GBS से पीड़ित शख्स की पुणे में मौत, मृतकों की संख्या सात पहुंची

पुणे क्षेत्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के संदिग्ध मामलों की संख्या 180 तक पहुंच गई है, जबकि 64 वर्षीय एक महिला मुंबई में इससे पीड़ित पहली मरीज बन गई है।

GBS death

GBS सिंड्रोम से मौत (File photo)

GBS Deaths in Pune: देश में तंत्रिका संबंधी दुर्लभ विकार गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) से मौत का सिलसिला जारी है। इससे पीड़ित 37 वर्षीय व्यक्ति की पुणे में आज मौत हो गई। इसी के साथ मृतकों की संख्या सात पहुंच गई। स्वास्थ्य अधिकारी ने आज यह जानकारी दी। पुणे में जीबीएस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

37 वर्षीय ड्राइवर की इलाज के दौरान मौत

दुर्लभ तंत्रिका विकार गुइलेन-बैरी सिंड्रोम (GBS) से पीड़ित पुणे के एक 37 वर्षीय ड्राइवर की इलाज के दौरान शहर के एक अस्पताल में मौत हो गई। इसी के साथ पुणे में जीबीएस से जुड़ी संदिग्ध और पुष्ट मौतों की संख्या सात हो गई है। इस बीच, आठ और संक्रमण दर्ज होने के बाद संदिग्ध जीबीएस मामलों की संख्या बढ़कर 192 हो गई। पुष्टि किए गए मामलों की संख्या 167 है, जबकि 21 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।

पुणे नागरिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा, मृतक पुणे में ड्राइवर के रूप में काम करता था। निचले अंगों में कमजोरी की शिकायत के बाद उसे शुरू में शहर स्थित अस्पताल में लाया गया था। उनके रिश्तेदारों ने उन्हें पुणे के अस्पताल में भर्ती नहीं कराया और एक फरवरी को कर्नाटक के निपानी ले गए। उन्होंने बताया कि बाद में उनके रिश्तेदारों ने उन्हें सांगली स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उन्हें आईवीआईजी इंजेक्शन दिया गया, जो जीबीएस का इलाज है।

अधिकारियों के अनुसार, 5 फरवरी को मरीज के रिश्तेदारों ने चिकित्सकीय सलाह के खिलाफ और डिस्चार्ज करवाकर उसे उसी दिन पुणे नगर निगम द्वारा संचालित कमला नेहरू अस्पताल के आईसीयू में भर्ती करा दिया। उपचार के दौरान उसे सुप्रा-वेंट्रिकुलर टैचीकार्डिया का सामना करना पड़ा। अधिकारियों ने कहा कि 9 फरवरी को उसे दिल का दौरा पड़ा और उसकी मृत्यु हो गई।

अधिकारियों ने कहा कि 192 संदिग्ध मामलों में से 167 मरीजों में जीबीएस पाया गया। 192 मामलों में, 39 मरीज पुणे नगर निगम क्षेत्रों से हैं, 91 नागरिक क्षेत्र में नए जोड़े गए गांवों से हैं, 29 पिंपरी चिंचवड़ नागरिक निकाय से हैं, 25 पुणे ग्रामीण क्षेत्र से हैं और आठ अन्य जिलों से हैं। इन मामलों में 91 मरीजों को अब तक छुट्टी दे दी गई है, 48 आईसीयू में हैं, और 21 वेंटिलेटर पर हैं।

मुंबई में पहली महिला मरीज

नागरिक अधिकारियों ने कहा कि मुंबई में शुक्रवार को जीबीएस का पहला मामला सामने आया, जब 64 वर्षीय एक महिला को दुर्लभ तंत्रिका विकार का पता चला। पीटीआई से बात करते हुए, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के आयुक्त और इसके राज्य द्वारा नियुक्त प्रशासक, भूषण गगरानी ने कहा कि मरीज का वर्तमान में एक नागरिक संचालित अस्पताल की आईसीयू में इलाज चल रहा था। बीएमसी अधिकारियों ने कहा कि शहर के अंधेरी (पूर्व) इलाके में रहने वाली महिला को बुखार और दस्त की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद लकवा भी बढ़ गया था।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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