वरदान नहीं 'अभिशाप' बन गई बलूचिस्तान की खनिज संपदा, पाकिस्तान की लूट की कीमत चुकाते हैं बलोच
Balochistan Earth Minerals : बलूचिस्तान में जो खनिज संपदा है, अगर उनका सही तरीके से दोहन हो और इस पैसे का इस्तेमाल सही तरीके से हो तो बलूचिस्तान का कायापलट हो सकता है। बलूचिस्तान में खनिज संपदा कितनी है, इसके बारे में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ पाकिस्तान की एक रिपोर्ट है जो यह कहती है कि बलूचिस्तान में 80 से ज्यादा खनिज संपदा का भंडार है।

बलूचिस्तान में है खनिज संपदा का भंडार।
Balochistan Earth Minerals : पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत जाफर एक्सप्रेस को अगवा किए जाने के बाद अचानक एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। मंगलवार को बलोच लिबरेशन आर्मी यानी बीएलए की अगुवाई में बलूचिस्तान के सशस्त्र गुटों ने क्वेटा से पेशावर के लिए निकली जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया। इस ट्रेन में सैन्यकर्मी सहित करीब 500 लोग सवार थे। बीएलए का दावा है कि पाकिस्तानी सेना के साथ हुए संघर्ष में उसने 30 सैनिकों को मार गिराया और ट्रेन में सवार औरतों और बच्चों को रिहा किया। वहीं, ट्रेन को अगवा किए जाने पर पाकिस्तान सरकार और सेना के अपने दावे हैं। रेडियो पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि विद्रोहियों ने 400 से अधिक लोगों को बंधक बनाया जिनमें एक बड़ी संख्या सुरक्षाकर्मियों की थी। सुरक्षा बलों का दावा है कि उन्होंने करीब 155 यात्रियों को छुड़ा लिया है और रेस्क्यू ऑपरेशन में 27 विद्रोही मारे गए हैं। बाकी बचे बंधकों को छुड़ाने के लिए ऑपरेशन जारी है।
BLA ने पहली बार ट्रेन हाईजैक की
रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि इस काफी जटिल और चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन को बीएलए की मजीद ब्रिगेड ने अन्य सशस्त्र गुटों के साथ मिलकर अंजाम दिया। बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना और हुकूमत के खिलाफ बीएलए का संघर्ष काफी पुराना है। बीएलए अब तक सेना के काफिले, सरकारी अफसरों को निशाना बनाता आई है लेकिन यह पहली बार जब उसने एक पूरी ट्रेन को हाईजैक कर लिया। बीएलए के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह ऑपरेशन बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के बढ़ते हवाई हमलों और सैन्य कार्रवाइयों के जवाब में किया गया। दूसरा, बलोच लोगों की नाराजगी की एक बड़ी वजह बलूचिस्तान में मौजूद खनिज संपदा के अंधाधुंध दोहन से है।
बलोचों के पास अच्छे स्कूल, अस्पताल, सड़कें नहीं
बलोच लोगों का कहना है कि ये खनिज संपदा उनकी है, इस पर पहला अधिकार उनका है लेकिन पाकिस्तानी सरकार इसकी लूट करती आ रही है। इस बहुमूल्य खनिज संपदा को बेचकर पाकिस्तान सरकार अपना खजाना तो भरती आई है लेकिन इसका लाभ उन्हें नहीं दिया है। वे आज भी गुरबत-गरीबी में जी रहे हैं। उनके यहां अच्छी सड़कें, स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं हैं। पानी नहीं है। अच्छे स्कूल और कई इलाकों में संचार के साधन तक नहीं हैं। यानी उनके संसाधनों से पाकिस्तान की सरकार तो खुद मालामाल हो रही है लेकिन उन्हें उनकी हालत पर छोड़ दिया है।
बलूचिस्तान में 80 से ज्यादा खनिज संपदा का भंडार
