उम्मीदवार का नामवोटवोट शेयरपरिणाम

उमर अब्दुल्लाJKNC

32727

0.00 %

WINS

रविंदर रैनाBJP

27250

0.00 %

LOSES

इल्तिजा महबूबा मुफ़्तीJKPDP

23529

0.00 %

LOSES

तारिक हामिद कर्राCONG

18933

0.00 %

WINS

सैयद मोहम्मद अल्ताफ़ बुखारीJAKAP

8029

0.00 %

LOSES

चुनाव की खबरें

10 साल बाद जम्मू-कश्मीर में किसकी सरकार बनेगी, अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद राज्य का पहला मुख्यमंत्री कौन बनेगा? इस सवाल का जवाब 8 अक्टूबर (Jammu-Kashmir Election 2024 Results) को मिल जाएगा। तीन चरणों में हो रहे विधानसभा चुनाव (Jammu-Kashmir Assembly Election 2024 Voting Dates) में पहले चरण के तहत 18 सितंबर, दूसरे चरण के लिए 25 सितंबर, जबकि तीसरे और आखिरी चरण के मतदान के लिए एक अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की गई। वोटों की गिनती आठ अक्टूबर को की जाएगी। पांच सालों से जम्मू-कश्मीर को जिस घड़ी का इंतजार था, वो आ चुका है।
वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में पुनर्गठित किए जाने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव (Jammu-Kashmir Assembly Election) है। निर्वाचन आयोग के अनुसार जम्मू-कश्मीर में 42.6 लाख महिलाओं सहित कुल 87.09 लाख मतदाता हैं और इनके मतदान के लिए कुल 11,838 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। वर्ष 2022 में परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या 87 से बढ़कर 90 हो गई, जिनमें से 47 सीट कश्मीर घाटी में और 43 सीट जम्मू में हैं। चुनावी मैदान में इस बार कुल 908 उम्मीदवार उतरे हैं, दिलचस्प बात ये है कि इनमें से 40 फीसदी निर्दलीय हैं।
जम्मू-कश्मीर में पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में पांच चरणों में हुआ था। तब यह एक राज्य था और लद्दाख इसका हिस्सा था। राज्य में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं। चुनावी मौसम में कई नेताओं ने पाले बदले, विधानसभा चुनावों की तैयारी के बीच राजनीतिक दलों में ‘आयाराम-गयाराम’ का दौर भी देखा गया, जिनमें कई नेताओं ने व्यक्तिगत विवादों और अपने मौजूदा हालात से असंतोष के कारण पाला बदल लिया। कई पार्टी के नेता बागी हो गए। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन हुआ और भाजपा के कई नेताओं ने पार्टी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया। अब सभी को 8 अक्टूबर का इंतजार है, जब 10 साल बाद ये तय हो जाएगा कि जम्मू-कश्मीर की जनता सत्ता के सिंहासन पर किसको बैठाती है।

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