EXPLAINED: टेस्ट टीम की कप्तानी के लिए कितने तैयार हैं शुभमन गिल?

रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान करने के बाद भारतीय टेस्ट टीम के लिए नए कप्तान की तलाश हो चल रही है। कप्तानी की रेस में शुभमन गिल सबसे आगे चल रहे हैं। आइए जानते हैं क्या टेस्ट टीम की कमान संभालने के लिए तैयार हैं शुभमन गिल?

Shubman Gill

शुभमन गिल

Team India New Test Captain: रोहित शर्मा और विराट कोहली के इंग्लैंड दौरे से ठीक पहले टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के सामने सबसे बड़ा सवाल नए कप्तान को लेकर आ खड़ा हुआ है। माना जा रहा है कि शुभमन गिल भारत के नए टेस्ट कप्तान हो सकते हैं। जसप्रीत बुमराह और ऋषभ पंत के साथ वो कप्तानी की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। जल्दी ही उनकी ताजपोशी का ऐलान भी हो सकता है। ऐसे में प्रशंसकों के मन में सवाल है कि क्या शुभमन गिल टेस्ट टीम की कमान संभालने के लिए तैयार हैं?

कप्तानी और उपकप्तानी में ऐसा रहा है प्रदर्शन

गिल को टी20 विश्व कप 2024 में टीम इंडिया की खिताबी जीत के बाद जिंबाब्वे दौरे के लिए भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया था। दौरे पर भारतीय टीम ने सीरीज 4-1 से अपने नाम की थी। सीरीज में गिल ने सबसे ज्यादा 170 रन 42.50 के औसत से बनाए थे। वर्तमान में गिल भारत की वनडे टीम के उपकप्तान हैं। पिछले साल श्रीलंका दौरे पर बतौर हेड कोच गौतम गंभीर की एंट्री के बाद ये जिम्मेदारी मिली थी। उस सीरीज में भारतीय टीम का हाल बेहाल हो गया था। गिल 3 मैच की तीन पारियों में 19 के औसत से 57 रन बना सके थे। इसके बाद चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से पहले भारत में खेली गई वनडे सीरीज के लिए उन्हें टीम का उप-कप्तान बरकरार रखा गया। सीरीज के 3 मैच की 3 पारियों में गिल 86.33 के औसत से 259 रन बनाने में सफल रहे। इसके बाद चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भी गिल ने बतौर उपकप्तान शानदार प्रदर्शन किया टीम की खिताबी जीत में अहम भूमिका अदा की थी। वो टूर्नामेंट के 5 मैच की 5 पारियों में 47 के औसत से 188 रन बना सके। वो टूर्नामेंट में भारत के तीसरे सबसे सफल बल्लेबाज थे।

नहीं है घरेलू क्रिकेट में कप्तानी का अनुभव

घरेलू क्रिकेट में भी गिल ने ज्यादा कप्तानी नहीं की है। गिल ने पिछले रणजी सीजन में पंजाब की कमान एक मैच में संभाली थी। ये मुकाबला बतौर कप्तान गिल के लिए बुरा सपना साबित हुआ था। पंजाब की टीम मैच की पहली पारी में महज 55 रन पर ढेर हो गई थी जो कि उसका 46 साल में रणजी ट्रॉफी में सबसे कम स्कोर था। गिल का इस स्कोर में केवल 4 रन का योगदान था। इसके बाद पंजाब ने गिल के 170 गेंद में 102 रन की कप्तानी पारी के बल पर वापसी की कोशिश की बावजूद इसके टीम को 207 रन के अंतर से हार का मुंह देखना पड़ा।

टेस्ट कप्तान बनने से पहले ऐसा था विराट का प्रदर्शन

विराट कोहली ने भारतीय टेस्ट टीम की कमान पहली बार संभालने से पहले 29 टेस्ट मैच खेले थे। इस दौरान उन्होंने 49 पारियों में से चार बार नाबाद रहते हुए 41.22 के औसत से 1,855 रन बनाए थे। जिसमें 6 शतक और 9 अर्धशतक शामिल थे। 119 उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था और ये पारी उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जोहान्सबर्ग में साल 2013 में खेली थी। विराट ने टेस्ट करियर का पहला शतक एडिलेड में साल 2012 में जड़ा था। विराट के कप्तान बनने से पहले जड़े 6 शतक में 3 देश में और 3 विदेश में उनके बल्ले से निकले थे।

विराट जैसे ही हैं गिल के आंकड़े

वहीं 25 वर्षीय गिल के भारतीय टीम का नया कप्तान बनने से पहले आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि उन्होंने अबतक खेले 32 टेस्ट मैच की 59 पारियों में 1893 रन 35.05 के औसत से बनाए हैं। जिसमें 5 शतक और 7 अर्धशतक शामिल हैं। 128 उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। अबतक उनके बल्ले से निकले पांच टेस्ट शतक में से एक विदेश में आया है जो उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ साल 2022 में चटगांव में जड़ा था। सेना (SENA) देशों में गिल एक भी शतक नहीं जड़ सके हैं। 2022 में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दौरान ब्रिस्बेन में खेली 91 रन की पारी एशिया से बाहर उनकी सबसे बड़ी टेस्ट पारी है। गिल के टेस्ट करियर का औसत 35.05 का है। लेकिन विदेश में खेले 15 टेस्ट मैच में वो 27.57 के औसत से कुल 717 रन बना सके हैं। वहीं घर पर उनका औसत 17 मैच में 42.03 का है।

