गौतम अडानी के बेटे जीत और बहू दिवा का नेक संकल्प: हर वर्ष 500 दिव्यांग दुल्हनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता

Mangal Seva: गौतम अडानी के बेटे जीत अडानी की शादी से पहले अडानी परिवार ने बेहद नेक पहल की है। इस पहल के तहत हर साल 500 नवविवाहित दिव्यांग महिलाओं को 10-10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस अनूठी पहल का नाम ‘मंगल सेवा’ रखा गया है।

Gautam Adani’s Son Jeet Adani

गौतम अडानी के छोटे बेटे जीत अडानी की शादी से पहले अडानी परिवार की नई पहल।

बिजनेसमैन गौतम अडानी के छोटे बेटे जीत अडानी (Jeet Adani) की शादी 7 फरवरी को अहमदाबाद में होने जा रही है, और इस खास मौके पर अडानी परिवार ने एक अनूठी पहल की घोषणा की है। ‘मंगल सेवा’ नाम की इस पहल के तहत हर साल 500 नवविवाहित दिव्यांग महिलाओं को 10-10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी।

अपनी शादी से दो दिन पहले, जीत अडानी ने 21 नवविवाहित दिव्यांग महिलाओं और उनके पतियों से मुलाकात की और इस पहल की शुरुआत की। गौतम अडानी ने भी अपने सोशल मीडिया पोस्ट में खुशी जताते हुए कहा कि उनका बेटा जीत और बहू दिवा अपनी नई जिंदगी की शुरुआत एक नेक संकल्प के साथ कर रहे हैं।

सेवा को अपनी जीवनशैली का हिस्सा मानने वाले अडानी परिवार की यह पहल सैकड़ों परिवारों को आत्मनिर्भरता और सम्मान के साथ आगे बढ़ने का अवसर देगी।

गौतम अडानी ने सोशल मीडिया पर जाहिर की खुशी

"सेवा साधना है, सेवा प्रार्थना है और सेवा ही परमात्मा है", गौतम अडानी ने अपनी इस समाजसेवी सोच के जरिए एक्स (पहले द्विटर) पर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने बताया कि उनके बेटे जीत और बहू दिवा एक पुण्य संकल्प के साथ अपना सफर शुरू कर रहे हैं। उन्होंने 'मंगल सेवा' के जरिए हर साल 500 नवविवाहित दिव्यांग महिलाओं को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का संकल्प लिया है।

उन्होंने आगे कहा कि इस पवित्र पहल से कई दिव्यांग बेटियों और उनके परिवारों का जीवन सम्मान और खुशी से भर जाएगा। उन्होंने जीत और दिवा को सेवा मार्ग पर आगे बढ़ते रहने का आशीर्वाद दिया।

गौतम अडानी के बेटे जीत के कंधों पर है ये जिम्मेदारी

फिलहाल, जीत अडानी, अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स के निदेशक हैं, जो भारत की सबसे बड़ी एयरपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी है और 8 एयरपोर्ट का प्रबंधन और विकास कर रही है। इसके अलावा, वह अडानी ग्रुप के डिफेन्स, पेट्रोकेमिकल्स और कॉपर बिजनेस की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। साथ ही, वह समूह के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन का नेतृत्व भी कर रहे हैं।

उनकी मां, डॉ. प्रीति अडानी से प्रेरित होकर, जिन्होंने अडानी फाउंडेशन को एक छोटे ग्रामीण प्रोजेक्ट से एक वैश्विक सामाजिक परिवर्तन संस्था में बदला, जीत अडानी भी समाजसेवा में गहरी रुचि रखते हैं। खासतौर पर, वे दिव्यांगों की सहायता के लिए काम करना चाहते हैं।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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