एक्सपर्ट भी मानते हैं कि बलूचिस्तान में जो खनिज संपदा है, अगर उनका सही तरीके से दोहन हो और इस पैसे का इस्तेमाल सही तरीके से हो तो बलूचिस्तान का कायापलट हो सकता है। बलूचिस्तान में खनिज संपदा कितनी है, इसके बारे में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ पाकिस्तान की एक रिपोर्ट है जो यह कहती है कि बलूचिस्तान में 80 से ज्यादा खनिज संपदा का भंडार है और इनमें से कुछ में ही हाथ लगाया गया है जबकि ज्यादातर खनिज भंडार ऐसे ही पड़े हुए हैं। दरअसल, खनिज संपदा का उत्खनन और दोहर करने के लिए उच्च स्तर की तकनीक एवं विशेषज्ञता की जरूरत होती है, जो पाकिस्तान के पास नहीं है। इसलिए उसने इस काम को चीनी कंपनियों के हवाले कर दिया है। बलूचिस्तान के लोग इसके खिलाफ हैं, इसलिए परियोजनाओं पर जारी काम रोकने के लिए वे चीनी इंजीनियरों और पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों पर हमले करते आए हैं। बलूचिस्तान में खनिज संपदा के भंडार वैसे तो बिखरे पड़े हैं लेकिन तीन जगहों सैनडाक, डुड्डेर और रेको डिग में बड़े स्तर पर खनन हो रहा है। सैनडाक और डुड्डेर में खनन का काम चीनी कंपनी चाइना मेटालुरजिकल कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन कर रही है।
एक खरब डॉलर से अधिक मूल्य की खनिज संपदा
रिपोर्टों की मानें पाकिस्तान के इस सबसे बड़े प्रांत में एक खरब डॉलर से अधिक मूल्य की खनिज संपदा दबी पड़ी है। इसका उत्खनन, दोहन और प्रबंधन यदि सही तरीके से किया जाए तो पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की माली हालत काफी हद तक सुधर सकती है। यहां गोल्ड, कॉपर, लौह अयस्क, मॉर्बल, सल्फर, क्रोमाइट, टाइटेनियम, जिप्सम, निकल, कोयला, बराइट, टंग्स्टन, लीड, जिंक और चूना पत्थर प्रचुर मात्रा में हैं। यही नहीं बलूचिस्तान में ऑयल रिजर्व्स और कॉपर और गोल्ड की मात्रा भी अच्छी खासी बताई जाती है। डेरा बुगती के सुई इलाके में तो 1953 में ही प्राकृतिक गैस होने का पता चल गया था। सैंडोक और रेको डिक में कॉपर और गोल्ड की खदान है। रिको डिक खदान में 5.9 अरब टन कॉपर और गोल्ड होने की बात कही जाती है। दुनिया में सबसे ज्यादा क्रोमाइट यहीं से निकलता है। स्टील के उत्पादन में क्रोमाइट का इस्तेमाल होता है इसलिए दुनिया भर के बाजार में इसकी जबर्दस्त मांग रहती है। इसके अलावा बलूचिस्तान में करीब 200 मिलियन टन लौह अयस्क और 185 अरब टन कोल रिजर्व्स होने का अनुमान है।
यह भी पढ़ें- कहां है वानुआतु, 3 लाख की आबादी वाले इस छोटे देश में ललित मोदी क्यों बनाना चाहते थे अपना ठिकाना?
पाक की नजरों में खनिज संपदा की कीमत लेकिन बलोच की नहीं?
जाहिर है कि ये दुर्लभ खनिज तत्व बलूचिस्तान के लिए सौगात से कम नहीं हैं लेकिन ये बहुमूल्य तत्व उनके लिए एक तरह से अभिशाप बन गए। बलोच लोगों का कहना है कि पाकिस्तान की सरकार की नजरों में उनकी खनिज संपदा की तो कीमत है लेकिन उनकी नहीं। वे अपनी इस धरोहर और विरासत की रक्षा करना चाहते हैं इसके लिए उन्हें पाकिस्तान की सरकार और सेना से टकराव और संघर्ष करना पड़ता है। वे पाकिस्तानी सेना के अत्याचार और जुर्म सहते आए हैं। पाकिस्तानी सेना की डर से कइयों ने अफगानिस्तान और अन्य देशों में शरण ली है। कुल मिलाकर बलोच आज भी खुद को पाकिस्तान के साथ जोड़ नहीं पाए हैं। जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला और उसका हाईजैक एक स्वतंत्र बलोच देश के लिए उनके आंदोलन का ही एक हिस्सा है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। एक्सप्लेनर्स (Explainer News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

नेपाल में 17 साल में 14 बार बदली सरकार, नेताओं की नाकामी से उठी राजशाही की वापसी की मांग

कौन है अबू कताल जिसकी पाकिस्तान में हुई हत्या? राजौरी और रियासी आतंकी हमले में था हाथ

न्यूक्लियर हथियारों की छत्रछाया तलाशते यूरोपीय मुल्क, यूरोप के पास सीमित विकल्प

भारतीय सेना को मिला नया फौलाद, सिक्किम में VMIMS तैनात, इसकी ताकत देख बढ़ जाएगी चीन टेंशन

कौन हैं भारतीय छात्रा रंजनी श्रीनिवासन, जिन्हें वीजा रद्द होने के बाद छोड़ना पड़ा अमेरिका, हमास का समर्थन करना भारी
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited