Pushya Nakshatra Feb 2025 Time: आज बन रहा है पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग, जान लें किन कार्यों को करने के लिए शुभ है आज का दिन

Pushya Nakshatra Feb 2025 Time: ज्योतिष शास्त्र में नक्षत्रों का खास महत्व होता है। किसी भी विषय की सटीक भविष्यवाणी करने में नक्षत्रों का अहम योगदान होता है। वैसे तो कई नक्षत्र होते हैं लेकिन सभी में पुष्य नक्षत्र को सबसे खास माना जाता है। 11 फरवरी 2025 को इस नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है।

Pushya Nakshatra

Pushya Nakshatra February 2025 Date

Pushya Nakshatra Feb 2025 Time: शास्त्रों में कुल 27 नक्षत्रों का जिक्र किया गया है जिनमें से एक पुष्य नक्षत्र भी है। इस नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। ये नक्षत्र समृद्धिदायक, सर्वश्रेष्ठ और शुभ फल प्रदान करने वाला नक्षत्र माना गया है। पुष्य का अर्थ होता है पोषण करने वाला और ऊर्जा व शक्ति प्रदान करने वाला। कई विद्वान इस नक्षत्र को बेहद कल्याणकारी मानते हैं। चलिए आपको बताते हैं 11 फरवरी को पुष्य नक्षत्र कब से कब तक रहेगा और इस नक्षत्र में क्या करना चाहिए।

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पुष्य नक्षत्र फरवरी 2025 (Pushya Nakshatra Feb 2025 Time)

पुष्य नक्षत्र 10 फरवरी की शाम 6 बजकर 1 मिनट से शुरू होकर 11 फरवरी की शाम 6 बजकर 34 मिनट तक रहेगा।

पुष्य नक्षत्र में क्या करना चाहिए (Pushya Nakshatra Mein Kya Karna Chahiye)

  • ये नक्षत्र किसी नए कार्य की शुरूआत करने के लिए उपयुक्त माना जाता है।
  • इस नक्षत्र में यात्रा का आरंभ करना चाहिए।
  • विद्या ग्रहण करना या फिर किसी भी नए शिक्षण संस्थान में प्रवेश लेने के लिए ये नक्षत्र शुभ होता है।
  • गुरू मंत्र लेने के लिए ये नक्षत्र उत्तम है।
  • धार्मिक अनुष्ठानों के लिए भी इस नक्षत्र का चयन किया जाता है।
  • ये नक्षत्र राजकीय कार्यों में सफलता दिलाने के लिए भी सहायक होता है।

इस बात का ध्यान रखें कि शुक्रवार और बुधवार को पड़ने वाले पुष्य नक्षत्र को शुभ नहीं माना जाता है। शुक्रवार को पुष्य नक्षत्र में किया गया कार्य असफल ही नहीं बल्कि हानिकारक साबित होता है। वहीं बुधवार का पुष्य नक्षत्र नपुंसक होता है। इसलिए इस दिन पड़ने वाले पुष्य नक्षत्र का भी त्याग कर दिया जाता है। लेकिन इसके अलावा अतिरिक्त दिनों में पड़ने वाले पुष्य नक्षत्र श्रेष्ठ होते हैं।

पुष्य नक्षत्र का महत्व (Pushya Nakshatra Ka Mahatva)

पुष्य नक्षत्र को खरीददारी से लेकर अन्य शुभ कार्यों तक को करने के लिए उत्तम माना जाता है। जब ये नक्षत्र सोमवार, गुरुवार या रविवार को आता है, तो एक विशेष वार नक्षत्र योग निर्मित होता है। जब गुरुवार को ये नक्षत्र पड़ता है तो इसे गुरु पुष्य योग के नाम से जाना जाता है। साल में कभी-कभी ही ऐसा संयोग बनता है। 27 नक्षत्रों में से ये नक्षत्र 8 वे स्थान पर आता है। कहते हैं इस नक्षत्र में खरीदी गई कोई भी वस्तु सुख समृद्धि देती है।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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