पुण्य के कार्य किए।
कहते हैं अक्षय तृतीया व्रत को रखने और इस दिन दान-पुण्य करने से ही यही वैश्य दूसरे अगले जन्म में कुशावती का राजा बना। वह इतना धनी और प्रतापी राजा था कि त्रिदेव तक उसके दरबार में अक्षय तृतीया के शुभ दिन पर ब्राह्मण का वेष धारण करके आते थे और उसके महायज्ञ में शामिल होते थे।
लेकिन इतना संपन्न होने के बाद भी उसे कभी भी अपनी श्रद्धा और भक्ति का घमंड नहीं हुआ और हमेशा धर्म के मार्ग पर चलता रहा। माना जाता है कि यही राजा आगे के जन्मों में भारत के प्रसिद्ध सम्राट चंद्रगुप्त के रूप में पैदा हुआ। कहते हैं अक्षय तृतीया के दिन जो भी इस कथा का महत्त्व सुनता है और विधि विधान से पूजा और दान आदि कार्य करता है, उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही उसके जीवन में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है।
Akshaya Tritiya Mahatva: अक्षय तृतीया का ज्योतिषीय महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब अक्षय तृतीया का पर्व आता है तब सूर्यदेव अपनी उच्च राशि मेष राशि में विराजमान रहते हैं। साथ ही, इस तिथि पर चंद्रमा वृषभ राशि में मौजूद होते हैं। माना जाता है इस दौरान सूर्य और चंद्रमा दोनों ही सबसे ज्यादा चमकीले यानी सबसे ज्यादा प्रकाश प्रदान करते हैं। इस तरह से अक्षय तृतीया पर ज्यादा से ज्यादा प्रकाश पृथ्वी की सतह पर आता है। इस कारण से इस अवधि को सबसे शुभ माना गया है और इसका महत्व भी बढ़ गया है।Akshaya Tritiya Date 2025 Shubh Muhurat LIVE: अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त
06:08 से 12:32 - पुणे05:41 से 12:18 - नई दिल्ली
05:49 से 12:06 - चेन्नई
05:49 से 12:24 - जयपुर
05:51 से 12:13 - हैदराबाद
05:42 से 12:19 - गुरुग्राम
06:08 से 12:32 - पुणे
05:41 से 12:18 - नई दिल्ली
05:49 से 12:06 - चेन्नई
05:49 से 12:24 - जयपुर
05:51 से 12:13 - हैदराबाद
05:42 से 12:19 - गुरुग्राम
Akshaya Tritiya Date 2025 Shubh Muhurat LIVE: अक्षय तृतीया क्यों मनाते है?
इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं, उनका अक्षय पुण्य प्राप्त होता है।Akshaya Tritiya Daan: अक्षय तृतीया दान
अक्षय तृतीया पर अन्न, फल, चावल, आटा, दाल, गुड़, चना, घी, नमक, तिल, ककड़ी आदि चीजों का दान भी शुभ फलदायी माना जाता है। कहते हैं इससे धन धान्य की कमी नहीं होती है।Akshaya Tritiya Par Kya Kya Karna Chahiye: अक्षय तृतीया पर क्या-क्या करना चाहिए
- अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
- इस दिन किसी भी शुभ वस्तु की खरीदारी जरूर करनी चाहिए।
- इस दिन पितरों का तर्पण करना चाहिए।
- इसके अलावा ये दिन दान करने के लिए भी शुभ माना जाता है।
- इस दिन व्रत भी रख सकते हैं।
- विशेष तौर पर इस दिन सोना खरीदने की परंपरा है।
Akshaya Tritiya Par Kiski Puja Hoti Hai: अक्षय तृतीया पर किसकी पूजा होती है
इस महापर्व को श्री विष्णु भगवान की पूजा माता लक्ष्मी के साथ साथ करना चाहिए। श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ और श्री सूक्त का पाठ जीवन में धन, यश, पद और प्रतिष्ठा की प्राप्ति करायेगा। भगवान विष्णु को पीला पुष्प अर्पित कीजिये और पीला वस्त्र धारण कराके सुगन्धित अगरबत्ती जलाकर घी का 9 दीपक जलाइए और तब पूजा प्रारम्भ करिए।
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