मुंबई. गीतकार और पूर्व राज्यसभा सांसद जावेद अख्तर का आज (17 जनवरी) बर्थडे है। 70 और 80 के दशक में अंदाज से लेकर, यादों की बारात, जंजीर, दीवार, हाथी मेरे साथी और शोले समेत ना जाने कितनी सुपरहिट फिल्मों की पटकथाएं लिखी हैं।
जावेद अख्तर ने हनी ईरानी से शादी की थी। दोनों का जन्मदिन एक ही दिन होता है। हनी ईरानी और जावेद अख्तर की पहली मुलाकात साल 1972 में आई फिल्म सीता और गीता के दौरान हुई थीं।
हनी ईरानी ने बताया कि एक बार ताश में जावेद अख्तर हार रहे थे। मैंने जावेद से कहा कि लाओ मैं तुम्हारे लिए कार्ड निकालती हूं। जावेद अख्तर ने कहा कि अगर ये पत्ता अच्छा निकला तो मैं तुमसे शादी कर लूंगा। किस्मत से पत्ता अच्छा निकला। तब जावेद बोले, चलो-चलो अभी शादी कर लेते हैं।
जेब में थे 27 पैसे
जावेद अख्तर ने अपनी पढ़ाई भोपाल से की है। साल 1964 में जब जावेद पहली बार मुंबई पहुंचे था। उस वक्त उनकी जेब में महज 27 पैसे थे। यही नहीं, मुंबई में रहने के लिए घर भी नहीं था और न ही खाने के लिए रोटी।
मुंबई में दो साल बीतने के बाद भी उन्हें कोई खास काम नहीं मिल सका। जावेद अख्तर को इसके बाद फिल्मों में बतौर क्लैपर ब्वॉय का काम मिल गया था। इसके बाद उनकी जोड़ी सलमान खान के पिता सलीम खान के साथ बनी। दोनों ने दीवार, शोले, डॉन जैसी फिल्में लिखी।
ये है असली नाम
जावेद अख्तर का असली नाम जादू है। उनके पिता जां निसार अख्तर बहुत बड़े शायर हैं। उनकी एक कविता की लाइन 'लम्हा-लम्हा किसी जादू का फसाना होगा' से पढ़कर लिया था।
कुछ वक्त बाद उनका नाम जावेद पड़ गया। ये जादू से काफी हद तक मिलता था। आपको बता दें कि हनी ईरानी के बाद जावेद अख्तर ने शबाना आजमी से शादी की थी।
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