अमृतसर: पंजाब में नकली शराब के सेवन से अभी तक 86 लोगों की मौत हो गई है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मामले सख्ती दिखाते हुए 2 डीएसपी, 4 एसएचओ समेत 7 आबकारी अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। मुख्यमंत्री ने इस हादसे में मरने वाले लोगों के परिजनों को 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। पुलिस लगातार इस मामले में छापेमारी कर रही है और अभी तक 100 जगहों पर छापेमारी कर चुकी है और 17 लोगों को अरेस्ट कर चुकी है और अभी तक 25 लोग अरेस्ट हो चुके हैं।
परिवार वाले मानने को तैयार नहीं
राज्य में सबसे ज्यादा मौतें जिले के सदर और शहरी इलाकों में हुई हैं। कई पीड़ितों के परिजन बयान दर्ज कराने के लिए सामने नहीं आ रहे हैं लेकिन पुलिस उन्हें सहयोग करने के लिए प्रेरित कर रही है। एक पुलिस अधिकारी ने पीटीआई से बात करते हुए कहा,‘ज्यादातर परिवार सामने नहीं आ रहे हैं और वे कार्रवाई नहीं करना चाहते हैं। कुछ तो पोस्टमॉर्टम भी नहीं करने दे रहे हैं। कुछ परिवारों ने यह मानने से भी इंकार कर दिया है कि उनके परिवार के सदस्य की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है। वे कह रहे हैं कि उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। कुछ परिवारों ने तो पुलिस को सूचना दिए बगैर ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया।'
विपक्ष हुआ हमलावर
आपको बता दें कि 29 जुलाई की रात अमृतसर के तारसिक्का के तांगड़ा और मुच्छल गांव से सबसे पहले मौत के मामले सामने आए उसके बाद लगातार अन्य जगहों से भी इसी तरह के मामले सामने आने लगे। इस शराब कांड को लेकर आम आदमी पार्टी सहित विपक्ष ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस्तीफा मांगा है। अकाली दल ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के मौजूदा जज से इसकी न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
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