नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। इसमें युवाओं को रोजगार देने, पलायन रोकने, शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन देने, उद्योगों को बढ़ावा देने सहित विभिन्न वादे किए गए हैं। महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने कहा, 'सबसे महत्वपूर्ण विषय बेरोजगारी है। हमारी सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में युवाओं को 10 लाख रोजगार देने पर मुहर लगेगी। लाखों लोगों का रोजगार छिन गया है और कारोबारियों का व्यवसाय ठप पड़ गया है, ऐसे में हमने यह संकल्प किया है।'
वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अगर राज्य में महागठबंधन की सरकार बनी तो पहले विधानसभा सत्र में तीनों कृषि कानूनों को खत्म करने के लिए कदम उठाया जाएगा।
घोषणा पत्र में कहा गया है कि सत्ता में आने के बाद नौकरी के लिए भरे जाने वाले आवेदनों में फीस माफ किया जाएगा और परीक्षा केंद्र जाने के लिए भी किराया माफ किया जाएगा। नियोजित शिक्षकों की वर्षों पुरानी मांग 'समान काम, समान वेतन' को पूरा किया जाएगा। इसके अलावा कृषि ऋण माफ करने का संकल्प लिया गया है और राज्य में कर्पूरी श्रम आपदा केंद्र खोलने का भी वादा किया गया है।
शिक्षा के क्षेत्र में ध्यान केंद्रित करते हुए 12 प्रतिशत राज्य का बजट शिक्षा पर खर्च किया जाएगा और प्राथमिक स्कूलों में प्रत्येक 30 छात्रों पर एक शिक्षक और माध्यमिक विद्यालय में 35 छात्रों पर एक शिक्षक होगा। हर स्कूल के लिए कला, कंप्यूटर और खेल शिक्षक की नियुक्ति होगी। इसके अलावा 'स्मार्ट ग्राम योजना' के तहत प्रत्येक पंचायत में एक डॉक्टर और नर्स के साथ एक क्लिनिक स्थापित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) इस चुनाव में कांग्रेस और वामपंथी दलों के साथ चुनावी मैदान में उतरी है। बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में होने वाले चुनाव के लिए मतदान 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर होगा जबकि मतगणना 10 नवंबर होगी।
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