Eye Flu Treatment: आई फ्लू होने पर कौन सी आई ड्रॉप्स बेस्ट हैं, इनको कैसे डालें और किन बातों का ध्यान रखें

Best Eye Drops for Eye Flu Treatment: आई फ्लू होने पर आंखों के लिए कुछ दवाइयों का सुझाव डॉक्टर्स की ओर से दिया जा रहा है। यहां जानें कि आई फ्लू होने पर कौन सी ड्रॉप्स डालनी चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। आंखों के लिए जहां एंटीबायोटिक ड्रॉप्स डालनी चाहिए, वहीं ठीक होने पर ड्राई आइज की समस्या से बचने के लिए लुब्रिकेंट भी यूज करना चाहिए।

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आई फ्लू होने पर कौन सी ड्रॉप्स डालनी चाहिए

Best Eye Drops for Eye Flu Treatment: देश में पिछले कुछ दिनों से विशेषकर बच्चों के मामले में आई फ्लू यानी कंजेक्टिवाइटिस का प्रकोप चिंताजनक रूप से बढ़ गया है। वायरल नेत्र संक्रमण के मामले जैसे-जैसे बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे इसका उचित इलाज करने के लिए सही दवा लेना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। बता दें कि आई फ्लू का इंफेक्शन गंदे या संक्रमित हाथों से आंखों को छूने से होता है। अगर आपके आसपास में किसी को आई फ्लू है तो उसके प्रयोग की चीजों का इस्तेमाल न करें।

वहीं संक्रमित व्यक्ति को डॉक्टर्स वायरस के स्ट्रेन के हिसाब से दवाई डालनी चाहिए। इसी के साथ आंखों में सूखापन न आए, इसके लिए लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स को भी आंखों में डालना चाहिए।

Eye Flu Ke Liye Best Medicines Kaun Si Hain

लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स

लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स कंजेक्टिवाइटिस से जुड़ी समस्याओं, आंखों की लालिमा और सूखापन को कम करने में मदद कर सकते हैं। ये राहत प्रदान करती है और आंखें जल्दी ठीक करने में मदद करती है।

एंटीबायोटिक ड्रॉप्स

संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स या मलहम दिए जाते हैं। आपके नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा दिए गए एंटीबायोटिक दवाओं का कोर्स पूरा करना अत्यंत आवश्यक है। ये संक्रमण वाले वायरस के स्ट्रेन के अनुसार मरीज को दिए जाते हैं।

संक्रमण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए कोई भी ओवर-द-काउंटर दवा लेने से पहले हमेशा डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है क्योंकि अलग-अलग लोगों को आई ड्रॉप्स की अलग खुराक की जरूरत होती है और प्रभावी तथा सुरक्षित उपचार सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टर का मार्गदर्शन आवश्यक होता है।

How to Use Eye Drops for Eye Flu

  • आई-ड्रॉप डालने से पहले अपने हाथ धो लें।
  • सुनिश्चित करें कि ड्रॉपर की नोक आंखों के किसी भी हिस्से को न छुएं।
  • यदि एक से अधिक बूंद डालनी है तो अगली बूंद डालने से पहले 5 मिनट तक रुकें।
  • आई ड्रॉप को दूसरे व्यक्ति के साथ साझा करना उचित नहीं है।

Why Eye Flu is Spreading in India

देश भर में पिछले 2-3 हफ्तों में नेत्र संक्रमण के मामलों में 70% की वृद्धि हुई है। हाल ही में हुई बारिश और उसके परिणामस्वरूप आई बाढ़ ने स्वच्छता संबंधी समस्याओं को बढ़ा दिया है। इससे वायरल और बैक्टीरियल बीमारियों में बढ़ोतरी हो रही है। अभी के मामले देखें तो कंजेक्टिवाइटिस का प्रकोप वायरस (एडेनोवायरस) के कारण बढ़ रहा है।

जब बात आंखों की हो तो साफ-सफाई बनाए रखना और बेहद सतर्क रहना जरूरी है। कंजेक्टिवाइटिस अत्यधिक संक्रामक हो सकता है। यह मुख्य रूप से किसी संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले स्राव के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। लेकिन अगर आप दरवाज़े के नॉब, दरवाज़े के हैंडल या बाथरूम सिंक जैसी दूषित सतह को छूने के बाद अपनी आंख को छूते हैं तो आप इससे भी संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि, उचित देखभाल करने से और डॉक्टर की सलाह मानने से इसके प्रसार को रोका जा सकता है और दीर्घकालिक समस्याओं से बचा जा सकता है।

इस संक्रमण से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए और इसे आगे फैलने से रोकने के लिए तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है। आई ड्रॉप्स डालते समय सावधानी बरतना, जैसे कि हाथ धोना, ड्रॉपर को आंखों के संपर्क में आने से बचाना और स्वच्छता बनाए रखना संक्रमण के प्रसार को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इन उपायों और स्वास्थ्य पेशेवरों के मार्गदर्शन का पालन करके हम वर्तमान में नेत्र संक्रमण के बढ़ते प्रकोप से प्रभावी ढंग से निपट सकते हैं और किसी भी दीर्घकालिक समस्याओं से बच सकते हैं।

लेखक : डॉ. निशा आहूजा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, संकरा आई हॉस्पिटल, आनंद

डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख आई एक्सपर्ट ने लिखा है। टाइम्स नेटवर्क इन विचारों की जिम्मेदारी नहीं लेता है।

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