Lucknow News: कुकरैल नदी का होगा पुनर्जीवन, साबरमती के तर्ज पर होगा रिवरफ्रंट का निर्माण

Lucknow News: लखनऊ की कुकरैल नदी को पुनर्जीवन देने के लिए साबरमती रिवरफ्रंट के तर्ज पर कुकरैल रिवरफ्रंट का विकास किया जाएगा। इसके लिए लखनऊ रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन गठन किया जाएगा।

Kukrail Riverfront

साबरमती रिवरफ्रंट के तर्ज पर कुकरैल रिवरफ्रंट का विकास

Lucknow News: लखनऊ की कुकरैल नदी को पुनर्जीवन देने की तैयारी की जा रही है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए और लखनऊ को विकास की दिशा में ले जाने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। जिस प्रकार अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट का विकास किया जा रहा है। उसी तर्ज पर अब लखनऊ में कुकरैल रिवरफ्रंट का विकास किया जा रहा है। इसके लिए लखनऊ रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का गठन किया जाएगा। बता दें कि रिवर फ्रंट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के गठन की जिम्मेदारी लखनऊ नगर निगम के पास है।

साबरमती रिवरफ्रंट के तर्ज पर कुकरैल रिवरफ्रंट का विकास

साबरमती रिवरफ्रंट के तर्ज पर बन रहे लखनऊ कुकरैल रिवरफ्रंट के विकास का फैसला एक बैठक में लिया गया था। मिली जानकारी के अनुसार कुकरैल नदी को पुनर्जीवन देने के लिए और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए लखनऊ नगर निगम, एलडीए और सिंचाई विभाग के कई अफसरों ने अहमदाबाद साबरमती रिवरफ्रंट का दौरा किया है। इस प्रकार दो बार दौरा किया है, जिसके आधार पर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का गठन किया जाएगा। रिवरफ्रंट के विकास के लिए विभिन्न विभागों के इंजीनियरों को शामिल करने की तैयारी की जा रही है। साथ ही सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी और एलडीए भी इसका हिस्सा रहेगी। इस रिवरफ्रंट के निर्माण के बाद लोगों के लिए ये किसी पिकनिक स्पॉट से कम नहीं होगा। इसके साथ ही लखनऊ आने वाले पर्यटक भी इसकी खूबसूरती का लाभ उठा सकेंगे।

पानी की उपलब्धता पूरी करेगी इस गांव की झील

कुकरैल नदी में पानी की कमी है। ये नदी सूखती जा रही है। इससे पुनर्जीवन देने के लिए ही रिवरफ्रंट का विकास किए जाने का फैसला लिया गया है। कुकरैल नदी में पानी की कमी को पूरा करने के लिए एक डीपीआर तैयार किया गया है। डीपीआर के तहत कुकरैल नदी के रूट पर स्थित अस्ती गांव की झील और तालाब का विकास किया जाएगा। ताकि इनके माध्यम से कुकरैल नदी को पानी मिले। पानी के ठहराव के लिए डैम का भी निर्माण करने की तैयारी की जा रही है। कुकरैल नदीं में पानी की उपलब्धता के लिए 2 महीने का डीपीआर तैयार किया गया है। पानी के संकट को खत्म करने के लिए अस्ती गांव की झील, तालाब के साथ आस-पास स्थित जल स्रोतों का विकास होगा। मिली जानकारी के अनुसार, कुकरैल नदी के पूरे रूट का स्थलाकृति (Topography) और हाइड्रोलॉजिकल सर्वे किया जाएगा। ये सर्वे नदी पर रिवरफ्रंट के विकास के लिए आवश्यक होगा।

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varsha kushwaha author

वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। वह इंफ्रा, डे...और देखें

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