Prayagraj News: संगम पर बनेगा भारत का सबसे लंबा रोपवे, जानें किलोमीटर से लेकर लागत तक सबकुछ
Longest River Ropeway in Prayagraj: आगंतुकों को संगम का मनोरम दृश्य देने के लिए और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए प्रयागराज में सबसे लंबी नदी रोपवे का निर्माण किया जा रहा है।
संगम पर बनेगा भारत का सबसे लंबा रोपवे
Longest River Ropeway in Prayagraj: उत्तर प्रदेश का विकास पर्यटन क्षेत्र के रूप में तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई नई परियोजनाओं की शुरुआत की जा रही है। लोगों को आकर्षित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत की जा रही है। यूपी के संगम घाट यानी प्रयागराज में आने वाले श्रद्धालुओं के एक नए शहर से मिलवाने की तैयारी की जा रही है। कई सुविधाओं के साथ इस क्षेत्र का तेजी से विकास किया जा रहा है। सरकार की विकास परियोजना के अनुसार अब संगम पर भारत के सबसे लंबी नदी रोपवे का निर्माण किया जा रहा है। इस रोपवे के प्रोजेक्ट को अगले साल तक तैयार करने की योजना बनाई गई है।
उत्तर प्रदेश के विकास को गति देने के लिए प्रयागराज संगम पर देश का सबसे लंबा रोपवे तैयार करने की परियोजना की शुरुआत हो रही है।बता दें कि रोपवे बनाने के लिए आवश्यक जमीन का सर्वेक्षण प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा किया गया है। इसके साथ ही आवश्यक सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए डीपीआर बनाया जाएगा। जानकारी के अनुसार, जमीन का सर्वे पुरानी डीपीआर के आधार पर किया जाएगा। आइए प्रोजेक्ट के बारे में और जानें...
प्रयागराज संगम रोपवे परियोजना
मिली जानकारी के अनुसार, संगम पर बनने वाला रोपवे प्रोजेक्ट सबसे लंबा नदी रोपवे होगा। इसकी कुल लंबाई 2.2 किमी होगी और इसमें करीब 15 केबल कारें शामिल की जाएगी। प्रत्येक केबल कार की क्षमता 10 व्यक्तियों की होगी। इसके साथ ही एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि रोपवे के निर्माण के बाद विमान मंडपम से त्रिवेणी पुष्प तक सफर में लगने वाला समय रोपवे के माध्यम से कम हो जाएगा।
रोपवे प्रोजेक्ट के लिए करीब 16,500 वर्ग मीटर के क्षेत्र की आवश्यकता है। इसके निर्माण के लिए प्रशासन द्वारा इस्तेमाल की गई भूमि का मूल्य सेना को दिया जाएगा। उसके अलावा आवश्यक कुछ जमीन को पट्टे पर भी लिया गया है। रोपवे में केवल 2 स्टेशन होंगे। वहीं तीन टॉवर का निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में 18 महीने का समय लगने की उम्मीद है। महाकुंभ 2025 की तैयारी में तेजी के साथ रोपवे के कार्य में भी तेजी आ रही है। प्रयास है कि ये कार्य समय से पहले पूरा हो जाए। सबसे लंबे रोपवे के इस महत्वकांक्षी परियोजना की लागत 250 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
रोपवे के प्रस्ताव की परिकल्पना
प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं को संगम का मनोरम दृश्य देने के लिए रोपवे की परिकल्पना आज की नहीं है। ये परिकल्पना 2018 की है। इस परियोजना का प्रस्ताव और डीपीआर को केंद्रीय और राज्य सरकार दोनों के द्वारा अनुमोदित किया गया था। लेकिन कुछ कारणों के चलते इस परियोजना को रोकने का फैसला लिया गया था। अब, महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) की तैयारी में शामिल होने वाली महत्वपूर्ण परियोजनाओं में रोपवे प्रोजेक्ट को भी शामिल किया गया है।
हाल ही रोपवे प्रोजेक्ट पर सेना ने सुरक्षा का हवाले देते हुए डीपीआर पर आपत्ति जताई थी, लेकिन उसके बाद एनओसी दिया गया। प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा रक्षा अधिकारियों के साथ बैठकों का आयोजन भी किया गया है। इस संदर्भ में प्रयागराज मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने बात करते हुए बताया कि इस अनूठी परियोजना से शहर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। पर्यटन को बढ़ाने के लिए स्वचालित दरवाजे, रेस्टोरेंट, लॉकर, वेंडिंग मशीन, पार्किंग, चेंजिंग रूप, शौचालय, एस्केलेटर आदि जैसी सुविधाओं को शामिल किया जाएगा।
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वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। वह इंफ्रा, डे...और देखें
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