मोरबी में यूं ही नहीं गिरा केबल ब्रिज, केबल को बदलने की जगह ठेकेदार ने किया था पेंट

बताया जा रहा है कि मोरबी केबल ब्रिज के रखरखाव की जिम्मेदारी जिस फर्म को दी गई थी उसने सिर्फ खानापूर्ति की थी। ठेकेदार ने केबल के तारों को बदलने की जगह उसे पेंट के जरिए चमका दिया था।

morbi bridg accident

मोरबी में गिरा था केबल ब्रिज

मोरबी केबल ब्रिज हादसे की जांच शुरू हो चुकी है। पीएम नरेंद्र भी स्पष्ट कर चुके हैं कि बिना किसी दबाव के मामले की जांच कर हादसे की वजह को जानने और समझने की जरूरत है। विपक्ष पहले से आरोप लगा रहा है कि घड़ी बनाने वाली कंपनी को पुल के मरम्मत का काम दिया गया। जिस शख्स को पुल मरम्मत का काम दिया गया था वो बीजेपी को फंड देने का काम करता था। इन सबके बीच कुछ और जानकारी सामने आई है जिससे पता चलता है कि ठेकेदार और फर्म की तरफ से घोर लापरवाही की गई थी।

ठेकेदार ने की लापरवाही

यह आरोप लगाया गया है कि पुल के नवीनीकरण में संरचनात्मक ऑडिट से लेकर सामग्री के उपयोग और यहां तक कि आपातकालीन बचाव और निकासी योजनाओं तक कई खामियां थीं। इतना ही नहीं ओरेवा ग्रुप को दिया गया ब्रिज रेनोवेशन का ठेका और काम करने के तरीके पर भी सवाल उठे हैं।जांच के लिए एक पुलिस अधिकारी का हवाला देते हुए, टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा कोई संकेत नहीं था कि ठेकेदार ने 143 साल पुराने पुल के खराब हो चुके केबलों को बदल दिया हो। अधिकारी ने कहा कि ऐसा लग रहा था कि ठेकेदार ने 26 अक्टूबर को इसे फिर से खोलने से पहले केबलों को पेंट और पॉलिश किया था।

समय से पहले ठेकेदार ने खोला पुल

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ठेकेदार को पुल का नवीनीकरण दिसंबर तक पूरा करने के लिए कहा गया था। हालांकि, दिवाली और गुजराती नव वर्ष जैसे त्योहारों के मौसम को देखते हुए पुल को पहले ही खोल दिया गया था।माच्छू नदी पर बना सस्पेंशन ब्रिज रविवार शाम करीब 6.30 बजे टूट गया, जिससे पुल पर सवार करीब 400 लोग गिर गए।एक इंजीनियरिंग टीम जो ढहने के संकेत की तलाश में थी, ने सुझाव दिया कि सामग्री के उपयोग ने पुल का वजन बढ़ाकर इसे कमजोर बनाने में भूमिका निभाई हो सकती है।साथ ही, यह भी सुझाव दिया गया है कि पुल पर लोगों की संख्या उसकी क्षमता से कहीं अधिक थी, जिससे केबल टूट जाने का खतरा अधिक हो गया था।तकनीकी टीम ने ढहे हुए पुल के अपने प्राथमिक निरीक्षण में माना कि न तो पुल का नवीनीकरण किया गया था और न ही आवश्यक विशेषज्ञता वाले किसी ने इसका आकलन किया था। पुल का काम वेंडरों और उप-ठेकेदारों द्वारा किसी विशेषज्ञ पर्यवेक्षण के अभाव में किया गया था।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

टाइम्स नाउ नवभारत author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited