Monsoon 2025: मॉनसून को लेकर आई बड़ी खुशखबरी, इस साल झूमकर बरसेंगे बादल; IMD ने बताया कितनी बारिश?

Monsoon 2025: भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने साल 2025 के मॉनसून को लेकर पूर्वानुमान जारी किया है। IMD की मानें तो इस साल मॉनसूनी सीजन में जमकर बादल बरसेंगे। देश में सामान्य से अधिक बारिश होने की पूरी संभावना है। आइये जानते हैं मौसम को लेकर क्या खुशखबरी है

Monsoon 2025

मॉनसून 2025 को लेकर अलर्ट

Monsoon 2025: भारत में गर्मी से राहत पाने के लिए लोग बादलों की ओर निहारते रहते हैं। प्री मॉनसून यानी मार्च के आखिरी से लेकर जून में पूर्ण मॉनसून के एक्टिव होने का इंतजार करते हैं। तो इस साल के लिए भारतीय मौसम विभाग ने बड़ी खुशखबरी अभी से दे दी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इस बार मानसून में भारत में सामान्य से अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान जारी किया है। आईएमडी ने मानसून के मौसम के दौरान अल नीनो की स्थिति बनने की संभावना को भी खारिज कर दिया। आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि भारत में चार महीने (जून से सितंबर) के मानसून के मौसम में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है और कुल वर्षा 87 सेंटीमीटर के दीर्घावधि औसत का 105 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

यह भी पढे़ं- कल का मौसम 16 April 2025 : बारिश के साथ आएगा आंधी-तूफान, वज्रपात-ओलावृष्टि से रहें सावधान! मौसम विभाग का बड़ा अलर्ट

आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम मानसूनी बारिश से जुड़ी अल-नीनो स्थितियां इस बार विकसित होने की संभावना नहीं है। देश के कई हिस्से पहले से ही भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं और अप्रैल से जून की अवधि में बहुत ज्यादा गर्मी पड़ने का अनुमान है। इससे बिजली ग्रिड पर दबाव पड़ सकता है और पानी की कमी हो सकती है। मानसून भारत के कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, जो लगभग 42.3 प्रतिशत आबादी की आजीविका का आधार है और देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 18.2 प्रतिशत का योगदान देता है।

वर्षा पर टिकी कृषि

कुल खेती योग्य क्षेत्र का 52 फीसदी हिस्सा वर्षा आधारित प्रणाली पर निर्भर है। यह देशभर में बिजली उत्पादन के अलावा पीने के पानी के लिए महत्वपूर्ण जलाशयों को फिर से भरने के लिए भी अहम है। इसलिए, मानसून के मौसम में सामान्य वर्षा का पूर्वानुमान देश के लिए एक बड़ी राहत है। हालांकि, सामान्य वर्षा का यह मतलब नहीं है कि पूरे देश में हर जगह एक समान बारिश होगी। जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा आधारित प्रणाली की परिवर्तनशीलता और अधिक बढ़ जाती है। जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश के दिनों की संख्या घट रही है, जबकि भारी बारिश की घटनाएं (थोड़े समय में अधिक बारिश) बढ़ रही हैं। इससे कुछ क्षेत्रों में बाढ़ और कुछ क्षेत्रों में सूखे की स्थिति पैदा होती है।

2024 में इन राज्यों में हुई थी अधिक बारिश

आईएमडी के अनुसार, राजस्थान, गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश उन राज्यों में शामिल हैं जहां सामान्य से अधिक वर्षा हुई। आईएमडी ने 2024 मानसून के लिए सामान्य से अधिक वर्षा (एलपीए का 106 प्रतिशत) का अनुमान लगाया था।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। देश (India News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited