Chandrayaan 3 Landing: चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल 'सॉफ्ट लैंडिंग', जश्न में डूबा देश, पीएम ने दी बधाई

Chandrayaan 3 Moon Landing Mission LIVE, चंद्रयान-3 लाइव अपडेट्स
Chandrayaan 3 Landing: आज का दिन देशवासियों के लिए सबसे बड़ा दिन है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का चंद्र मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayan-3) ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरकर इतिहास रच दिया। चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर अंतरिक्षयान उतारने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद देश भर खुशी एवं जश्न का माहौल है।
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग
चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर चंद्रयान 3 की सफल 'सॉफ्ट लैंडिंग' हो गई है।बस लैंड करने वाला है चंद्रयान-3
चंद्रयान-3 अपनी लैंडिंग प्रक्रिया के अंतिम दौर में है। वह चंद मिनटों में चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर लैंड करने जा रहा है। चंद्रमा की सतह से उसकी दूरी दो किलोमीटर से भी कम रह गई है।रफ ब्रेकिंग फेज में चंद्रयान-3
अभी चंद्रयान-3 लैंडिंग की प्रक्रिया से गुजर रहा है। वह रफ ब्रेकिंग फेज से गुजर रहा है। रफ ब्रेकिंग के बाद अभी उसे तीन अलग-अलग फेज से गुजरना है।Chandrayaan 3 Landing LIVE Telecast: कलिंगा में छात्रों ने यज्ञ किया
कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के छात्रों ने संस्थान के परिसर में यज्ञ किया। राज्य भर के कई स्कूलों ने भी इस दिन को त्योहार की तरह मनाया। राज्य के सैकड़ों सरस्वती शिशु विद्या मंदिर स्कूलों में भी पूजा-अर्चना की गई। जाजपुर जिले के कैमा गांव स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर की प्रधानाध्यापिका रीतारानी स्वैन ने कहा, ‘हम मिशन को लेकर वास्तव में उत्साहित हैं। हम ईश्वर से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए भारत के मिशन को आशीर्वाद देने की प्रार्थना करते हैं।’ सुंदरगढ़ जिले में महिलाओं ने भगवान शिव की पूजा की और चंद्रमा की सतह पर लैंडर मॉड्यूल की सफल लैंडिंग के लिए नीलकंठेश्वर मंदिर में ‘शुभ कलश’ स्थापित किया। पुरी में सुदर्शन रेत कला संस्थान के छात्रों ने पुरी समुद्र तट पर चंद्रयान -3 को दर्शाते हुए रेत पर एक कलाकृति बनाई।handrayaan 3 LIVE Tracker: चंद्रयान-3: पूजा, उत्सव का दौर जारी
भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के लिए बुधवार शाम को ओडिशा में कई जगहों पर पूजा एवं यज्ञ का आयोजन किया गया। आम जनता से लेकर विभिन्न संगठनों और धार्मिक संस्थाओं के लोग इस अवसर की तैयारियों में व्यस्त दिखे। भगवान जगन्नाथ मंदिर में पुजारियों का एक समूह 12वीं सदी के मंदिर के सिंह द्वार के सामने इकट्ठा हुआ और चंद्र मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना करते हुए उन्होंने दीया जलाया। जगन्नाथ संस्कृति के शोधकर्ता भास्कर मिश्रा ने कहा, ‘चूंकि भगवान जगन्नाथ को ब्रह्मांड के स्वामी के रूप में पूजा जाता है, इसलिए उनका आशीर्वाद भारत के चंद्र मिशन के लिए सबसे आवश्यक है। वेदों के अनुसार, सभी ग्रह भगवान जगन्नाथ के निर्देशों के अनुसार सूर्य के चारों ओर घूमते हैं।’CSIR मुख्यालय पहुंचे जितेंद्र सिंह
चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग देखने के लिए केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री दिल्ली के सीएसआईआर मुख्यालय पहुंच गए हैं। चंद्रयान की लैंडिंग प्रक्रिया बस थोड़ी देर में शुरू होने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका में हैं।Chandrayaan 3 LIVE Tracker: ‘हवन' में शामिल हुआ अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल
अमेरिकी विश्वविद्यालय का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को नोएडा में एक निजी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘हवन’ कार्यक्रम में शामिल हुआ और आज होने वाली चंद्रयान-3 की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की सफलता के लिए प्रार्थना की। विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा, ‘हवन सुबह एमिटी विश्वविद्यालय के हजारों छात्रों और संकाय सदस्यों की उपस्थिति में शुरू हुआ और शाम शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रयान-3 की निर्धारित सॉफ्ट लैंडिंग तक जारी रहेगा।’Chandrayaan 3 LIVE Tracker: चंद्रयान-3 के लिए दिल्ली में विशेष प्रार्थना
चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल के चंद्रमा पर सफलतापूर्वक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने को लेकर दिल्ली के कई हिस्सों में मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों में बुधवार को विशेष प्रार्थनाएं की गईं। केंद्रीय आवास एवं शहरी मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अभियान की सफलता के लिए बंगला साहिब गुरुद्वारे में अन्य लोगों के साथ विशेष ‘अरदास’ की। इस बीच, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भारत की महत्वाकांक्षी परियोजना की सफलता के लिए प्रार्थना करते हुए संत नगर बुराड़ी में एक ‘यज्ञ’ का आयोजन किया। आर्य समाज मंदिर के वैदिक आचार्य विमलेश बंसल ने कहा, ‘हमें अटूट विश्वास है कि शुद्ध मन और वेदों के विशेष मंत्रों के साथ की गई हमारी सामूहिक प्रार्थना भगवान निश्चित रूप से सुनेंगे।’Chandrayaan 3 Landing LIVE : लैंडिंग को लेकर कश्मीर के छात्र काफी खुश
जम्मू-कश्मीर में उत्साहित छात्र चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की आज होने वाली लैंडिंग को लेकर बेहद खुश दिखे और इसे देश के लिए गर्व का क्षण बताया। जवाहर नगर के सरकारी स्कूल में 12वीं कक्षा के छात्र राठेर आबिद अशरफ़ ने यहां पीटीआई-भाषा को बताया, ‘इन्शा अल्लाह ! यह सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। हमें उम्मीद है और हम इसकी होने वाली लैंडिंग को लेकर बेहद खुश हैं ।’ अशरफ ने कहा, ‘यह केवल इसरो का अभियान नहीं है, बल्कि इससे यह प्रदर्शित होगा कि भारत कैसे आगे बढ़ रहा है। मैं इसरो टीम की सराहना करना चाहता हूं जिसने इस जबरदस्त उपलब्धि को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की है।’कैलाश खेर बोले-यह गर्व का पल
चंद्रयान-3 के लैंडिंग का समय नजदीक आ गया है। इस ऐतिहासिक घटना को देखने के लिए लोगों में गजब का उत्साह है। साथ ही उनकी धड़कनें भी बढ़ी हुई हैं। लोग चंद्रयान-3 की सफलता के लिए प्रार्थना एवं दुआएं कर रहे हैं। बॉलीवुड के गायक कैलाश खेर ने कहा कि चंद्रयान-3 की लैंडिंग सभी भारतवासियों के लिए गर्व का पल है।फारूक-उमर को उम्मीद-सफलतापूर्वक लैंड करेगा चंद्रयान-3
नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को उम्मीद जताई कि चंद्रयान-3 चंद्रमा की अपनी यात्रा आज शाम को सफलतापूर्वक पूरी कर लेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को कहा कि वह आज शाम चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग के वास्ते अपने महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान -3 के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) के लिए स्वचालित लैंडिंग अनुक्रम (एएलएस) शुरू करने को पूरी तरह तैयार है। लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) वाले एलएम को शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के पास उतारने का कार्यक्रम है। अब तक कोई भी देश चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक नहीं पहुंच सका है ।Chandrayaan 3 LIVE Tracker: लैंडर में इस बार 2 बचाव कैमरे लगाए
चंद्रयान-2 में लैंडर को खतरे का पता लगाने के लिए कैमरे नहीं थे लेकिन इसरो ने गलती को सुधारते हुए चंद्रयान-3 के लैंडर में 2 बचाव कैमरे लगाए हैं। चंद्रयान-2 में केवल एक ही ऐसा कैमरा था। चंद्रयान 3 चाहे किसी भी तरह से लैंड करे, इसे एनर्जी देने के लिए अलग से सोलर पैनल लगाए गए हैं। इसरो ने इसकी लैंडिंग को हेलिकॉप्टर और क्रेन के जरिए टेस्ट किया है।इसरो ने कहा-'ऑटोमैटिक लैंडिंग सीक्वेंस' के लिए पूरी तरह से तैयार
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को कहा कि वह अपने महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) को बुधवार शाम चंद्रमा की सतह पर उतारने के वास्ते 'ऑटोमैटिक लैंडिंग सीक्वेंस' (एएलएस) शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस एलएम बुधवार शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। यह एक ऐसी उपलब्धि है, जो अब तक किसी भी देश को हासिल नहीं हुई है।Chandrayaan 3 LIVE Tracker: मिशन के लिए कई तकनीकी बदलाव किए
चंद्रयान-2 के लिए लैंडिंग साइट 500 मीटर x 500 मीटर तय थी। लैंडिंग के लिए यह साइट छोटी थी लेकिन इस बार इसे बढ़ाकर 2.5 किलोमीटर किया गया। इससे चंद्रयान-3 के लिए लैंडिंग का दायरा काफी बड़ा हो गया। चंद्रयान को यदि दूसरी जगह पर लैंड कराने की जरूरत पड़े तो उसमें ईंधन की कमी न पड़े इसलिए उसमें ईंधन भी ज्यादा रखा गया।Chandrayaan Mission Live: इसरो ने पिछली विफलताओं से लिए सबक
चद्रयान-2 की विफलता से सबक लेते हुए इसरो ने इस बार अपने चंद्रयान-3 मिशन को डिजाइन किया। मिशन की सफलता की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए उसने चंद्रयान के सॉफ्टवेयर हार्डवेयर और लैंडिंग अनुक्रम में कई संशोधन किए।शनमुगा ने किया कलाम को याद
2019 में विक्रम लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के एक महीने बाद चेन्नई के इंजीनियर शनमुगा सुब्रमण्यम ने मलबे का पता लगाने में मदद की जिसके बाद वह सुर्खियों में आ गए। नासा ने चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर को खोजने का श्रेय उन्हें दिया। चार साल बाद जब दुनिया विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग का बेसब्री से इंतजार कर रही है। ऐसे में शनमुगा भी इतिहास बनते देखने के लिए उत्साहित हैं।अगर चंद्रयान-3 कामयाब होता है तो...
