बजट, यूसीसी, एससी/एसटी एक्ट, आरक्षण और इमरजेंसी... राज्यसभा में पीएम मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें पढ़िए
PM Modi's Address in Rajya Sabha: पीएम मोदी ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी के दौर में लगाई गई इमरजेंसी का जिक्र करते हुए कांग्रेस पार्टी पर जमकर जुबानी प्रहार किए। अपने संबोधन में पीएम ने बजट से लेकर देश की सीमा पर बसे गांव, यूसीसी और इमरजेंसी तक का जिक्र किया।

राज्यसभा में पीएम मोदी ने अपने संबोधन में क्या कुछ कहा?
PM Modi Slams Congress: राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश आम बजट का जिक्र किया। पीएम मोदी ने दावा किया कि यह बजट हमारे समाज के गरीब लोगों के हित में है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि हमने अपने देश की सीमाओं पर बसे गांवों के प्रति अपना नजरिया बदला।
बजट के बारे में क्या बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि इस वर्ष के बजट में हमने समाज के कई छोटे-छोटे क्षेत्रों को छुआ है, जैसे चमड़ा और फुटवियर उद्योग। इससे हमारे समाज के गरीब लोगों को लाभ होगा। उदाहरण के लिए, खिलौना उद्योग में ज्यादातर गरीबों को रोजगार मिलता है। हमने उस पर ध्यान केंद्रित किया और इस उद्योग में काम करने वाले लोगों को सशक्त बनाने का प्रयास किया। इससे बहुत बड़ा बदलाव आया है। पहले हम खिलौने आयात करते थे, लेकिन आज हम तीन गुना खिलौने निर्यात कर रहे हैं।
'दशकों तक हमारी सीमाओं पर बसे गांवों की हुई अनदेखी'
उन्होंने कहा कि देश भर में कई क्षेत्रों में पहले बहुत ज्यादा विकास नहीं हुआ था। दशकों तक हमारी सीमाओं पर बसे गांवों की अनदेखी की गई। हमने उनके प्रति अपना नज़रिया बदला। हमने उन्हें 'पहले गांव' के रूप में पहचाना और उनके विकास पर विशेष ध्यान दिया। हमारे पिछले कार्यकाल के दौरान कैबिनेट मंत्रियों को इन गांवों में भेजा गया और उनसे कहा गया कि वे वहां कई दिनों तक रुकें और उनकी समस्याओं को समझें और उनका समाधान करें।
यूसीसी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कही ये बड़ी बात
अपने संबोधन में यूसीसी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हम अपने संविधान निर्माताओं से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ रहे हैं। जो लोग समान नागरिक संहिता पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि हम सिर्फ अपने संविधान निर्माताओं के बताए रास्ते पर चल रहे हैं। कांग्रेस ने हमारे संविधान के काम और भावनाओं को नष्ट कर दिया है।
पीएम मोदी ने लता मंगेशकर, बलराज साहनी को किया याद
लता मंगेशकर, बलराज साहनी को याद करते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि बलराज साहनी जैसे प्रसिद्ध अभिनेता और कवियों को सिर्फ इसलिए जेल में डाल दिया गया क्योंकि उन्होंने कांग्रेस सरकारों का विरोध किया था। उन्होंने आगे कहा कि लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने वीर सावरकर पर एक कविता लिखी थी और उसे आकाशवाणी पर गाना चाहते थे। उन्हें आकाशवाणी से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया। जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री थे और मुंबई में मजदूरों की एक हड़ताल हुई थी। उसमें मशहूर गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी ने एक गीत गाया था। इस पर नेहरू जी ने उन्हें जेल में ठूंस दिया था। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ये संविधान की भावना का पूरी तरह अनादर था।
पीएम मोदी ने संबोधन में इमरजेंसी के दौर का किया जिक्र
उन्होंने आगे कहा कि देश ने इमरजेंसी का भी दौर देखा है। देवानंद जी से आग्रह किया गया कि वह इमरजेंसी का समर्थन करें, लेकिन उन्होंने साफ-साफ इनकार कर दिया। इसलिए दूरदर्शन पर देवानंद की सभी फिल्मों को प्रतिबंधित कर दिया गया। ये संविधान की बातें करने वाले लोगों ने सालों से उसे अपनी जेब में रखा है। किशोर कुमार ने कांग्रेस के लिए गाना गाने से मना किया, इस एक गुनाह के लिए आकाशवाणी पर उनके गानों को बैन कर दिया गया। आपातकाल में जॉर्ज फर्नांडीस समेत देश के महानुभावों को हथकड़ियां पहनाई गई थी, जंजीरें पहनाई गई थीं। देश के गणमान्य लोगों को जंजीरों से बांधा गया था। उनके मुंह से संविधान शब्द शोभा नहीं देता है। शाही परिवार के अहंकार के लिए इस देश को जेलखाना बना दिया गया। जिसने निकलने के लिए बहुत लंबा संघर्ष चला।
'फ्रीडम ऑफ स्पीच को कुचला, प्रेस पर लगाम लगा दी'
पीएम मोदी ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान निर्माताओं का आदर करना चाहिए था, उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए थी। लेकिन, कांग्रेस ने आजादी के तुरंत बाद ही संविधान निर्माताओं की भावनाओं की धज्जियां उड़ा दी थीं। आजादी के बाद जब देश में चुनी हुई सरकार नहीं थी और चुनाव तक के लिए स्टॉप-गैप अरेंजमेंट था, तो उस स्टॉप-गैप अरेंजमेंट में जो महाशय बैठे थे, उन्होंने आते ही संविधान में संशोधन कर दिया। चुनी हुई सरकार आने तक का भी इंतजार नहीं किया। उन्होंने 'फ्रीडम ऑफ स्पीच' को कुचला, अखबारों पर, प्रेस पर लगाम लगा दी और दुनिया में डेमोक्रेट का टैग लगाकर घूमते रहे।
