7 राज्यों की तस्वीर बदल देगी 900KM लंबी रेल लाइन, 14 जिलों में बनेंगे 64 स्टेशन; किसानों की होगी चांदी

Mega Railway Project: 7 राज्यों के 14 जिलों को कवर करने वाली 900 किलोमीटर लंबी रेल लाइन परियोजना को साल 2030-31 तक पूरा कर लिया जाएगा। इस परियोजना के तहत 64 रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। आइये जानते हैं कि 40 लाख आबादी के लिए विकसित की जा रही रेल परियोजना किन राज्यों को कवर करेगी?

900 KM New Rail Corridor.

(रेल फोटो)

Mega Railway Project: भारतीय रेलवे देशभर में रेल कनेक्टिविटी में इजाफा कर रही है। सूदूर क्षेत्रों, पहाड़ी राज्यों तक ट्रेन सेवा पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी उद्देश्य के साथ केंद्र सरकार ने आठ नई महत्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा की है, जिससे लगभग 510 गांव सीधे तौर पर जुड़ेंगे, जिससे उनका विकास संभव है। इस रेल लाइन से न सिर्फ यातायात के क्षेत्र में बढ़ोतरी होगी, बल्कि गावों, कस्बों की बेहतर कनेक्टिविटी और अर्थव्यवस्था में इजाफा होगा है। 40 लाख आबादी को रेल सेवाएं मुहैया होगी। इस परियोजना से सीधे तौर पर गावों की तस्वीर बदलेगी, चूंकि इस परियोजना के रूट के लिए व्यापक तौर पर जमीन की आवश्यकता होगी, जिसके लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित कर उन्हें मोटी रकम सौंपी जाएगी। इस परियोजना 2030-31 तक पूरा किया जाएगा।

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64 रेलवे स्टेशन

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस रेल लाइन परियोजना की लंबाई 900 किलोमीटर है। इस परियोजना को पूरा करने के लिए 64 नए स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जहां पर यात्री ट्रेनें ठहराव लेंगी। यह प्रोजेक्ट 7 राज्यों के 14 जिलों को कवर करेगी, जिनमें ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, झारखंड, बिहार, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। इस रेल परियोजना के निर्माण से लगभग 501 गांव जुड़ेंगे, जहां के किसानों की जमीन इस प्रोजेक्ट में लगेगी, जिसके लिए सरकार मोटी रकम देगी। साथ ही स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के भी अवसर प्राप्त होंगे। स्टेशनों के आसपास होटल, रेस्टोरेंट समेत अन्य आवश्यक वस्तुओं की बिक्री के लिए दुकानें इत्यादि विकसित होंगी, जिससे बड़ी संख्या में लोगों अप्रत्यक्ष रूप से काम मिलेगा और रोजगार में वृद्धि होगी।

नई रेल लाइन से इनको फायदा

माना जा रहा है कि नई रेल लाइन से गांवों और संबंधित कस्बों शहरों की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। यात्रा के साथ किसान अपने उत्पादों को बाजार तक आसानी से पहुंचा सकेंगे। इससे कृषि क्षेत्र के साथ गांवों की आय में भी इजाफा होगा। इस रेल परियोजना में मालगाड़ी, एक्सप्रेस समेत लोकल पैसेंजर गाड़ियां चलाई जाएंगी, जिससे स्थानीय लोगों को ट्रेन के जरिए यात्रा करने में आसानी होगी। इस परियोजना से अजंता गुफाओं जैसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage) भी रेल नेटवर्क से जुड़ जाएंगे। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे लॉजिस्टिक, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को भी विस्तार करने में मदद मिलेगी।

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इस परियोजना के पूरा होने से पूर्वी सिंहभूम, भद्रादि कोठागुडम, मल्कानगिरि, कालाहांडी, नवरंगपुर और रायगढ़ इत्यादि जिलों के करीब 510 गावों और 40 लाख लोगों तक रेल संपर्क बढ़ेगा। इस परियोजना को पूरा करने के लिए 24,657 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

जानकारीविवरण
रेल प्रोजेक्ट का नाम न्यू रेल कॉरिडोर
कॉरिडोर के स्टेट संख्या 8
परियोजना से जुड़े स्टेट के नाम ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, झारखंड, बिहार, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और बिहार
परियोजना की लंबाई 900 किलोमीटर
कॉरिडोर के स्टेशन की संख्या 64
परियोजना की लागत 24,657 करोड़
कार्य पूरा होने की तिथि 2030-31

न्यू रेल कॉरिडोर रूट मैप

इन 8 प्रोजेक्ट में एक ओडिशा के लिए, एक आंध्र प्रदेश, एक तेलंगाना के लिए, एक झारखंड, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और बिहार के लिए है। इसमें ओडिशा के रायगड़ा जिले गुनुपुर-थेरुबली के बीच 73.62 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी। इस प्रकार कालाहांडी और नबरांगपुर जिलों में जुनागढ़-नबरांगपुर के बीच 116 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी। ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 173 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछेगी। यह मल्कंगिरि-पांडुरंगापुरम वाया भाद्राचलम होगी। इसका सीधा फायदा मल्कंगिरि, पूर्वी गोदावरी और भद्रादि कोठागुडम जिलों को होगा। इस तरह झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के पूर्वी सिंहभूम, झारग्राम और मयूरगंज जिलों में होकर बिछाई जाने वाली बुरामारा-चकुली रेलवे लाइन 59.96 किलोमीटर होगी। उधर, महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के जालना से जलगांव तक 174 किलोमीटर लंबी नई रेल बिछाने की मंजूरी मिल चुकी है। इधर, बिहार के भागलपुर में विक्रमशिला-कतरेह के बीच 26.23 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछेगी।

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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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