अगर चंद्रयान-3 कामयाब होता है तो यह दिखाएगा कि कैसे अंतरिक्ष अधिक सुलभ होता जा रहा है और यह कठित मिशन को हासिल करने में भारत की निरंतर दृढ़ता को दर्शाएगा।प्रत्येक सफल मिशन के साथ मानवता का चंद्रमा की सतह और उसके पर्यावरण के बारे में ज्ञान बढ़ता जा रहा है जिसका मतलब है कि चंद्रमा तक जाने और वहां ठहरने के जोखिम कम हो रहे हैं।इसरो का प्लान-बी
Space Applications Centre-ISRO के डायरेक्टर नीलेश एम. देसाई ने कहा है कि अगर 23 अगस्त को स्थितियां अनुकूल नहीं हुई तो लैंडिंग की तारीख को आगे बढ़ाया जा सकता है। ऐसे स्थिति में 27 अगस्त को लैंडिंग को अंजाम दिया जाएगा। नीलेश एम. देसाई ने कहा है कि 23 अगस्त को चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने से दो घंटे पहले हम लैंडर मॉड्यूल की स्थिति और चंद्रमा पर स्थितियों का आंकलन करेंगे और उसी आधार पर निर्णय लेंगे।तो आगे बढ़ सकती है लैंडिंग की तारीख
इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि अभी तक हमें चंद्रयान-3 की लैंडिंग में कोई परेशानी नहीं दिख रही है। सब कुछ हमारे अनुरूप ही चल रहा है। 23 अगस्त को लैंडिंग से 2 घंटे पहले हम लैंडर मॉड्यूल को कमांड देंगे और स्थितियों का आकलन करेंगे। अगर हमें कुछ भी आपत्तिजनक लगता है तो हम चंद्रयान-3 की लैंडिंग को स्थगित कर देंगे और 27 अगस्त को लैंडर को चंद्रमा पर उतारेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कोई समस्या नहीं होनी चाहिए और हम 23 अगस्त को मॉड्यूल को चंद्रमा पर उतारने में सक्षम होंगे।ISRO के ऑफिस का नजारा

क्या-क्या करेंगे लैंडर और रोवर
लैंडर 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा, जबकि प्रणोदन मॉड्यूल चंद्रमा के चारों ओर परिक्रमा करता रहेगा और पृथ्वी के वायुमंडल का अध्ययन करता रहेगा। यह एक्सोप्लैनेट के हस्ताक्षर भी जमा करेगा जो हमारी रहने योग्य स्थिति के लिए योग्य होंगे। लैंडर के नीचे छूने और चंद्रमा की धूल जमने के बाद 'प्रज्ञान' रोवर विक्रम लैंडर से नीचे लुढ़क जाएगा। फिर लैंडर रोवर की तस्वीरें लेगा। चंद्रमा पर उतरने के बाद रोवर चंद्रमा की सतह की संरचना और भूविज्ञान पर डेटा एकत्र करेगा, जिससे व्यापक अनुसंधान का मार्ग खुलेगा।आज शाम को 6.04 बजे लैंडिंग
चंद्रयान -3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) - लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान आज (बुधवार) शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला है। इस उपलब्धि को हासिल करने की कोशिश कर रूसी यान लूना-25 कुछ दिन पहले ही क्रैश हुआ है। चंद्रयान-3 की सफलता भारत को अमेरिका, चीन और तत्कालीन सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग की तकनीक में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बना देगी।टर्मिनल डिसेंट फेज
अगले 131 सेकेंड में लैंडर सतह से 150 मीटर ऊपर आ जाएगा। लैंडर पर लगा हैजार्ड डिटेक्शन कैमरा चंद्रमा के सतह की तस्वीरें खींचेगा।स्थिति ठीक रही तो विक्रम 73 सेकेंड में चांद पर उतर जाएगा।फाइन ब्रेकिंग फेज
यह फेज 175 सेकेंड तक चलेगा इसमें स्पीड 0 पर पहुंच जाएगी। विक्रम लैंडर की पोजीशन अब वर्टिकल हो जाएगी। सतह से ऊंचाई 800 मीटर से 1300 मीटर के बीच होगी।विक्रम के सेंसर चालू किए जाएंगे और ऊंचाई नापी जाएगी।ऑल्टिट्यूड होल्ड फेज
विक्रम लैंडर चांद की सतह की फोटो खींचेगा और पहले से मौजूद फोटोज के साथ इसकी तुलना करेगा। चंद्रयान-2 के समय यह फेज 38 सेकेंड का था अब 10 सेकेंड का होगा।रफ ब्रेकिंग फेज
यह फेज 690 सेकेंड का होगा। इस दौरान विक्रम के सभी सेंसर्स कैलिबरेट होंगे। इस दौरान लैंडर लैंडिंग साइट से 750 किमी. दूर होगा और गति 1.6 किमी/से. होगी।लैंडिंग के चार फेज होंगे
चंद्रयान लैंडिंग के चार फेज होंगे और इसी से तय होगा कि विक्रम लैंडर सफलता से उतरता है या नहीं।चंद्रयान-3 मिशन 14 जुलाई को से लॉन्च किया गया था
चंद्रयान-3 मिशन 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश में भारत के मुख्य अंतरिक्ष बंदरगाह से लॉन्च किया गया था। 14 जुलाई के लॉन्च के बाद से तीन हफ्तों में इसरो ने चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी से दूर की कक्षाओं में स्थापित किया था। फिर 1 अगस्त को अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा से चंद्रमा की ओर सफलतापूर्वक भेजा गया। इस ट्रांस-लूनर इंजेक्शन के बाद चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान पृथ्वी की परिक्रमा करने से बच गया और उस पथ पर चलना शुरू कर दिया जो इसे चंद्रमा के आसपास ले गया।सभी प्रणालियां कर रही हैं सही काम
देश की अंतरिक्ष एजेंसी ने सोमवार को कहा कि चंद्रमा पर जाने वाले भारतीय अंतरिक्ष यान की सभी प्रणालियां पूरी तरह से काम कर रही हैं और लैंडिंग के दिन किसी भी अनहोनी की आशंका नहीं है। 2019 में विफलता के बाद चंद्रमा पर उतरने का यह भारत का दूसरा प्रयास है। चंद्रयान -2 अपने चंद्र चरण में विफल हो गया था जब इसका लैंडर 'विक्रम' प्रयास करते समय लैंडर में ब्रेकिंग सिस्टम में विसंगतियों के कारण चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। 7 सितंबर, 2019 को टच डाउन के दौरान ये घटना हुई थी।पीएम मोदी वर्चुअल माध्यम से देखेंगे
चंद्रयान -3 आज चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने का प्रयास करेगा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका से लैंडिंग कार्यक्रम में शामिल होंगे। यहां वह 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। वह वर्चुअल माध्यम से इस इवेंट को देखेंगे।चंद्रयान 3 में बहुत सारे एल्गोरिदम बदले गए हैं- ISRO के पूर्व डायरेक्टर
ISRO के पूर्व निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने कहा कि मुझे ISRO के वैज्ञानिकों की तरह ही विश्वास है कि हम बहुत बेहतर करेंगे क्योंकि चंद्रयान 2 की तुलना में बहुत सारे बदलाव किए गए हैं। बहुत सारे एल्गोरिदम बदले गए हैं। पूर्ण अंशांकन किया गया है। लैंडर में घूमने की क्षमता है। लैंडिंग क्षेत्र को 2.5 किमी से बढ़ाकर 4 किमी कर दिया गया है।चंद्रयान-3 की सफलता के लिए मंदिर और घाटों पर जमे हुए लोग
चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग की कामना के साथ वाराणसी के लोग सुबह से ही मंदिर और घाटों पर जमे हुए है। वाराणसी के पांडे घाट पर भी लोगों ने मां गंगा की विशेष आरती उतारी और पूजा किया। एक हाथ में पूजा की थाली थी तो दूसरे में चंद्रयान की फोटो। इस दौरान लोगों ने टाइम्स नाउ नवभारत के चांद पर जय हो के साथ सेल्फी भी लेने की होड़ लगी रही।चंद्रयान 3 चंद्रमा की सतह पर उतरने को तैयार
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्र मिशन के तहत चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) बुधवार शाम को चंद्रमा की सतह पर उतरने को तैयार है। ऐसा होने पर भारत पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बनकर इतिहास रच देगा। लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल के बुधवार को शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के निकट सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है।रेत से 'चंद्रयान'-3 का लांचिंग बनाकर ISRO को दिया 'JAI HO ISRO ' का संदेश
मशहूर सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक के १२ छात्रों ने मिलकर पुरी के तट से ISRO के वैज्ञानिकों को खास अंदाज में "जय हो "विश किया है। उन्होंने रेत पर सैटेलाइट की अद्भुत कलाकृति बनाई है।कैप्शन में लिखा- ISRO टीम को चंद्रयान 3 अवतरण के लिए जय हो ISRO
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