'पता नहीं किस दुनिया में रहती हैं वित्त मंत्री' बजट पर चर्चा को लेकर प्रियंका गांधी ने निर्मला सीतारमण को घेरा

प्रियंका गांधी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, मैं नहीं जानती कि वह (वित्त मंत्री) किस दुनिया में रहती हैं। वह कह रही हैं कि बेरोजगारी नहीं बढ़ी है, महंगाई नहीं बढ़ी है।

Priyanka Gandhi

प्रियंका गांधी का पलटवार

Priyanka Slams FM's Reply On Budget Debate: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर कटाक्ष करते हुए मंगलवार को कहा कि पता नहीं कि वह किस दुनिया में रहती हैं कि उन्हें महंगाई और बेरोजगारी नहीं दिखाई दे रही है। सीतारमण ने लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट के पीछे कई घरेलू और वैश्विक कारण हैं।

वित्त मंत्री किस दुनिया में रहती हैंउन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समय मुद्रास्फीति दहाई के अंक में थी और 10 से अधिक पहुंच गई थी, लेकिन अब ऐसी स्थिति बिल्कुल नहीं है। इस पर प्रियंका गांधी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, मैं नहीं जानती कि वह (वित्त मंत्री) किस दुनिया में रहती हैं। वह कह रही हैं कि बेरोजगारी नहीं बढ़ी है, महंगाई नहीं बढ़ी है।

आम बजट 2025-26 पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति, विशेष रूप से खाद्य नरम होती दिख रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार 2025-26 में लगभग पूरी उधारी का उपयोग पूंजीगत व्यय के वित्तपोषण के लिए कर रही है। केंद्रीय बजट पर बहस पर वित्त मंत्री के जवाब के बारे में पूछे जाने पर प्रियंका गांधी ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, मुझे नहीं पता कि वह किस ग्रह पर रह रही हैं। वह कह रही हैं कि कोई मुद्रास्फीति नहीं है, बेरोजगारी में कोई वृद्धि नहीं हुई है, कीमतों में कोई वृद्धि नहीं हुई है।

वेणुगोपाल ने भी घेरा

कांग्रेस के संगठन प्रभारी महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि लोकसभा में बजट चर्चा पर वित्त मंत्री का जवाब एक मास्टरक्लास था कि कैसे दोषारोपण किया जाए, ध्यान भटकाया जाए और वास्तविकता से ध्यान भटकाया जाए। उन्होंने एक्स पर कहा, विपक्ष द्वारा उठाए गए गंभीर मुद्दों को उनके अहंकारपूर्ण तरीके से खारिज करने से पता चलता है कि उनका असली इरादा कभी भी बजट में उजागर किए गए अंतराल पर प्रतिक्रिया देना नहीं था, बल्कि राजनीतिक लाभ हासिल करना था।

वेणुगोपाल ने कहा, अपने जवाब में उन्होंने यह समझाने के बजाय कि प्रमुख आर्थिक सूचकांक - चाहे वह जीडीपी विकास दर हो या डॉलर के मुकाबले रुपये का मूल्य क्यों गिरावट में हैं, यूपीए-युग के आंकड़ों को चुनना अधिक उपयुक्त समझा। प्रमुख सामाजिक कल्याण योजनाओं पर, बजट आवंटन में ठहराव या कटौती की व्याख्या करने के बजाय, उन्होंने राज्य सरकारों पर दोष मढ़ दिया।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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