कश्मीर की इकोनॉमी के लिए गेम चेंजर होगा G-20 सम्मेलन,जानें भारत कैसे साध रहा है अपने हित

G-20 Summit In Kashmir: राज्य में 1.88 करोड़ टूरिस्ट आए । जो कि अब तक का रिकॉर्ड है। राज्य की इकोनॉमी में 14.64 फीसदी की ग्रोथ से बढ़ रही है। और उसके टैक्स कलेक्शन में 31 फीसदी की ग्रोथ हुई है। इन आंकड़ों से साफ है कि राज्य की इकोनॉमी ट्रैक पर आ रही है और वह आतंक के साये से बहार निकल रही है।

Updated May 22, 2023 | 04:31 PM IST

g-20 srinagar

श्रीनगर में 24 मई तक आयोजित होगा G-20 टूरिज्म सम्मेलन

G-20 Summit In Kashmir: G-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की तीन दिवसीय बैठक श्रीनगर में शुरू हो गई है। जम्मू और कश्मीर में होने वाली ये बैठक न केवल भारत के लिए कूटनीतिक रुप से बेहद अहम है, वहीं राज्य की इकोनॉमी के लिए यह गेमचेंजर साबित हो सकती है। खास तौर से जब जम्मू और कश्मीर में पिछले 10 साल में सबसे ज्यादा निवेश आए हैं। यही नहीं साल 2022-23 में अब तक के सबसे ज्यादा टूरिस्ट आए हैं। इसे देखते हुए राज्य में हेल्थ, टूरिजस्म, हैंडीक्रॉफ्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्पोर्ट्स एडवेंचर के बड़ा बूस्ट मिल सकता है।
जम्मू और कश्मीर में रिकॉर्ड टूरिस्ट
राज्य के राज्यपाल मनोज सिन्हा ने 29 मार्च 2022 को प्रेस कांफ्रेंस में बताया था कि साल 2021-22 में राज्य में 1.88 करोड़ टूरिस्ट आए थे। जो कि अब तक का रिकॉर्ड है। राज्य की इकोनॉमी में 14.64 फीसदी की ग्रोथ हुई थी। और उसके टैक्स कलेक्शन में 31 फीसदी की ग्रोथ हुई थी। इन आंकड़ों से साफ है कि राज्य की इकोनॉमी ट्रैक पर आ रही है और वह आतंक के साये से बहार निकल रही है। यही नहीं राज्य में पिछले 10 साल में सबसे ज्यादा निवेश आया है। जो करीब 1547 करोड़ रुपये था। इसी तरह पिछले 3 साल में राज्य में 500 करीब स्टार्ट अप बने हैं। ऐसे में G-20 समिट से राज्य की सूरत के साथ सीरत बदल सकती है।
इन सेक्टर को मिला सकता है बड़ा बूस्ट
  • हेल्थ टूरिज्म
  • हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री
  • एडवेंचर स्पोर्ट्स
  • हैंडीक्रॉफ्ट
  • इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट
  • कृषि क्षेत्र
सोफिया-पुलवामा जैसे जिलों की बन सकती है ग्लोबल पहचान
G-20 दुनिया के आर्थिक रुप से मजबूत देशों का संगठन है। जिसकी दुनिया की कुल GDP में 85 फीसदी हिस्सेदारी है। जबकि ग्लोबल ट्रेड में इन देशों की 75 फीसदी हिस्सेदारी है। ऐसे में इस सम्मेलन से न केवल दुनिया को जम्मू और कश्मीर के प्रति धारणा बदले में मदद मिलेगी। वहीं कई ऐसे शहर हैं जो अभी लोकल लेवल पर ही अपनी पहचान रखते हैं। लेकिन उनमें ग्लोबल लेवल पर अपनी पहचान बनाने का पोटेंशियल है। जैसे कि सोफिया के सेब और पुलवामा , श्रीनगर के केसर ग्लोबल ब्रांड बन सकते हैं।
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