पैर पसार रहा Monkeypox! दिल्ली में चौथा केस, फिरंगी महिला पॉजिटिव; जानें- बचाव को क्या करें और क्या नहीं

Monkeypox Virus in India: मंकीपॉक्स संक्रमण में बुखार हो जाता है और हाथ पर घाव हो जाते हैं।

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तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। 
मुख्य बातें
  • 31 साल की नाइजीरियन महिला में वायरस की पुष्टि
  • देश में संक्रमण से संक्रमितों की संख्या बढ़ कर नौ हुई
  • देश में यह पहली महिला है, जिसमें संक्रमण की हुई पुष्टि

Monkeypox Virus in India: कोरोना वायरस संकट के बीच मंकीवायरस धीरे-धीरे अपने पैर पसारने लगा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि बुधवार (तीन अगस्त, 2022) को राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में इसका चौथा मामला सामने आया। वायरस की पुष्टि नाइजीरिया मूल की 31 साल की एक महिला में हुई। देश में यह पहली महिला है, जिसमें इस वायरस की पुष्टि हुई। 

आधिकारिक सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट में बताया गया कि महिला को बुखार है और उसके हाथ में घाव हैं। उसे लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसका नमूना जांच के लिए भेजा गया था और बुधवार को उसमें संक्रमण की पुष्टि हुई।

उन्होंने आगे बताया कि हाल ही में उसकी किसी विदेश यात्रा की जानकारी नहीं मिली। वैसे, इस केस से पहले दिल्ली में संक्रमितों की संख्या तीन थी। दिल्ली में मंकीपॉक्स के पहले मरीज को सोमवार को एलएनजेपी अस्पताल से छुट्टी दी गयी थी।

बताया गया कि दिल्ली में मंकीपॉक्स के नए केस के बाद अब देश में इस संक्रमण से संक्रमितों की संख्या बढ़ कर नौ हो गई है। मंकीपॉक्स संक्रमण में बुखार हो जाता है और हाथ पर घाव हो जाते हैं।

केंद्र ने बचाव को जारी किए ये दिशा-निर्देश
देश में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इससे पहले बुधवार को महामारी से बचने के लिए ‘क्या करें’ और ‘क्या न करें’ से संबंधित एक सूची जारी की। मंत्रालय ने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक या बार-बार संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है, तो वह भी संक्रमित हो सकता है। 

मंत्रालय ने कहा कि संक्रमण से बचने के लिए संक्रमित व्यक्ति को अन्य व्यक्तियों से दूर रखा जाना चाहिए। इसने कहा कि इसके अलावा हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल, साबुन और पानी से हाथ धोना, मास्क पहनना तथा दस्ताने पहनना कुछ ऐसे उपाय हैं, जिनसे बीमारी से बचा जा सकता है, साथ ही आसपास की जगहों को भी रोगाणुमुक्त किया जाना चाहिए।

मंत्रालय ने बताया कि उन लोगों के साथ रुमाल, बिस्तर, कपड़े, तौलिए और अन्य वस्तुएं साझा करने से बचा जाना चाहिए, जो संक्रमित पाए गए हैं। इसने रोगियों और गैर-संक्रमित व्यक्तियों के गंदे कपड़े एक साथ नहीं धोने और सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाने से बचने की सलाह भी दी। मंत्रालय ने कहा, ''संक्रमितों और संदिग्ध रोगियों से भेदभाव नहीं करें। इसके अलावा किसी अफवाह या गलत जानकारी पर विश्वास न करें।'' 

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