संजीव जीवा मर्डर के बाद यूपी में बढ़ा गैंगवार का खतरा ! जानें क्यों
Sanjeev Maheshwari Jiva: मुख्तार अंसारी के गुर्गा संजीव माहेश्वरी को बुधवार को एक शख्स ने लखनऊ की अदालत में गोली मार दी थी। उस घटना के बाद जानकार बताते हैं कि गैंगवार का खतरा बढ़ गया है।
Updated Jun 8, 2023 | 09:26 AM IST
Sanjeev Maheshwari Jiva: लखनऊ की जिला अदालत में बुधवार को दोपहर 3.30 तक सब कुछ सामान्य था। लेकिन साढ़े तीन बजे वकील के भेष में एक शख्स विजय यादव(accused vijay yadav) ने एक दूसरे शख्स पर 6 राउंड फायरिंग की जिसमें उसकी मौत हो गई। मरने वाला शख्स कोई और नहीं मुख्तार अंसारी का शार्प शूटर संजीव जीवा माहेश्वरी था। इस घटना के बाद पुलिसिया व्यवस्था पर तरह तरह के सवाल उठ रहे हैं। मसलन इस दफा संजीव जीवा(sanjeev maheshwari) को बुलेटप्रूफ जैकेट क्यों नहीं पहनाया गया। हमलावर विजय यादव वकील के भेष में हथियार लेकर कोर्ट रूम में कैसे दाखिल हो गया। लखनऊ के वकीलों का कहना है कि यह सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। वहीं कुछ जानकारों का मानना है कि इस घटना के बाद यूपी में गैंगवार का खतरा बढ़ गया है। बताया जा रहा है कि 357 बोर की अमेरिकन अल्फा रिवॉल्वर से हुई जीवा की हत्या हुई है। 5 से 6 लाख रुपए में मिलती है ये रिवॉल्वर।भारत में ये रिवॉल्वर,कारतूस प्रतिबंधित नहीं है।डेढ़ से दो हज़ार रुपए का इसका एक कारतूस मिलता है।आमतौर पर ये रिवॉल्वर पंजाब में लोग शौक में रखते हैं।
पुलिस का क्या कहना है
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस हमले में दो साल की एक लड़की और एक पुलिस कांस्टेबल को भी गोली लगी है। लड़की को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है, जबकि पुलिस कांस्टेबल के दांये पैर में गोली लगी है और उसकी हालत स्थिर है।मुख्तार अंसारी गिरोह का एक ज्ञात सदस्य जीवा (48) पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले का निवासी था। वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक कृष्णानंद राय और उत्तर प्रदेश में भाजपा मंत्री ब्रह्म दत्त द्विवेदी की हत्या का आरोपी था और उस पर हत्या, धोखाधड़ी और आपराधिक षड़यंत्र के दो दर्जन मामले दर्ज थे।
ब्रह्म दत्त द्विवेदी हत्याकांड में मिली थी सजा
ब्रह्म दत्त द्विवेदी और उनके गनर की 10 फरवरी, 1997 को उस समय हत्या कर दी गई जब वह फर्रुखाबाद जिले में एक तिलक समारोह से लौट रहे थे।
निचली अदालत ने 17 जुलाई, 2003 को जीवा और अन्य आरोपियों को द्विवेदी और उनके गनर की हत्या का दोषी करार दिया था और इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।इस बीच, बुधवार को अदालत परिसर के भीतर इस हिंसा से आक्रोशित अधिवक्ताओं ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और पुलिस पर कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने में विफल रहने का आरोप लगाया और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की मांग की।
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