नाग पंचमी पर सद्गुरु सन्निधि में हुई प्राचीन नाग मंडल पूजा, सद्गुरु भी रहे मौजूद

ऐसा माना जाता है कि यह पूजा जीवन में बाधाओं को दूर करती हैं और सद्भाव, शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक प्रगति लाती है।

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पूजा कार्यक्रम में मौजूद रहे सद्गुरु

तस्वीर साभार : Times Now Digital

Nag Panchami Puja: नाग पंचमी पवित्र नाग पूजा का त्योहार हैं और इसके शुभ अवसर पर प्रसिद्ध उडुपी वैद्य ने सद्गुरु सन्निधि, चिक्काबल्लापुर में नाग मंदिर में नाग मंडल पूजा का आयोजन किया। ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु ने मंदिर में आरती करके इस प्रक्रिया की शुरुआत की। इस अनुष्ठान में भाग लेने वाले लोगो को नाग मंदिर में अर्पण का अवसर भी मिला।

पवित्र सर्प या नाग की कृपा प्राप्त करने का उद्देश्य

नाग मंडला पूजा एक पारंपरिक प्राचीन अनुष्ठान है जिसका उद्देश्य पवित्र सर्प या नाग की कृपा प्राप्त करना है, जिसमें आध्यात्मिक विकास के साथ विभिन्न लाभ प्राप्त होते हैं। इसमें एक ज्यामितीय डिजाइन वाले एक मंडल के चित्रण के साथ मंत्रों का पाठ और नाग को विभिन्न प्रकार के अर्पण किए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह पूजा जीवन में बाधाओं को दूर करती हैं और सद्भाव, शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक प्रगति लाती है।

नाग पंचमी के अवसर पर ट्वीट करते हुए सद्गुरु ने कहा, ‘इंसान के अंदर सारी सीमाओं से परे जाने की स्वाभाविक लालसा होती है। नाग एक जीवित देवता हैं, जिन्हें जीवन को बड़े पैमाने पर अनुभव करने के लिए एक प्रवेश द्वार के रूप में स्थापित किया गया है।’

नाग पंचमी की शुभेच्छा देते हुए सद्गुरु ने अपने एक ट्वीट में लिखा, ‘आप जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों में किसी बात को जितनी गहराई से समझते हैं और उस क्षेत्र में आप उतने ही सफल साबित होंगे। आप जीवन के सभी पहलुओं में अनुभव की गहराई को जानें!‘

इस पूजा के समय एक धार्मिक नाग मंडला नृत्य प्रस्तुत किया गया। इस दिन भक्तों को अश्लेषाबलि पूजा में भाग लेने का अवसर भी मिला, जिससे एक इंसान के जीवन में सर्प दोष निष्फल हो जाते हैं।

मेले का आयोजन

नाग पंचमी के अवसर पर पूजा अनुष्ठानों के साथ एक पारंपरिक ग्रामीण मेले का भी आयोजन हुआ। इस मेले में कई खेल, भोजन स्टॉल, और हस्तशिल्प की दुकानें 19 अगस्त से 21 अगस्त तक देखने को मिलीं। इस अवधि के दौरान साधकों को योगेश्वर लिंग की कृपा प्राप्त करने के लिए हालु अभिषेक का अवसर मिला। इस अभिषेक में योगेश्वर लिंग को दूध का अर्पण किया जाता है। योगेश्वर लिंग 112 फीट ऊंचे आदियोगी के पास स्थित मानव तंत्र के पांच प्रमुख चक्रों वाला लिंग है, जिसे सद्गुरु ने प्राण प्रतिष्ठित किया है।

नाग पंचमी के अवसर पर कई राजनीतिक नेता कार्यक्रम का हिस्सा बने। इनमें कोलार सांसद मुनिस्वामी, गुलबर्गा सांसद उमेश जाधव, कर्नाटक उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. एमसी सुधाकर-जिला प्रभारी-चिक्कबल्लापुर, कर्नाटक के खाद्य और नागरिक मंत्री के.एच. मुनियप्पा, विधायक चिक्कबल्लापुर प्रदीप ईश्वर, साथ ही सिरा तुमकुर से कर्नाटक विधानसभा सदस्य टी.बी. जयचंद्र शामिल थे। इस अवसर पर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस.एम. कृष्णा की पत्नी प्रेमा कृष्णा और उप मुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार की बेटी ऐश्वर्या हेगड़े भी उपस्थित थीं।

इसके अलावा आईएएस और बीएमआरसीएल (नम्मा मेट्रो) की महाप्रबंधक श्रीमती दिव्या होसुर, आईएएस विशेष आयुक्त बीबीएमपी डॉ के.वी. त्रिलोक चंद्र, आईएएस उपायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट चिक्कबल्लापुर श्री पी.एन. रवींद्र, आईएएस सीईओ-जिलापंचायत चिकबल्लापुर श्री प्रकाश नित्ताली, आईपीएस पुलिस महानिदेशक – प्रशिक्षण डॉ. पी. रवींद्रनाथ और आईपीएस एडीजी पुलिस-कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस प्रमुख श्री सीमांत कुमार सिंह, आईएफएस एपीसीसीएफ - अनुसंधान और उपयोग श्री श्रीनिवासुलु, अल्लूरी मंडल नियंत्रक कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम चिक्कबल्लापुर डिवीजन श्री हिमवर्धन नायडू को भी नागा मंडल पूजा कार्यक्रम में भाग लेते देखा गया। इस अवसर पर चिकबल्लापुर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश भी उपस्थित रहे। साथ ही फिल्म सेलेब्स में तमन्ना भाटिया, रॉकलाइन वेंकटेश और श्रीनिधि शेट्टी भी प्राचीन नागा अनुष्ठानों के मौके पर नजर आए।

सद्गुरु सन्निधि

सद्गुरु सन्निधि दुनिया भर में "आध्यात्मिक बुनियादी ढांचे" का निर्माण करने के सद्गुरु के दृष्टिकोण का एक हिस्सा है जो पूरी मानवता को "आध्यात्मिकता की एक बूंद" प्रदान करेगा। सद्गुरु सन्निधि एक शक्तिशाली रूप से प्रतिष्ठित स्थान है जो व्यक्ति में आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देगा। वर्तमान में सद्गुरु सन्निधि में नाग मंदिर, आदियोगी और योगेश्वर लिंग हैं। सद्गुरु सन्निधि में इनके अलावा आने वाले समय में लिंग भैरवी मंदिर और दो तीर्थकुंड या ऊर्जान्वित जल कुंड भी होंगे।

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