'क्या चीज है शरद पवार?' घर के बाहर लगे नए पोस्टर, समझिए मायने
Lok Sabha Elections 2024: महाराष्ट्र की सियासत एक बार फिर अलग मोड़ पर जाती दिख रही है। शरद पवार के घर के बाहर नए पोस्टर्स लगे हैं, जिसमें उनके भतीजे अजित पवार पर तीखा तंज कसा गया है। इस पोस्टर में लिखा गया है कि 'जो अपना नहीं हुआ वह जनता का क्या होगा।'
महाराष्ट्र की सियासत में क्या होने वाला है?
Maharashtra Politics: लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र की सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। चाचा-भतीजे की जंग पर अभी फुलस्टॉप नहीं लगा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में बीते दिनों जमकर उठापटक देखने को मिली। चाचा शरद पवार को उनके भतीजे अजित पवार ने ऐसा गच्चा दिया कि सभी की आंखें फटी रह गईं। अब शरद पवार के घर के बाहर लगे नए पोस्टर में इशारों-इशारों में अजित पर तीखा प्रहार किया गया है, साथ ही ये भी संकेत दिया गया है कि कुछ बड़ा होने वाला है।
महाराष्ट्र की सियासत में पोस्टर के जरिए प्रहार
शरद पवार के घर के बाहर नए पोस्टर्स लगाए गए हैं। शरद पवार गुट के यूथ नेताओं द्वारा लगाए गए इस पोस्टर्स में लिखा हुआ है कि 'एनसीपी से साहब नहीं साहब से NCP है।' साथ ही इसमें ये भी लिखा गया है कि कोई इसे मिटा नहीं सकता। इशारों-इशारों और शायराना अंदाज में पवार के विरोधियों को भी ये संकेत दिया गया है कि अब सियासत में कोई नया मोड़ आने वाला है।
शायराना अंदाज में विरोधियों पर कसा तंज
'इस हस्ती को ना तेरा जुल्म ना तेरा कोई वार, शायद तुमने अभी तक जाना नहीं क्या चीज है शरद पवार।' इसके साथ ही पोस्टर पर #youthwithsaheb लिखा हुआ है। वहीं कुछ और पोस्टर्स लगाए गए हैं जिसमें लिखा हुआ है "जो अपना नहीं हुआ वह जनता का क्या होगा।"
लोकसभा चुनाव से पहले होने वाला है खेला?
शरद पवार आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर नई रणनीति पर काम कर रहे हैं। भतीजे ने चाचा को जो झटका दिया, उसके बाद उनकी पार्टी की क्षमता पर काफी असर देखा गया है। शरद पवार भी इस बात को बेहतर समझते हैं, तभी शायद वो आगामी चुनाव को लेकर वो बार-बार विपक्षी गठबंधन INDIA को मंत्र दे रहे हैं। हाल ही में उन्होंने विपक्षी दलों से आग्रह किया जब तक केंद्र में मौजूदा सरकार को हटा न दिया जाए, वे चैन से नहीं बैठें। महाराष्ट्र में कुल 48 लोकसभा सीटें हैं, जिनकी अहमियत पवार बेहतर समझते हैं।
जब फडणवीस के साथ मिलकर बनाई सरकार
पिछले साल जुलाई, 2023 में महाराष्ट्र में भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की सरकार में शामिल हुए अजित पवार गुट ने पहले भी दावा किया है कि शरद पवार भी एक समय भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करने के पक्ष में थे। अजित पवार ने साल 2019 में सुबह-सुबह उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, साथ ही देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। हालांकि, बहुमत के अभाव में फडणवीस-अजित पवार सरकार चार दिनों के भीतर ही गिर गई।
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