चंडीगढ़ः किसको मिलेगी फरीदकोट के अंतिम शासक की 25 हजार करोड़ की संपत्ति, जानिए क्यों है खास

चंडीगढ़ के पास स्थित है फरीदकोट। फरीदकोट उस समस सुर्खियों में आया जब यहां के शाही परिवार की 25 हजार करोड़ की संपत्ति विवादों में उलझी। इस अकूत संपत्ति में शामिल है कई शानदार किले और महल, हजारों एकड़ जमीन, कई लग्जरी मकान, बेशकीमती आभूषण, विंटेज कारें और बड़ा बैंक बैलेंस।

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तस्वीर साभार : Times Now Digital

Maharaja Harinder Singh Brar: चंडीगढ़ के पास स्थित है फरीदकोट। फरीदकोट उस समस सुर्खियों में आया जब यहां के शाही परिवार की 25 हजार करोड़ की संपत्ति विवादों में उलझी। इस अकूत संपत्ति में शामिल है कई शानदार किले और महल, हजारों एकड़ जमीन, कई लग्जरी मकान, बेशकीमती आभूषण, विंटेज कारें और बड़ा बैंक बैलेंस।

शाही संपत्तियां और उनको लेकर होने वाले विवाद कोई नई बात नहीं है। इन दिनों फरीदकोट का शाही परिवार भी ऐसी ही विवाद को लेकर चर्चा में है। फरीदकोट रियासत के अंतिम शासक थे महाराजा हरिंदर सिंह बराड़। तत्कालीन महाराजा की मौत के बाद उनकी 25 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति को लेकर मामला उलझ गया। हालांकि जल्द ही इस पर फैसला आने की उम्मीद है।क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित किया है। आपको बता दें कि यह पूरा विवाद महाराज की बेटी अम्रत कौर और फरीदकोट एस्टेट की संपत्ति का प्रबंधन देखने वाली महारावल खेवाजी ट्रस्ट के बीच चल रहा है।

आपने शाही महलों, आलीशान भवनों, बेशकीमती जवाहरात की कई कहानियां सुनी होंगी, उन्हीं कहानियों सा सच है फरीदकोट के शाही परिवार का खजाना और संपत्ति। इसी संपत्ति को लेकर महाराजा की सबसे बड़ी बेटी अमृत कौर ने महाराजा की वसीहत को अदालत में चुनौती दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला सुरक्षित कर लिया है। कहा जाता है कि महाराजा की संपत्ति में कई ऐसे भवन शामिल हैं जिन्हें आज तक फरीदकोट के लोग भी अंदर से देखी नहीं पाए।

ये है संपत्ति में शामिल

सू़त्रों के अनुसार इस संपत्ति में फरीदकोट का किला, राजमहल, हॉस्पिटल के साथ ही एयरपोर्ट भी शामिल है। चंडीगढ़ और इसके आसपास सैकड़ों बीघा जमीन है। इसी के साथ दर्जनभर से ज्यादा विंटेज कारें और फरीदकोट की हजारों एकड़ जमीन भी शामिल है। अरबों की इस संपत्ति में मशोबरा का इस्टेट भी जुड़ा है। बताया जाता है कि इस इस्टेट में कभी पांच आलीशान कोठिया बनी थी, हालांकि इन्हें बाद में जला दिया गया जिससे आज वे खंडहर में तब्दील हो चुकी हैं। बताया जाता है कि इस संपत्ति में दिल्ली में स्थित फरीदकोट हाउस भी शामिल है, यह हाउस करीब साढ़े आठ एकड़ में बना है। इसी के साथ कई अन्य संपत्तियां चाणक्यपुरी, दिल्ली, नोएडा में भी हैं। सूत्रों के अनुसार इनमें से कई संपत्तियां अभी मेहरावल खेवाजी ट्रस्ट के पास है।

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