चंद्र रहस्यों की खोज में शिव शक्ति प्वाइंट के आसपास घूम रहा है प्रज्ञान रोवर, ISRO ने बताए चंद्रयान-3 मिशन के 3 उद्देश्य

चंद्रयान 3 मिशन सफल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों को बैंगलुरु जाकर बधाई दी। जहां लैंडर उतरा उस स्थान का नाम शिव-शक्ति पॉइंट रखा। इसके बाद ISRO ने एक वीडियो ट्वीट कर नई जानकारी दी।

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चंद्रमा की सतह से विक्रम लैंडर ने भेजी नई तस्वीरें

चंद्रयान 3 मिशन के लैंडर विक्रम 23 अगस्त 2023 को सफलतापूर्वक चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव की सतह पर उतरा। अब लैंडर के पेट से निकलकर प्रज्ञान रोवर चंद्रमा का अध्ययन कर रहा है। वहां से लगातार तस्वीरें भेज रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्वीटर के जरिये हम तक जानकारी पहुंचा रहा है। 26 अगस्त को एक वीडियो ट्वीट कर बताया कि दक्षिणी ध्रुव पर चंद्र रहस्यों की खोज में प्रज्ञान रोवर शिव शक्ति प्वाइंट के आसपास घूम रहा है! गौर हो कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ही ऐलान किया कि चंद्रयान-3 लैंडर चंद्रमा की सतह पर जिस स्थान पर उतरा है, उसका नाम ‘शिव-शक्ति पॉइंट’ रखा जाएगा। साथ इसरो ने एक अन्य ट्वीट में चंद्र मिशन के तीन उद्देश्य बताए। दो पूरे हो गए।

ISRO ने बताए चंद्रयान-3 मिशन के 3 उद्देश्य

  • चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और नरम लैंडिंग का प्रदर्शन पूरा हो गया है।
  • चंद्रमा पर रोवर के घूमने का प्रदर्शन पूरा हो गया है।
  • यथास्थान वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन चल रहा है। सभी पेलोड सामान्य रूप से कार्य कर रहे हैं।

पीएम मोदी चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद इसरो के वैज्ञानिकों से मिलने के लिए यूनान की राजधानी एथेंस से आज सुबह सीधे बेंगलुरु पहुंचे। उन्होंने ऐलान किया कि चंद्रयान-3 लैंडर चंद्रमा की सतह पर जिस स्थान पर उतरा है, उसका नाम ‘शिव-शक्ति पॉइंट’ रखा जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास का असाधारण क्षण करार दिया और कहा कि चंद्रमा की सतह पर जिस स्थान पर चंद्रयान-2 ने 2019 में अपने पदचिह्न छोड़े थे। उसे ‘तिरंगा पॉइंट’ के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर के चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने की याद में भारत 23 अगस्त की तारीख ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ के रूप में मनाएगा। प्रधानमंत्री यहां स्थित ‘इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क’ (आईएसटीआरएसी) में वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए भावुक हो गए और उन्होंने उनके समर्पण एवं जुनून की खूब प्रशंसा की। इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने उन्हें चंद्रयान-3 मिशन के बारे में जानकारी दी।

प्रधानमंत्री के अभिवादन के लिए आईएसटीआरएसी के पास स्थित जलहल्ली क्रॉस और एचएएल (हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) हवाई अड्डे के बाहर बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए। इनमें से कई ने हाथों में तिरंगा थाम रखा था। चंद्रयान-3 मिशन का लैंडर मॉड्यूल बुधवार शाम को जब चंद्रमा की सतह पर उतरा था, उस समय मोदी आईएसटीआरएसी के ‘मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स’ (एमओएक्स) में इसरो की टीम के साथ जोहानिसबर्ग से ऑनलाइन जुड़े थे, जहां वह ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) के 15वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे थे।

इससे पहले, मोदी चंद्रयान-2 मिशन के ‘विक्रम’ लैंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने का साक्षी बनने के लिए छह सितंबर 2019 की रात को बेंगलुरु आए थे, लेकिन सात सितंबर को तड़के सतह पर उतरने के निर्धारित समय से चंद मिनट पहले इसरो का यान से संपर्क टूट गया था। उस समय ‘विक्रम’ चंद्रमा की सतह से मात्र 2.1 किलोमीटर ऊपर था।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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