लखनऊ। हाथरस कांड पर सियासत के बीच शनिवार को दो महत्वपूर्ण बदलाव हुए। यूपी सरकार के डीजीपी और एसीएस ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और उसके बाद राहुल गांधी- प्रियंका गांधी के हाथरस जाने का रास्ता साफ हो गया। इसके साथ ही यूपी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। यह बात अलग है कि पीड़ित परिवार ने कहा कि उनकी तरफ से इस तरह की मांग नहीं की गई थी। पीड़ित परिवार का कहना है कि वो चाहते है कि इस केस को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को सौंप दी जाए। परिवार सिर्फ यही चाहता है कि दोषियों को कठोर दंड मिले।
सीबीआई जांच के आदेश
बता दें कि हाथरस के पीड़ित परिवार से शनिवार को यूपी के डीजीपी एच सी अवस्थी और एसीएस अवनीश अवस्थी ने मुलाकात की और पीड़ित परिवार के दर्द को बांटा। एसीएस ने कहा कि सरकार इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार की मंशा साफ है कि पीड़ित परिवार को जांच के किसी भी स्तर पर संदेह न हो। उस बैठक के बाद यूपी सरकार ने फैसला किया कि हाथरस में कोई भी दल पांच की संख्या में पीड़ित परिवार से मिल सकता है।
न्याय की लड़ाई जारी रहेगी
यूपी सरकार के इस फैसले के बाद तीन दिन पहले वाला संशय और तकरार खत्म हो गया। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अधीर रंजन चौधरी, मुकुल वासनिक और के सी वेणुगोपाल रवाना हो गए। हाथरस में पीड़ित परिवार से बंद कमरे में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने करीब 50 मिनट तक बातचीत की और चेक भी सौंपा। मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने यूपी सरकार को संवेदनहीन बताया तो प्रियंका गांधी ने कहा कि न्याय की लड़ाई जारी रहेगी।
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