Delhi-NCR Pollution: दिल्ली-एनसीआर में हर साल सर्दियों के साथ बढ़ने वाले धुंध और जहरीली हवा के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार एक्शन मोड में आ गई है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने वायु प्रदूषण पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में दिल्ली सरकार के मंत्री सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB), वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM), नीति आयोग और NCR के कई राज्यों के अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में 16 सितंबर को हुई पिछली बैठक में तय फैसलों की समीक्षा की गई। मंत्री ने साफ कहा कि दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण तभी प्रभावी होगा जब केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर सभी एजेंसियां एकजुट होकर काम करें। यादव ने प्रदूषणकारी उद्योगों में ऑनलाइन सतत उत्सर्जन निगरानी प्रणाली (OCEMS) को समय पर स्थापित करने के निर्देश दिए ताकि औद्योगिक धुआं और कचरा तुरंत मॉनिटर किया जा सके।
बैठक में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की समस्या पर भी गहराई से चर्चा हुई। मंत्री ने सीएक्यूएम को निर्देश दिया कि पराली से बने पेलेट्स के भंडारण और उनके उपयोग के लिए बिजली घरों और पेलेट संयंत्रों की स्थिति की समीक्षा की जाए। साथ ही, मशीनरी के उपयोग और निगरानी को लेकर कस्टम हायरिंग केंद्रों में समन्वय बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।
इसके अलावा, दिल्ली में निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट (C&D Waste) के बेहतर उपयोग पर भी चर्चा हुई। यादव ने कहा कि ‘समीर ऐप’ को देश में वायु गुणवत्ता की जानकारी के लिए एकमात्र आधिकारिक ऐप बनाया जाएगा, जिससे आम जनता को भी वास्तविक समय में प्रदूषण का अपडेट मिल सके।
केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली सरकार से सड़कों पर गड्ढों की मरम्मत और धूल नियंत्रण के लिए विशेष कार्य योजना पेश करने का भी आग्रह किया। इस बैठक को प्रदूषण के खिलाफ आने वाले महीनों की ‘मास्टर स्ट्रैटेजी मीटिंग’ माना जा रहा है क्योंकि अब सर्दियां करीब हैं और हवा में ज़हर रोकने की जंग शुरू हो चुकी है।
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