NDLS Stampede Video:'मेरी बेटी खत्म...., मेरी ननद...' जिन्होंने अपनों को खोया, एक पिता का दर्द सुनकर रो देंगे आप

New Delhi Railway Station Stampede Eyewitness: आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, प्लेटफॉर्म में बदलाव के बारे में संभवत: गलत घोषणा से भ्रम की स्थिति पैदा हुई, जिसके कारण भगदड़ मची।

New Delhi Railway Station Stampede Eyewitness

प्रत्यक्षदर्शी बोले वो सब बेहद भयानक

New Delhi Railway Station Stampede Eyewitness: नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात मची भगदड़ के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इस भयावह घटना के बाद स्टेशन पर यात्रियों का सामान यहां-वहां बिखरा पड़ा था और मदद के लिए लोग चिल्ला रहे थे। रेलवे स्टेशन पर पिछले 12 साल से दुकान संचालित कर रहे रवि कुमार नाम के व्यक्ति ने बताया कि जैसे ही प्लेटफॉर्म संबंधी घोषणा हुई, लोग एक-दूसरे को धक्का देकर आगे बढ़ने लगे और जो लोग गिर गए, वे भीड़ में कुचले गए। कुमार ने कहा कि उन्होंने स्टेशन पर पहले कभी इतनी भीड़ नहीं देखी।रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मचने ने 18 लोगों की मौत हो गई और 12 से अधिक लोग घायल हो गए।

उत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु उपाध्याय ने बताया कि पटना जाने वाली मगध एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म संख्या 14 पर खड़ी थी और नयी दिल्ली-जम्मू उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म संख्या 15 पर खड़ी थी। अप्रत्याशित संख्या में यात्री प्रयागराज (जहां महाकुंभ का आयोजन किया गया है) जाने वाली ट्रेन में सवार होने के लिए खड़े थे। उन्होंने भगदड़ का कारण बताते हुए कहा, 'कुछ लोग 'फुटओवर ब्रिज' से प्लेटफॉर्म संख्या 14 और 15 की ओर सीढ़ियों से उतर रहे थे, तभी वे फिसलकर अन्य लोगों पर गिर गए।' कुमार ने घटना के दुखद दृश्यों को याद करते हुए कहा, 'प्लेटफॉर्म संख्या 12, 14 और 15 पर भीड़ बहुत अधिक थी। प्रयागराज जाने वाली सभी ट्रेन में क्षमता से अधिक लोग थे।'

उन्होंने कहा, 'प्रयागराज एक्सप्रेस पहले से ही एक प्लेटफॉर्म पर खड़ी थी, तभी दूसरी ट्रेन के आने की घोषणा हुई। जैसे ही घोषणा हुई, लोग एक-दूसरे को धक्का देते हुए आगे बढ़ने लगे। प्लेटफॉर्म को जोड़ने वाला फुटब्रिज छोटा है और भीड़ में लोग गिर गए तथा कुचल गए।' पहाड़गंज निवासी वेदप्रकाश ने अपनी पत्नी के साथ प्रयागराज जाने की योजना बनाई थी, लेकिन भारी भीड़ देखकर उन्होंने घर लौटने का फैसला किया।

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उन्होंने कहा, 'ट्रेन के अंदर भी खड़े होने की जगह नहीं थी। मैं (स्टेशन से) बाहर निकल गया और मैंने वापस जाने का फैसला किया।' मृतक पूनम देवी के परिजन रविवार को उनका शव लेने के लिए लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल (LNJP) पहुंचे। पूनम शनिवार रात बिहार स्थित अपने घर जा रही थीं।पूनम के एक रिश्तेदार ने कहा, 'स्टेशन पर बहुत भीड़ थी और पूनम को जिस ट्रेन से जाना था, वह प्लेटफॉर्म संख्या 12 पर आने वाली थी लेकिन एक घोषणा होने के बाद लोग भागने लगे और जो लोग गिर गए, वे कुचले गए।' मारे गए लोगों में अपने परिवार के साथ बिहार के छपरा जा रही एक अन्य महिला भी शामिल है।

इस महिला के बेटे ने अपने आंसू रोकने की कोशिश करते हुए कहा, 'हम बिहार के छपरा जा रहे थे लेकिन भगदड़ में मेरी मां की मौत हो गई। लोग एक-दूसरे को धक्का दे रहे थे।'वहीं, एक अन्य यात्री धर्मेंद्र सिंह ने कहा, 'मैं प्रयागराज जा रहा था लेकिन कई ट्रेन देरी से चल रही थीं या रद्द कर दी गई थीं। स्टेशन पर बहुत भीड़ थी। मैंने इस स्टेशन पर पहली बार इतनी भीड़ देखी। मेरे सामने ही छह-सात महिलाओं को 'स्ट्रेचर' पर ले जाया गया।'

यात्री प्रमोद चौरसिया ने कहा, 'मेरे पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस का 'स्लीपर क्लास' का टिकट था, लेकिन 'कन्फर्म' टिकट वाले भी ट्रेन में नहीं चढ़ पाए। मेरे एक दोस्त और एक महिला यात्री भीड़ में फंस गए। बहुत ज्यादा धक्का-मुक्की हुई। हम अपने बच्चों के साथ बाहर इंतजार कर रहे थे और इस तरह से सुरक्षित रहे।'

इन लोगों की हादसे में गई जान

मृतकों की पहचान 79 साल की आशा देवी, 41 साल की पिंकी देवी, 50 साल की शीला देवी , 25 साल की व्योम , 40 साल की पूनम देवी , 35 साल की ललिता देवी , 11 साल की सुरुचि , 40 साल की कृष्णा देवी , 15 साल के विजय साह , 12 साल के नीरज , 40 साल की शांति देवी , 8 साल की पूजा कुमारी , 34 साल की संगीता मलिक , 34 साल की पूनम , 40 साल की ममता झा , 7 साल की रिया सिंह ,24 साल की बेबी कुमारी और 47 साल के मनोज के रूप में हुई है।

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रवि वैश्य author

मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनिया' या कहें 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब...और देखें

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