Montessori Parenting: क्या है मॉन्टेसरी पेरेंटिंग, सफलता की बुलंदियों को छू रहे बच्चे, हर मां-बाप को जरूर जाननी चाहिए ये बातें
What is Montessori Parenting: मॉन्टेसरी पेरेंटिंग को विशेषज्ञ बच्चों के लिए लाभकारी मानते हैं, बशर्ते इसे सही ढंग से लागू किया जाए। यदि आप अपने बच्चे के लिए एक समग्र और स्वतंत्र दृष्टिकोण चाहते हैं, तो मॉन्टेसरी पैरेंटिंग एक शानदार विकल्प हो सकता है।

What is Montessori Parenting Meaning in Hindi
What is Montessori Parenting in Hindi: इंटरनेट और सोशल मीडिया की दुनिया में पेरेंटिंग के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। लोग अपने बच्चों की परवरिश के लिए हर वो तरीका अपनाने की कोशिश कर रहे हैं जो उनके बच्चों को एक सफल और बेहतर इंसान बना सके। इसी कड़ी में इन दिनों मॉन्टेसरी पेरेंटिंग स्टाइल काफी चर्चा में है। यूं तो ये पेरेंटिंग स्टाइल बहुत पुरानी है लेकिन फिर से चर्चा में है। मॉन्टेसरी पैरेंटिंग एक ऐसी पालन-पोषण शैली है, जो की पहली महिला चिकित्सक और शिक्षाविद मारिया मॉन्टेसरी पर आधारित है। मॉन्टेसरी पैरेंटिंग बच्चों में आत्मविश्वास, जिज्ञासा और आजादी को बढ़ावा देती है, जिससे वे स्वस्थ और संतुलित व्यक्तित्व विकसित कर सकें।
कैसै होती है मॉन्टेसरी पेरेंटिंग
मॉन्टेसरी पेरेंटिंग बच्चों को स्वतंत्रता, आत्म-अनुशासन और प्राकृतिक विकास के लिए प्रोत्साहित करती है। यहां इसके मुख्य पहलू हैं:
1. फ्रीडम और बाउंड्री: बच्चों को अपनी पसंद चुनने की आजादी दी जाती है, लेकिन सुरक्षित और संरचित सीमाओं के भीतर।
2. सेल्फ डिसिप्लिन: बच्चों को अपने कार्यों के लिए जिम्मेदारी सिखाई जाती है, बजाय कि सख्त नियमों से नियंत्रित करने के।
3. नेचुरल ग्रोथ: बच्चे की उम्र और रुचि के अनुसार सीखने को प्रोत्साहित किया जाता है, बिना दबाव के।
4. करके सीखना: व्यावहारिक गतिविधियां जैसे खाना बनाना, सफाई करना बच्चों को आत्मनिर्भर बनाती हैं।
5. सकारात्मक माहौल: इस पेरेंटिंग में ना तो गलती पर सजा दी जाती है और ना ही अच्छे काम के लिए पुरस्कार। यहां प्रेरणा और मार्गदर्शन पर जोर दिया जाता है।
6. क्षमता: हर बच्चे की सीखने की गति को सम्मान दिया जाता है, तुलना से बचा जाता है।
7. धैर्य और अवलोकन: माता-पिता बच्चों के व्यवहार को ध्यान से देखते हैं और उनकी जरूरतों को समझते हैं।
8. सामाजिक कौशल: बच्चों को समूह में काम करने और दूसरों के साथ सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
9. जीवन कौशल: रोजमर्रा की गतिविधियों को सीखने का अवसर माना जाता है, जैसे कपड़े पहनना या बर्तन साफ करना।
मॉन्टेसरी पैरेंटिंग के फायदे (Benefits of Montessori Parenting)
1. आत्मविश्वास और स्वतंत्रता
मॉन्टेसरी पैरेंटिंग बच्चों को स्वयं निर्णय लेने और काम करने की आजादी देती है। उदाहरण के लिए, एक बच्चा जो खुद अपने जूते बांधना या नाश्ता तैयार करना सीखता है, वह आत्मविश्वास महसूस करता है। यह स्वतंत्रता भविष्य में उनकी समस्या-समाधान क्षमता को बढ़ाती है।
2. रचनात्मकता और जिज्ञासा
मॉन्टेसरी दृष्टिकोण बच्चों की स्वाभाविक जिज्ञासा को प्रोत्साहित करता है। बच्चे अपनी रुचियों के आधार पर गतिविधियां चुनते हैं, जिससे उनकी रचनात्मकता और आलोचनात्मक सोच विकसित होती है।
3. व्यावहारिक जीवन कौशल
मॉन्टेसरी में बच्चों को छोटी उम्र से ही व्यावहारिक कार्य सिखाए जाते हैं, जैसे सफाई करना, बागवानी, या खाना बनाना। ये कौशल उन्हें आत्मनिर्भर बनाते हैं और जिम्मेदारी का बोध कराते हैं।
4. सामाजिक और भावनात्मक विकास
मॉन्टेसरी वातावरण में बच्चे सहयोग, सम्मान और सहानुभूति सीखते हैं। मिश्रित आयु समूहों में काम करने से बड़े बच्चे छोटों की मदद करते हैं, जिससे नेतृत्व और सामाजिक कौशल विकसित होते हैं।
5. व्यक्तिगत गति से सीखना
हर बच्चा अलग होता है, और मॉन्टेसरी यह सुनिश्चित करता है कि बच्चे अपनी गति से सीखें। इससे उनमें तनाव कम होता है और सीखने का आनंद बढ़ता है।
मॉन्टेसरी पैरेंटिंग के नुकसान
1. समय और संसाधनों की मांग
