लाल किला नहीं गए खड़गे, कांग्रेस मुख्यालय में झंडा फहरा बोले- लोकतंत्र और संविधान पर खतरा
Independence day: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए लाल किला नहीं गए। उन्होंने कहा कि आंखों में कुछ दिक्कत और पार्टी मुख्यालय एवं आवास पर ध्वजारोहण कार्यक्रम के चलते वह लाल किला के समारोह के लिए समय नहीं निकाल सके।
तिरंगा फहराते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे
Independence day: आज स्वतंत्रता दिवस समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल नहीं हुए। उन्होंने कांग्रेस मुख्यालय पर झंडा फहराया। इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि मौजूदा समय में लोकतंत्र, संविधान और संस्थान, तीनों के लिए खतरा पैदा हो गया है।
खड़गे क्यों नहीं गए लाल किला
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए लाल किला नहीं गए। उन्होंने कहा कि आंखों में कुछ दिक्कत और पार्टी मुख्यालय एवं आवास पर ध्वजारोहण कार्यक्रम के चलते वह लाल किला के समारोह के लिए समय नहीं निकाल सके। खड़गे राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं। लाल किला में उनके लिए निर्धारित कुर्सी खाली देखी गई। लाल किला में हुए समारोह से दूर रहने के कारण के बारे में पूछे जाने पर खड़गे ने संवाददाताओं से कहा- "मुझे आंखों में कुछ समस्या है। प्रोटोकॉल के अनुसार, मुझे सुबह अपने आवास पर ध्वजारोहण करना था। इसके बाद मुझे कांग्रेस मुख्यालय में झंडा फहराना था। सुरक्षा इतनी कड़ी होती है कि प्रधानमंत्री के निकलने से पहले किसी को जाने नहीं दिया जाता... अगर मैं वहां जाता तो यहां कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाता।"
मोदी सरकार पर बड़ा हमला
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मौजूदा समय में लोकतंत्र, संविधान और संस्थान, तीनों के लिए खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर अपने एक संदेश में यह भी कहा कि विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) अन्याय के खिलाफ खड़ा होगा और जीतेगा। खड़गे ने कहा- "आज़ादी के बाद पिछले सत्तर सालों में भारत विश्व में एक मज़बूत शक्ति बन कर उभरा है। यह रातों रात नहीं हुआ। राष्ट्र निर्माण एक सतत प्रक्रिया है। आज़ादी के हमारे महानायकों ने, पूर्व प्रधानमंत्रियों ने और भारत की जनता ने अपने योगदान से इस सपने को साकार किया है। आज कल कुछ लोग ऐसा जताते हैं कि भारत की प्रगति पिछले कुछ वर्षों में ही हुई है। …वह ग़लत सोचते हैं।"
पूर्व प्रधानमंत्रियों को किया याद
कांग्रेस अध्यक्ष ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को याद करते हुए कहा कि अंग्रेज़ी सरकार ने यहां से जाते जाते भारत की स्थिति ऐसी कर दी थी कि यहां सुई भी नहीं बनती थी, तब पंडित जवाहरलाल नेहरू ने यहां बड़े-बड़े उद्योग लगाए, स्टील प्लांट लगाए, आईआईटी, आईएमएम और कई संस्थाओं की नींव रखी। कला, साहित्य और संगीत को भी सरकार के आरंभिक वर्षों में पं. नेहरु ने आवश्यक बढ़ावा दिया। जब भारत में अनाज की कमी हुई, तब लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी ने हरित क्रांति लाकर देश को अनाज आयात करने से मुक्त किया, आत्मनिर्भर बनाया। श्वेत क्रान्ति ने भारत को, दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बनाया। उन्होंने यह भी कहा कि जब पूरा विश्व पश्चिमी पाकिस्तान के क्रूर तांडव को देख नहीं पा रहा था, तब भारत ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व में दुनिया का नक़्शा बदला और बांग्लादेश को आज़ादी दिलाई। खड़गे ने कहा कि जब भारत में कुछ लोग प्रौद्योगिकी का विरोध करते थे तब राजीव गांधी ने भारत को इक्कीसवीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार किया । पीवी नरसिंह राव ने डॉ मनमोहन सिंह के साथ मिलकर 1991 में आर्थिक उदारीकरण कर, देश को दुनिया के साथ जोड़ा और अर्थव्यवस्था को मज़बूत किया। अटल बिहारी वाजपेयी सहित अन्य प्रधानमंत्रियों ने भी राष्ट्रहित में योगदान दिया और भारत की विकास की यात्रा को आगे बढ़ाया।
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