तहव्वुर राणा पर मुकदमा चलाने के लिए सरकार ने बनाई वकीलों की टीम, जानें कौन करेगा लीड, टीम में कौन-कौन शामिल

गृह मंत्रालय (एमएचए) ने एक अधिसूचना में कहा कि यह नियुक्ति राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण अधिनियम, 2008 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए की गई है। अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की अध्यक्षता में विशेष लोक अभियोजकों की एक टीम नियुक्त की है।

Tahawwur Rana

अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है तहव्वुर राणा।

Tahawoor Rana : मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार ने वकीलों की टीम गठित कर दी है। वकीलों की इस टीम का नेतृत्व महाधिवक्ता तुषार मेहता और अतिरिक्त महाधिवक्ता एसवी राजू करेंगे। 2008 में हुए मुंबई हमले के 16 साल बाद राणा का प्रत्यर्पण अमेरिका से हुआ है। एनआईए की टीम ने उससे पूछताछ की है। अब उसके खिलाफ मुकदमा चलाने की तैयारी चल रही है।

टीम में ये दिग्गज शामिल

गृह मंत्रालय (एमएचए) ने एक अधिसूचना में कहा कि यह नियुक्ति राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण अधिनियम, 2008 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए की गई है। अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की अध्यक्षता में विशेष लोक अभियोजकों की एक टीम नियुक्त की है, जिसमें अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू, वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और अधिवक्ता नरेंद्र मान शामिल हैं। यह टीम एनआईए की ओर से दिल्ली स्थित एनआईए की विशेष अदालतों, दिल्ली उच्च न्यायालय और भारत के उच्चतम न्यायालय में आरसी-04/2009/एनआईए/डीएलआई मामले से संबंधित मुकदमे और अन्य मामलों को संभालेंगी।

हमलो में 166 लोग मारे गए

आरसी-04/2009/एनआईए/डीएलआई, दिल्ली में एनआईए के पास पंजीकृत मामले से संबंधित है, जिसमें 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के संबंध में तहव्वुर हुसैन राणा और डेविड कोलमैन हेडली के खिलाफ मुकदमा चलाया जा रहा है। एनआईए ने वर्षों के निरंतर प्रयास के बाद अमेरिका से राणा का प्रत्यर्पण सुनिश्चित किया और यहां पहुंचने पर 10 अप्रैल को उसे गिरफ्तार कर लिया। राणा पर पाकिस्तान के आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा द्वारा 2008 में किए गए हमलों के पीछे की बड़ी साजिश में शामिल होने का आरोप है। इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे।

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रोजाना 8-10 घंटे हुई पूछताछ

उसे नौ मई को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था और एनआईए द्वारा हिरासत में पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। हिरासत के दौरान, 2008 के आतंकवादी हमले के पीछे की बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए एनआईए जांचकर्ताओं द्वारा राणा से प्रतिदिन लगभग आठ से दस घंटे तक पूछताछ की गई। राणा (64) पर अपने सह-साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाउद गिलानी को कई बार फोन कॉल करने का भी आरोप है, जो वर्तमान में उस देश की जेल में बंद एक अमेरिकी नागरिक है।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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