मॉन्टेसरी पैरेंटिंग के लिए माता-पिता को समय और धैर्य की आवश्यकता होती है। तैयार वातावरण बनाना, उच्च-गुणवत्ता वाली सामग्री खरीदना और बच्चों का निरंतर अवलोकन करना समय लेने वाला हो सकता है।
2. महंगा हो सकता है
मॉन्टेसरी स्कूलों की फीस और घर में मॉन्टेसरी सामग्री की लागत अधिक हो सकती है। हर परिवार के लिए यह आर्थिक रूप से संभव नहीं होता।
3. पारंपरिक शिक्षा से भिन्नता
मॉन्टेसरी दृष्टिकोण पारंपरिक स्कूलों से काफी अलग है, जहां ग्रेड और टेस्ट पर जोर होता है। अगर बच्चा बाद में पारंपरिक स्कूल में जाता है, तो उसे तालमेल बिठाने में कठिनाई हो सकती है।
4. माता-पिता के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता
मॉन्टेसरी पैरेंटिंग को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए माता-पिता को इसके सिद्धांतों और तकनीकों को समझना पड़ता है। बिना प्रशिक्षण के, वे अनजाने में गलतियां कर सकते हैं।
5. सभी बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं
कुछ बच्चे संरचित वातावरण में बेहतर सीखते हैं। मॉन्टेसरी की खुली और स्वतंत्र शैली हर बच्चे की जरूरतों के अनुकूल नहीं हो सकती।
मॉन्टेसरी पैरेंटिंग में किन बातों का रखना होगा ध्यान
1. सुरक्षित और तैयार वातावरण
घर को इस तरह व्यवस्थित करें कि बच्चे सुरक्षित रूप से स्वतंत्र गतिविधियां कर सकें। नुकीली वस्तुओं को हटाएं और बच्चों की पहुंच में शैक्षिक सामग्री रखें।
2. बच्चों की रुचियों का सम्मान
बच्चों को उनकी पसंद की गतिविधियां चुनने दें। उन पर अपनी इच्छाएं न थोपें।
3. धैर्य और अवलोकन
बच्चों के व्यवहार और रुचियों का बारीकी से अवलोकन करें। उनकी प्रगति के आधार पर मार्गदर्शन दें।
4. अनुशासन में संतुलन
बच्चों को स्वतंत्रता दें, लेकिन उचित सीमाएं भी निर्धारित करें। उदाहरण के लिए, उन्हें गतिविधि चुनने की आजादी दें, लेकिन समय पर कार्य पूरा करने की जिम्मेदारी भी सिखाएं।
5. मॉन्टेसरी प्रशिक्षण
माता-पिता को मॉन्टेसरी के सिद्धांतों पर किताबें पढ़नी चाहिए या वर्कशॉप्स अटेंड करनी चाहिए।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
तमाम चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट मॉन्टेसरी पेरेंटिंग को बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रभावी मानते हैं। वे कहते हैं कि मॉन्टेसरी दृष्टिकोण बच्चों में आत्मविश्वास और स्वानुशासन विकसित करता है, क्योंकि यह उनकी स्वाभाविक जिज्ञासा को बढ़ावा देता है। हालांकि वो यह भी मानते हैं कि अच्छी मॉन्टेसरी पेरेंटिंग के लिए और इसे फलदायक बनाने के लिए माता-पिता को इसके लिए अच्छे से प्रशिक्षित होना चाहिए। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि मॉन्टेसरी का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह बच्चों को उनकी गति से सीखने की अनुमति देता है, जिससे तनाव कम होता है। लेकिन इसके लिए माता-पिता का समय और समर्पण जरूरी है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। लाइफस्टाइल (Lifestyle News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
मैं टाइम्स नाऊ नवभारत के साथ बतौर डिप्टी न्यूज़ एडिटर जुड़ा हूं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बलिया के रहने वाला हूं और साहित्य, संगीत और फिल्मों में म...और देखें

Friday Good Morning Wishes: जिंदगी की राहें हैं अनजानी सी...इन 10 से ज्यादा शानदार मैसैज के साथ करें सुबह की शुरुआत, अपनों के साथ सोशल मीडिया पर करें शेयर

Morning Skincare Routine: सुबह बिस्तर छोड़ते ही करें ये 5 काम, चांद सा चमकने लगेगा चेहरा

How To Make Vitamin C Toner: कचरा समझकर न फेंके संतरा का छिलका, ऐसे घर पर विटामिन सी टोनर बनाकर कर सकते हैं इस्तेमाल

Cloud Coffee Recipe: क्लाउड कॉफी का नया स्वाद आ रहा लोगों को रास, दूध नहीं तो कैसे होती है ये तैयार

Bihari Style Aam Ka Achar: एक किलो आम में कितना लगेगा तेल और मसाला, मम्मी स्टाइल में बनाएं आम का अचार बिहार वाला
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited