मैनपुरी:बहू और शिष्य की लड़ाई में चाचा का खेला !अखिलेश कर पाएंगे मैनेज

Mainpuri By Election 2022: रघुराज शाक्य पुराने समाजवादी रहे हैं, वह अपने आपको अक्सर मुलामयवादी भी कहा करते थे। यही नहीं मुलायम सिंह परिवार के भी करीबी रहे हैं। वह समाजवादी पार्टी के टिकट से 1999 और 2004 में सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा वह सपा के 2012 में विधायक भी रह चुके है।

Dimple Yadav Vs BJP Raghuraj shakya

मैनपुरी में कौन मारेगा बाजी

मुख्य बातें
  • चाचा शिवपाल यादव का क्या रुख क्या होता है, इस पर बहुत कुछ चुनाव के नतीजा निर्भर करेगा।
  • रघुराज शाक्य शिवपाल यादव के भी काफी करीबी रहे हैं।
  • 2022 में टिकट नहीं मिलने पर रघुराज शाक्य ने भाजपा ज्वाइन कर ली थी।

BJP Candidate from Mainpuri By Election 2022: जद (यू) और दूसरे विपक्ष दलों की मांग को दरकिनार करते हुए भाजपा ने मैनपुरी लोक सभा सीट के लिए अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। भाजपा ने मुलायम सिंह यादव के शिष्य और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव के करीबी रहे रघुराज शाक्य को डिंपल यादव के खिलाफ मैदान में उतार दिया है। रघुराज शाक्य को टिकट देकर भाजपा ने मैनपुरी की लड़ाई को रोचक बना दिया है। अब मैनपुरी की लड़ाई, सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की बहू और उनके शिष्य राघुराज शाक्य के बीच होगी। जिसमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव का भी तड़का लगेगा।

कौन हैं रघुराज शाक्य

रघुराज शाक्य पुराने समाजवादी रहे हैं, वह अपने आपको अक्सर मुलामयवादी भी कहा करते थे। यही नहीं मुलायम सिंह परिवार के भी करीबी रहे हैं। वह समाजवादी पार्टी के टिकट से 1999 और 2004 में सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा वह सपा के 2012 में विधायक भी रह चुके है। रघुराज शाक्य अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव के भी काफी करीबी रहे हैं। यही नहीं जब शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन किया तो वह अखिलेश यादव का साथ छोड़ शिवपाल के साथ चले गए थे। लेकिन जब 2022 के यूपी विधान सभा चुनाव में सपा और प्रसपा के गठजोड़ के बावजूद भी टिकट नहीं मिला, तो नाराज होकर उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। शाक्य इटावा सदर सीट से टिकट चाह रहे थे। हालांकि भाजपा ने भी उन्हें टिकट नहीं दिया था। लेकिन उप चुनाव में उन्हें मैदान में उतारकर, अखिलेश और डिंपल के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है।

मैनपुरी में शाक्य वोटर अहम

वैसे तो मैनपुरी सीट पर मुलायम परिवार का दबदबा रहा है। स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव 2019 में इसी सीट से भाजपा ने मुलायम सिंह यादव के खिलाफ प्रेम सिंह शाक्य को चुनाव लड़ाया था। इस चुनाव में मुलायम सिंह को 5.24 लाख वोट मिले थे, जबकि शाक्य को 4.30 लाख वोट मिले थे। प्रेम शाक्य को मिले 4.30 लाख वोट ही मैनपुरी में शाक्य वोटों की अहमियत तो बताते हैं। इसीलिए रघुराज शाक्य की दावेदारी काफी अहम हो जाती है। मैनपुरी सीट पर यादव मतदाताओं की संख्या करीब 3.5 लाख है। जबकि 1.5 लाख से ज्यादा शाक्य हैं। इसके अलावा ठाकुर, जाटव, ब्राह्मण, लोधी राजपूतों के वोट भी एक लाख से ज्यादा है। साथ ही मुसलमान वोटर भी एक लाख से ज्यादा है। ऐसें में अगर शाक्य वोटर के साथ भाजपा के परंपरागत वोटर रघुराज शाक्य को मिलते हैं, तो लड़ाई काफी रोचक हो जाएगी।

शिवपाल यादव क्या करेंगे

इन चुनावों में अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव का क्या रुख क्या होता है, इस पर बहुत कुछ चुनाव के नतीजा निर्भर करेगा। क्योंकि अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच खींचतान जगजाहिर है। इसके अलावा रघुराम शाक्य की शिवपाल यादव से करीबी किसी से छुपी नहीं है। ऐसे में अगर शिवपाल यादव रघुराम शाक्य का साथ देते हैं, तो चुनाव बेहद दिलचस्प होगा।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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