नरक चतुर्दशी कब है (Pic credit- canva)
Chhoti Diwali Kab hai: नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली, रूप चौदस या काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव के दूसरे दिन पड़ने वाला पर्व है। यह त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। साल 2025 में चतुर्दशी तिथि 19 अक्टूबर दोपहर 1:51 बजे से शुरू होकर 20 अक्टूबर दोपहर 3:44 बजे तक रहेगी। इस कारण रात्रि पूजा और दीपदान 19 अक्टूबर दिन रविवार को ही होगा, जबकि अभ्यंग स्नान 20 अक्टूबर दिन सोमवार)की सुबह किया जाएगा। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत और आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक है।
क्यों मनाई जाती है नरक चतुर्दशी?
इस त्योहार का संबंध भगवान कृष्ण द्वारा राक्षस नरकासुर के वध से है। पौराणिक कथा के अनुसार, नरकासुर ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए 16,000 महिलाओं को कैद कर लिया था और देवताओं को परेशान किया था। इस पर भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा के साथ मिलकर नरकासुर का संहार किया। सत्यभामा ने अंतिम प्रहार किया, क्योंकि नरकासुर को वरदान था कि वह केवल एक स्त्री के हाथों मरेगा। इस विजय के बाद मुक्त महिलाओं को सम्मान दिया गया और दीप जलाकर उत्सव मनाया गया। वहीं, दक्षिण भारत में इसे काली चौदस भी कहते हैं, जहां मां काली की पूजा होती है। रूप चौदस के रूप में यह दिन सौंदर्य और शुद्धि का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन उबटन स्नान से पापों से मुक्ति मिलती है।
नरक चतुर्दशी पर अभ्यंग स्नान, दीपदान और यमराज की पूजा मुख्य रुप से किया जाता है। साल 2025 में चतुर्दशी तिथि 19 अक्टूबर दोपहर 1:51 बजे से 20 अक्टूबर दोपहर 3:44 बजे तक रहेगी। इस तिथि पर अभ्यंग स्नान का मुहूर्त 20 अक्टूबर सुबह 4:56 बजे से 6:08 बजे तक है। यम दीपक पूजा 19 अक्टूबर रात्रि 11:41 बजे से 12:31 बजे तक होगी।
पूजा विधि में सूर्योदय से पहले तिल या सरसों के तेल से उबटन लगाकर स्नान करें। घर को साफ करें, रंगोली बनाएं और यमराज, हनुमान जी व भगवान कृष्ण की पूजा करें। भगवान को फूल, चंदन और मिठाई चढ़ाएं। शाम को सरसों के तेल का चौमुखी दीपक दक्षिण दिशा में जलाएं। हनुमान चालीसा का पाठ करें और काले तिल या तेल का दान करें।
नरक चतुर्दशी का त्योहार परिवार के साथ खुशी और सकारात्मकता का अवसर है। इस दिन पूजन से नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है। दीपावली से एक दिन पहले पड़ने के कारण इसे छोटी दीपावली भी कहते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्रों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। Times Now Navbharat इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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