गिल को नहीं मिला है धोनी जैसा मेंटोर

कप्तान बनने से पहले विराट कोहली और शुभमन गिल टेस्ट क्रिकेट के आंकड़े कमोबेश एक जैसे हैं। दोनों के प्रदर्शन में अंतर भारत के बाहर प्रदर्शन का है। कप्तान बनने से पहले देश हो या विदेश विराट का प्रदर्शन तकरीबन एक सा रहा। लेकिन गिल का प्रदर्शन एक तरफा रहा है। विदेशी सरजमीं पर उनके बल्ले की चमक फीकी पड़ जाती है और ऐसा लगातार तीन साल से हो रहा है और ये चिंता की बात है। विराट लंबे समय तक धोनी के डिप्टी रहे और उन्हें कप्तानी के गुर सीखने के लिए लंबा वक्त मिला और टीम की कमान संभालने के बाद वो प्रशंसकों की कसौटी पर एकदम खरे उतरे। अपनी कप्तानी में भारतीय टेस्ट क्रिकेट को एक अलग स्तर पर ले गए। लेकिन गिल को रोहित के सेनापति के रूप में काम करने का ज्यादा मौका नहीं मिला है। जो गिने चुने मौके उन्हें मिले वो टी20 और वनडे फॉर्मेट में मिले। जो टेस्ट क्रिकेट में कमान संभालने के लिहाज से एकदम उलट और नाकाफी है।

गिल की कप्तानी में गुजरात कर रहा है शानदार प्रदर्शन

फिलहाल शुभमन गिल आईपीएल 2025 में गुजरात टाइटन्स की कप्तानी कर रहे हैं। पिछले सीजन हार्दिक पांड्या के मुंबई इंडियन्स के साथ जुड़ने के बाद टीम मैनेजमेंट ने शुभमन गिल पर भरोसा जताया और टीम की कमान उनके हाथों में सौंप दी। गिल कप्तानी के पहले टेस्ट में पास नहीं हो सके। गुजरात की टीम आईपीएल 2024 में गिल की कप्तानी में 14 में से 5 मैच जीत सकी। एक बार चैंपियन और एक बार की उपविजेता टीम को आठवें पायदान से संतोष करना पड़ा। लेकिन एक साल बाद गिल परिपक्व होकर लौटे। इस बार टीम का प्रदर्शन शानदार रहा है और गुजरात 11 मैच में 8 जीत और 3 हार के साथ अपनी जगह प्लेऑफ में तकरीबन पक्की कर चुकी है। एक साल में कप्तानी में बदलाव करके गिल टीम को एक बार फिर खिताबी जीत के मुहाने तक ले आए हैं। ये अच्छे संकेत हैं। उन्हें हार और गलतियों से सबक सीखने वाला कप्तान कहा जा सकता है।

गिल को कप्तान बनाना है बड़ा जोखिम

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि शुभमन गिल के हाथों में टेस्ट टीम की कमान अभी सौंपना बीसीसीआई के लिए बड़ा जोखिम साबित हो सकता है। इंग्लैंड की धरती पर गिल तीन टेस्ट खेल चुके हैं जहां वो 3 टेस्ट की 6 पारियों में 88 रन 14.66 के औसत से बना सके हैं। अगर गिल को कप्तान बनाकर इंग्लैंड भेजा गया जहां बतौर बल्लेबाज वो नाकाम रहे हैं। वो टीम का सामने से नेतृत्व करने में नाकाम रहे तो इसका असर टीम के प्रदर्शन पर पड़ेगा।

ऐसे में बीसीसीआई के पास दो विकल्प हैं-पहला, बुमराह को कप्तानी सौंप दी जाए और गिल को उप-कप्तान बना दिया। जब बुमराह को आराम दिया जाए तब गिल कमान संभालें। इससे गिल को टेस्ट कप्तानी का ककहरा सीखने का वक्त मिल जाएगा। क्योंकि टी20 और वनडे की तुलना में सबसे बड़े फॉर्मेट में कप्तानी के लिए ज्यादा अनुभव की दरकार होती है। इसके अलावा दूसरा विकल्प केएल राहुल का हो सकता है जिन्होंने टीम फर्स्ट की नीति पर अब तक बल्लेबाजी में अपना योगदान दिया है और उन्होंने आईपीएल में और भारत के लिए भी कप्तानी की है। बीसीसीआई के पूर्व के फैसलों पर नजर डालें तो हर बार जब युवा कंधों को जिम्मेदारी सौंपी गई है तो वहां उनके मार्गदर्शन के लिए एक वरिष्ठ खिलाड़ी मौजूद रहा है। इस बार रोहित और विराट के एक साथ चले जाने के बाद स्थिति बिल्कुल अलग है।

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नवीन चौहान author

नवीन चौहान टाइम्स नाउ हिंदी (Timesnowhindi.com) की स्पोर्ट्स टीम के सदस्य हैं। वो मूल रूप से मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर के रहने वाले हैं। इनके पास ...और देखें

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