कमलनाथ को लेकर किस असमंजस में फंसी है कांग्रेस? इनसाइड स्टोरी में पढ़ें सारी कहानी
Madhya Pradesh Politics: मध्य प्रदेश की सियासत में इन दिनों लगातार उठापटक का दौर देखा गया। कमलनाथ के कदम को लेकर कांग्रेस में खलबली मची हुई है। सवाल ये कि कमलनाथ साफ तौर पर पार्टी छोड़ने को लेकर अपना पक्ष क्यों नहीं रख रहे हैं? आपको इनसाइड स्टोरी समझाते हैं।
कमलनाथ को लेकर क्या है कांग्रेस की प्लानिंग।
Congress News: कांग्रेस के कद्दावर नेता कमलनाथ के पार्टी छोड़कर बीजेपी में जाने को लेकर संशय बना हुआ है। दोनों ही पार्टियों की तरफ से कमलनाथ के आने जाने को लेकर बयान जारी हो रहे हैं। लेकिन सवाल ये कि कमलनाथ साफ तौर पर पार्टी छोड़ने को लेकर अपना पक्ष क्यों नहीं रख रहे हैं? इन्हीं कयासों के बीच कमलनाथ और राहुल गांधी के बीच बात भी हुई।
कमलनाथ की दो नावों की सवारी मंजूर नहीं
कांग्रेस नेतृत्व ने कमलनाथ को एक चीज साफ कर दी है। कमलनाथ चेहरा बचाने के लिए कांग्रेस में रुके रहें और बेटा नकुल भाजपा में शामिल हो जाएं, ये स्वीकार नहीं है। हालांकि कांग्रेस अंदर ही अंदर ये नहीं चाहती है कि कमलनाथ को बीजेपी में जाने दिया जाए जिससे लोकसभा चुनाव से पहले जमीन पर गलत मैसेज जाए। कांग्रेस ये जानती है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे और गांधी परिवार के करीबी दिग्गज नेता कमलनाथ के जाने से डैमेज होगा।
राहुल और कमलनाथ के बीच हुई फोन पर बात
कमलनाथ के साथ बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं के बीजेपी में जाने की आशंका के बीच आनन फानन में दिग्विजय सिंह ने मोर्चा संभाला। दिग्विजय सिंह ने फिर कमलनाथ से बात की और उनकी नाराजगी दूर की। और फिर राहुल गांधी से बात की। इस बातचीत में कमलनाथ को जो संदेश दिया है इससे साफ है कि पिता कांग्रेस में रहें और बेटा समर्थकों के साथ बीजेपी में ये पार्टी को स्वीकार नहीं होगा। हालांकि कांग्रेस नेतृत्व को इस बात की स्पष्टता है कि कमलनाथ परिवार को बीजेपी में शामिल कराने के लिए बीजेपी की तरफ से कोशिश नहीं की गई है।
राज्यसभा ना भेजे जाने से नाराज हैं कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश में जीती बाजी हारने वाले कमलनाथ राज्यसभा सांसद जाकर रिटायरमेंट प्लान लेना चाहते थे। सोनिया गांधी से बात करने के बाद भी राज्यसभा की सीट नहीं मिलने से कमलनाथ परिवार नाराज हो गया।जानकारी के मुताबिक कमलनाथ ने सोनिया से कहा था कि राज्यसभा की सीट वो आखिरी चीज है जो वो मांग रहे हैं। इसके 6 साल बाद वो 85 साल के हो जाएंगे और रिटायर हो जाएंगे।
वरिष्ठ नेता कमलनाथ को अपने बेटे नकुलनाथ के भविष्य के लेकर चिंता है। उन्हे लगता है कि वो खुद तो लोकसभा लड़कर छिंदवाड़ा जीत लेंगे, लेकिन क्या बेटा भी अपनी नैया पार लगा पाएगा? यही वजह है कि कमलनाथ राज्यसभा की सीट उसी तर्ज पर चाहते थे जैसे सोनिया गांधी ने ली है। राजसभा सांसद के रूप में सक्रिय रहकर वो अपने बेटे नकुलनाथ का प्रचार करते रहना चाहते थे।
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