गुजरात दंगों में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद की पत्नी जकिया जाफरी का निधन, 86 की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

Zakia Jafri Passed Away: गुजरात दंगों में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी का अहमदाबाद में निधन हो गया। उन्होंने मोदी प्रशासन पर आरोप लगाया था कि वह अपर्याप्त पुलिसकर्मियों के बावजूद दंगों को रोकने के लिए सेना की तैनाती में देरी कर रहा था तथा उन्होंने गुजरात उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अनुरोध किया था कि उनकी शिकायत को प्राथमिकी के रूप में माना जाए।

Zakia Jafri Passed Away

जकिया जाफरी का 86 वर्ष की आयु में निधन

Ahmedabad: जकिया जाफरी का 86 साल की उम्र में अहमदाबाद में निधन हो गया। जकिया जाफरी कांग्रेस के दिवंगत पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी है। एहसान जाफरी की 28 फरवरी 2002 को दंगों के दौरान अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद जकिया ने एसआईटी द्वारा गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी समेत 64 लोगों को क्लीन चिट दिए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

जकिया जाफरी ने दुनिया को कहा अलविदा

गुजरात में 2002 के दंगों में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी का शनिवार को अहमदाबाद में 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। एहसान जाफरी उन 69 लोगों में शामिल थे, जिनकी हत्या अहमदाबाद के मुस्लिम बहुल इलाके गुलबर्ग सोसाइटी में 28 फरवरी 2002 को की गई थी। यह घटना गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बों में आगजनी की घटना के एक दिन बाद हुई थी, जिसमें अयोध्या से लौट रहे 59 ‘कारसेवकों’ की मौत हो गई थी। इस घटना से पूरे राज्य में भयानक दंगे भड़क उठे।

जकिया जाफरी उस समय राष्ट्रीय सुर्खियों में आईं, जब उन्होंने गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद हुए दंगों की बड़ी साजिश में शीर्ष राजनीतिक नेताओं को जवाबदेह ठहराने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ाई लड़ी। उनके बेटे तनवीर जाफरी ने कहा, 'मेरी मां अहमदाबाद में मेरी बहन के घर आई हुई थीं। उन्होंने सुबह के अपने दैनिक कार्य पूरे किये और परिवार के सदस्यों के साथ सामान्य रूप से बातचीत कर रही थीं, तभी उन्होंने बेचैनी की शिकायत की। डॉक्टर को बुलाया गया, जिसने पूर्वाह्न करीब 11:30 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया।'

मोदी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने की मांग की थी

सुप्रीम कोर्ट में जाफरी की विरोध याचिका में सह-शिकायतकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने ‘एक्स’ पर कहा, 'मानवाधिकार समुदाय की एक सहृदय नेता जकिया आपा का निधन सिर्फ 30 मिनट पहले हुआ! उनकी दूरदर्शी उपस्थिति को देश, परिवार, दोस्तों के साथ ही पूरी दुनिया याद करेगी! तनवीर भाई, निशरीन, दुरैयप्पा, नाती-नातिन हम आपके साथ हैं! शांति से विश्राम करें जकिया आपा!' जकिया जाफरी ने 2006 में अपनी शिकायत में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के पीछे नौकरशाही की निष्क्रियता, पुलिस की मिलीभगत और नफरत भरे भाषण के जरिए “एक बड़ी साजिश” को उजागर किया था। उन्होंने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने की मांग की थी।

उन्होंने मोदी प्रशासन पर आरोप लगाया था कि वह अपर्याप्त पुलिसकर्मियों के बावजूद दंगों को रोकने के लिए सेना की तैनाती में देरी कर रहा था तथा उन्होंने गुजरात उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अनुरोध किया था कि उनकी शिकायत को प्राथमिकी के रूप में माना जाए। उच्च न्यायालय द्वारा उनकी याचिका खारिज किये जाने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसने दंगों के मामलों की जांच के लिए 2008 में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को उनकी शिकायत पर भी विचार करने का निर्देश दिया।

कोर्ट ने मोदी समेत 64 को दी थी क्लीन चिट

फरवरी 2012 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एसआईटी द्वारा अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने और मोदी तथा 63 अन्य को ‘क्लीन चिट’ देने के बाद जाफरी ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत में एक विरोध याचिका दायर कर इस रिपोर्ट को खारिज करने की मांग की। रिपोर्ट में कहा गया था कि उनके खिलाफ “अभियोजन योग्य कोई साक्ष्य नहीं है”। जब मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने उनकी विरोध याचिका खारिज कर दी और एसआईटी की अंतिम रिपोर्ट स्वीकार कर ली, तो जकिया जाफरी ने गुजरात उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसने 2017 में उनकी याचिका खारिज कर दी।

इसके बाद उन्होंने मोदी और 63 अन्य को एसआईटी की क्लीन चिट को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार करने के अहमदाबाद की अदालत के फैसले को बरकरार रखा और उनकी विरोध याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 24 जून, 2022 के अपने आदेश में कहा कि उसने जकिया जाफरी की अपील में कोई दम नहीं पाया।

जकिया जाफरी के बारे में क्या बोले केरल के मुख्यमंत्री?

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को कहा कि 2002 के गुजरात दंगों में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी को सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में अपना जीवन समर्पित करने के लिए याद किया जाएगा। जकिया का शनिवार को अहमदाबाद में निधन हो गया। वह 86 वर्ष की थीं। उनके इंतकाल पर शोक व्यक्त करते हुए विजयन ने फेसबुक पोस्ट में कहा कि 2002 के दंगों के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जकिया की दो दशक लंबी कानूनी लड़ाई 'धर्मनिरपेक्ष भारत के इतिहास में एक शानदार अध्याय थी।'

मुख्यमंत्री ने कहा कि अहमदाबाद के गुलबर्ग सोसाइटी में नरसंहार करने वाले दंगाइयों ने एहसान जाफरी सहित 69 लोगों की जान ले ली। उन्होंने कहा कि अपराधियों को इंसाफ के कठघरे में लाने के लिए जकिया की कानूनी लड़ाई, दंगों के पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की लड़ाई में बदल गई। विजयन ने कहा, 'यह दुखद तथ्य है कि आज भी न्याय सुनिश्चित नहीं हो पाया है।'

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हितेन विठलानी author

2011 में ANI मुंबई ब्यूरो में इंटर्न से शुरू हुआ सफर, 2012 में समय मुंबई में ट्रेनी प्रोड्यूसर तक पहुंचा लेकिन मंत्रालय में लगी आग के बाद से रिपोर्टर ...और देखें

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