'हमारी सरकार ने एससी/एसटी एक्ट को मजबूत बनाया'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमने एससी/एसटी एक्ट को मजबूत बनाया। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का मॉडल संतुष्टिकरण पर भरोसा करता है। पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा कि हमारे गवर्नेंस का आधार 'सबका साथ, सबका विकास' है। हमने एससी/एसटी एक्ट को मजबूत बनाया। जातिवाद का जहर फैलाने का प्रयास हो रहा है। लेकिन, 3-3 दशक तक दोनों सदन के ओबीसी सांसद ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग करते थे, लेकिन इसे नहीं माना गया। उस समय उनकी राजनीति को यह सूट नहीं करता था। हमने ओबीसी समाज की इस मांग को पूरा किया।
'हमने सामान्य वर्ग के गरीब को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया'
उन्होंने कहा कि देश में जब-जब आरक्षण का विषय आया है तो समस्या का समाधान करने का प्रयास नहीं किया गया। तनाव और दुश्मनी पैदा करने के तरीके अपनाए गए। लेकिन, हमारी सरकार ने पहली बार ऐसा मॉडल दिया, जिसमें समाधान ढूंढा गया। हमने सामान्य वर्ग के गरीब को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया। बिना किसी तनाव और बिना किसी से छीने दिया। जब हमने ऐसा किया तो एससी/एसटी और ओबीसी समुदाय ने इसका स्वागत किया और किसी के भी पेट में दर्द नहीं हुआ। राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में जब-जब आरक्षण का विषय आया, तो समस्या के समाधान के लिए सत्य को स्वीकार करने का काम नहीं हुआ। देश में विभाजन कैसे हो, तनाव कैसे पैदा हो, वही तरीके अपनाए गए। पहली बार हमारी सरकार ने एक ऐसा मॉडल दिया और 'सबके साथ, सबके विकास' के मंत्र के साथ दिया।
नारी शक्ति को लेकर क्या बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी?
देश की महिलाओं का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा कि भारत की विकास यात्रा में नारी शक्ति के योगदान को कोई नकार नहीं सकता। लेकिन, अगर उनको अवसर मिले और वो नीति-निर्धारण का हिस्सा बनें तो देश की प्रगति में और गति आ सकती है। इस बात को ध्यान रखते हुए हमने इस नए सदन के पहले निर्णय के रूप में 'नारी शक्ति अधिनियम' पारित कराया। कांग्रेस की राजनीति पर सवाल उठाते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस की राजनीति का मंत्र हमेशा दूसरे के रूढ़िवादिता पर कायम रहा, जिसके कारण वह अस्थिर हो गए। कोई भी राजनीतिक दल की सरकार कहीं बनी तो उसे अस्थिर कर दिया। वह (कांग्रेस) जो ये छोड़कर अपने आम चुनाव के बाद उनके साथ थे, वह भी भाग रहे हैं।
'कांग्रेस से सबका साथ-सबका विकास की अपेक्षा गलत'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में गुरुवार राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर संबोधन दे रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने एक बार फिर 'सबका साथ, सबका विकास' को लेकर अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। इसके, अलावा पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के मॉडल में 'फैमिली फर्स्ट' सर्वोपरि है। पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ने भारत की उपलब्धियों के बारे में, दुनिया की भारत से अपेक्षाओं के बारे में और भारत के सामान्य मानवी का आत्मविश्वास, विकसित भारत का संकल्प जैसे सभी विषयों की विस्तार से चर्चा की थी। देश को आगे की दिशा भी उन्होंने दिखाई। राष्ट्रपति का अभिभाषण प्रेरक भी था, प्रभावी भी था और हम सब के लिए भविष्य का मार्गदर्शक भी था। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के सांसदों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि यहां 'सबका साथ, सबका विकास' के बारे में बहुत कुछ कहा गया है। मुझे समझ में नहीं आता कि लोग इस पर क्यों परेशान हो रहे हैं। यह सबकी साझा जिम्मेदारी है और भारत के लोगों ने हमें इसी के लिए चुना है। हालांकि, कांग्रेस से यह उम्मीद करना कि वह इस नारे को समझेगी और यह कैसे काम करता है, एक बड़ी भूल होगी। पूरी पार्टी सिर्फ़ एक परिवार के लिए समर्पित है और इसलिए उनके लिए 'सबका साथ, सबका विकास' के आदर्श वाक्य के साथ काम करना असंभव है। उन्होंने कहा कि यहां पर 'सबका साथ, सबका विकास' पर बहुत कुछ कहा गया। 'सबका साथ, सबका विकास' तो हम सबका दायित्व है। इसलिए देश ने हम सबको यहां बैठने का अवसर दिया है। कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के मॉडल में परिवार को प्राथमिकता देना चिंता का विषय है। इसलिए उनकी नीतियां, कामकाज, भाषण - सभी इसी को सुनिश्चित करने पर केंद्रित रहे हैं। मैं देश के प्रति आभारी हूं कि उन्होंने हमें तीसरी बार सेवा करने के लिए चुना। भारत के लोगों ने हमारी प्रगति की नीति को परखा है और हमें अपने वादों को पूरा करते हुए देखा है। हमने लगातार 'राष्ट्र प्रथम' के आदर्श के साथ काम किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि भारत के संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो। हमने संतृप्ति का दृष्टिकोण अपनाया है। हमने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि योजनाएं बिना किसी गड़बड़ी के लाभार्थियों तक पहुंचे। पिछले दशक में हमने 'सबका साथ, सबका विकास' के आदर्श के साथ काम किया है और इसके परिणाम सामने आए हैं।
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