RBI ने की रेपो रेट में कटौती, कम हुआ EMI, जानिए गवर्नर संजय मल्होत्रा की घोषणा की बड़ी बातें
RBI Rate Cut: आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पहली बैठक के फैसलों का ऐलान किया। एमपीसी करीब 5 साल के अंतराल के बाद रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की। रेपो दर 2 साल से 6.50 प्रतिशत पर स्थिर बनी हुई थी। जानिए और क्या-क्या है फैसलों में।

आरबीआई गर्वनर के ऐलान की बड़ी बातें
RBI Rate Cut: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार (07 फरवरी 2025) को आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25% घटाकर 6.25% कर दिया। RBI ने करीब 5 साल बाद रेपो दर में कटौती की है। इससे पहले मई 2020 में कोविड-19 महामारी के समय रेपो दर को 0.40% घटाकर 4% किया गया था। फिर रूस-यूक्रेन युद्ध के जोखिमों से निपटने के लिए RBI ने मई, 2022 में दरों में बढ़ोतरी करनी शुरू की थी और यह सिलसिला फरवरी 2023 में जाकर रुका था। रेपो दर दो साल से 6.50% पर स्थिर बनी हुई है। RBI के गवर्नर ने संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन की बैठक में लिए गये निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि 6 सदस्यीय समिति ने आम सहमति से रेपो दर को 0.25% घटाकर 6.25% करने का फैसला किया है।
RBI Rate Cut: एमपीसी की बैठक की बड़ी बातें- रेपो दर (अल्पकालिक उधार दर) 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत की गई।
- पांच साल के अंतराल के बाद पहली बार रेपो दर में कटौती की गई; पिछली कटौती मई, 2020 में हुई थी।
- ‘तटस्थ’ मौद्रिक नीति रुख जारी रहेगा।
- वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान।
- वित्त वर्ष 2025-26 में मुद्रास्फीति घटकर 4.2 प्रतिशत पर आने का अनुमान। चालू वर्ष में इसके 4.8 प्रतिशत रहने की संभावना।
- खाद्य मुद्रास्फीति के दबाव में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद।
- मुख्य मुद्रास्फीति में वृद्धि की उम्मीद, लेकिन यह मध्यम रहेगी।
- बैंकों का विशेष इंटरनेट डोमेन ‘बैंक डॉट इन’, जबकि गैर-बैंकिंग इकाइयों के लिए ‘फिन डॉट इन’ होगा।
- आरबीआई ने वैश्विक आर्थिक पृष्ठभूमि को चुनौतीपूर्ण बताया।
- भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत व जुझारू बनी हुई है।
- चालू खाते के घाटे के टिकाऊ स्तर के भीतर बने रहने की उम्मीद।
- 31 जनवरी तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 630.6 अरब अमेरिकी डॉलर था।
- मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक सात-नौ अप्रैल को होगी।
RBI Rate Cut: रेपो रेट कम होने के फायदे
रेपो रेट में कमी करने का मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (EMI) में कमी आने की उम्मीद है। इसके साथ, एमपीसी ने अपने रुख को ‘तटस्थ’ बनाये रखने का निर्णय किया है।
RBI Rate Cut: रेपो रेट क्या है
रेपो वह ब्याज दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। RBI महंगाई दर को काबू में रखने के लिये इस दर का उपयोग करता है।
RBI Rate Cut: अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि का अनुमान
आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है जबकि चालू वित्त वर्ष में इसके 6.4 प्रतिशत पर रहने के अनुमान को बरकरार रखा है। वहीं खुदरा महंगाई दर अगले वित्त वर्ष में 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि चालू वित्त वर्ष में इसके 4.8 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गई है।
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रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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