Ram Navami 2023 Date: चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन क्यों मनाई जाती है राम नवमी, जानें इस दिन का महत्व
Ram Navami 2023 Date: चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) के नौवें दिन दुर्गा नवमी (Durga Navami) के साथ राम नवमी का त्योहार भी मनाया जाता है। जानिए क्यों और कैसे मनाई जाती है राम नवमी।
Ram Navami Kab Hai 2023: राम नवमी कब है 2023, जानें इस पर्व का इतिहास
Ram Navami 2023 Date: हिंदू धर्म के लोगों के लिए राम नवमी का दिन बेहद खास होता है। क्योंकि इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। पौराणिक कथाओं अनुसार चैत्र महीने में नौवें दिन यानी नवमी तिथि पर कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया था। इसलिए इस दिन को राम जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। राम नवमी चैत्र नवरात्रि नवमी (Chaitra Navratri Navami) के दिन पड़ती है। जानिए राम नवमी कैसे और क्यों मनाते हैं।
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के नौवें दिन मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा का विशेष महत्व माना गया है। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम ने भी युद्ध में जीत हासिल करने के लिए देवी दुर्गा की उपासना की थी। इसलिए नवरात्रि की नवमी तिथि पर देवी दुर्गा और भगवान राम दोनों की पूजा की जाती है।
रामनवमी के दिन क्या करते हैं (Ram Navami Per Kya Karna Chaiye)
- रामनवमी के दिन रामायण का पाठ करना चाहिए।
- इस दिन रामरक्षा स्त्रोत पढ़ना चाहिए।
- इस दिन कई जगहों पर भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है।
- राम नवमी पर राम जी की मूर्ति को फूल-माला से सजाते और पालने में झुलाते हैं।
- इस दिन भगवान राम की विधि विधान पूजा की जाती है।
- इस दिन कई जगह कन्या पूजन किया जाता है।
- ऐसी मान्यता है कि भगवान राम ने युद्ध में जीत के लिए देवी दुर्गा की उपासना की थी।
- इसलिए राम नवमी पर भगवान राम के साथ देवी दुर्गा की भी उपासना करें।
- राम नवमी पर राम रक्षा स्त्रोत, राम मंत्र, और रामायण के बालकांड का पाठ करें।
रामनवमी की कथा (Ram Navami Katha)
पौराणिक कथाओं अनुसार रावण अपने राज्यकाल में बहुत अत्याचार करता था। उसके अत्याचारों से मुक्ति के लिए देवतागण भगवान विष्णु के पास गए और उनसें सहायता मांगी। देवताओं की प्रार्थना को सुनते हुए भगवान विष्णु ने श्रीराम के रूप में राजा दशरथ की पत्नी कौशल्या की कोख से जन्म लिया। ऐसा माना जाता है जब भगवान राम का जन्म हुआ तब चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि थी। कहते हैं तभी से इस तिथि पर रामनवमी मनाने की परंपरा शुरू हुई। ऐसा भी कहा जाता है कि रामनवमी के दिन ही स्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस की रचना शुरू की थी।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
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