चिनाब घाटी में बड़ी संख्या में मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए मतदान केंद्र पहुंचे
J&K Assembly Election 2024 Voting: जम्मू-कश्मीर में करीब एक दशक के अंतराल पर हो रहे विधानसभा चुनाव के पहले चरण के तहत बुधवार को चिनाब घाटी में बड़ी संख्या में मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए मतदान केंद्र पहुंचे।डोडा, किश्तवाड़ और रामबन जिलों में लगभग सभी मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलीं, जिसमें 7.14 लाख पात्र मतदाता 64 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। विधानसभा चुनाव के पहले चरण में दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां के चार जिले भी शामिल हैं।
निर्वाचन अधिकारियों के अनुसार किश्तवाड़ जिले में शुरुआती दो घंटे में 14.83 प्रतिशत, डोडा में 12.90 प्रतिशत और रामबन में 11.91 प्रतिशत मतदान हुआ।कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के पूर्व अध्यक्ष विकार रसूल वानी, पूर्व मंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) उम्मीदवार सज्जाद अहमद किचलू सुबह अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने वाले मतदाताओं में शामिल रहे जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार शगुन परिहार ने अपनी सफलता के लिए विशेष पूजा की।
'जम्मू-कश्मीर में 10 साल के लंबे अंतराल के बाद चुनाव हो रहे हैं, इसमें गलती किसकी है?
तुलबाग-राल्लू मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के बाद कांग्रेस नेता ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर में 10 साल के लंबे अंतराल के बाद चुनाव हो रहे हैं, इसमें गलती किसकी है? भाजपा इसके लिए जिम्मेदार है, वरना चुनाव तो 2019 में ही हो जाने चाहिए थे।'पूर्व मंत्री रहे वानी 2008 और 2014 में बनिहाल सीट से चुनाव जीत चुके हैं और अब वह लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने की उम्मीद कर रहे हैं। किचलू ने किश्तवाड़ में कहा, 'पिछली बार चुनाव तब हुए थे जब जम्मू-कश्मीर एक पूर्ण राज्य था और अब चुनाव ऐसे वक्त में हो रहा है जब इसे केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है। लोगों में बहुत उत्साह है और वे एक ऐसी मजबूत सरकार के गठन के इरादे से मतदान कर रहे हैं जो बेरोजगारी समेत उनकी सभी समस्याओं का समाधान करे।'
शगुन परिहार ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने से पहले घर पर विशेष पूजा की
किचलू के खिलाफ चुनाव लड़ रहीं भाजपा का युवा चेहरा शगुन परिहार ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने से पहले घर पर विशेष पूजा की। परिहार के पिता एवं भाजपा नेता अजीत परिहार और उनके चाचा अनिल परिहार की नवंबर 2018 में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।उन्होंने कहा, 'सुरक्षा यहां सबसे बड़ा मुद्दा है। मेरे साथ जो कुछ भी हुआ है, मैं नहीं चाहती कि वह किसी के साथ भी हो। मैं चाहती हूं कि हर बेटी के सिर पर उसके पिता का आशीर्वाद हो।'
मताधिकार का प्रयोग करने की सुविधा देने के लिए 24 मतदान केंद्र बनाए गए हैं
इस बीच, 35,000 से अधिक कश्मीरी पंडितों को पहले चरण में अपने मताधिकार का प्रयोग करने की सुविधा देने के लिए 24 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिसमें जम्मू में 19, उधमपुर में एक और दिल्ली में चार मतदान केंद्र शामिल हैं।विस्थापित समुदाय के सदस्य दक्षिण कश्मीर के 16 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं।निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि मतदान शाम छह बजे समाप्त होगा। उन्होंने बताया कि महिलाओं, दिव्यांगों और युवाओं द्वारा प्रबंधित अलग-अलग मतदान केंद्र, पर्यावरण संबंधी चिंताओं के बारे में संदेश फैलाने के लिए हरित मतदान केंद्र और तीन जिलों में अन्य अनूठे मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं।
दूसरे चरण में 26 सीटों के लिए 25 सितंबर को मतदान होगा
दूसरे चरण में 26 सीटों के लिए 25 सितंबर को मतदान होगा, तीसरे और अंतिम चरण में 40 सीटों के लिए एक अक्टूबर को मतदान होगा और उसके बाद आठ अक्टूबर को मतगणना होगी।वानी और किचलू के अलावा अपनी किस्मत आजमाने वाले पूर्व मंत्रियों में खालिद नजीद सुहारवर्दी (नेकां), अब्दुल मजीद वानी (डीपीएपी), सुनील शर्मा (भाजपा), शक्ति राज परिहार (डोडा पश्चिम) और गुलाम मोहम्मद सरूरी शामिल हैं, जो तीन बार के विधायक हैं और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के बाद निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। दो साल पहले गुलाम नबी आजाद के समर्थन में कांग्रेस छोड़ने के बाद वह डीपीएपी में शामिल हो गए थे।
पूर्व विधायक दलीप सिंह परिहार (भाजपा), पूर्व विधान परिषद सदस्य फिरदौस टाक और इम्तियाज शान (पीडीपी), नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) की नेता एवं जिला विकास परिषद, किश्तवाड़ की मौजूदा अध्यक्ष पूजा ठाकुर और आम आदमी पार्टी (आप) की मेहराज दीन मलिक चुनाव मैदान में उतरे प्रमुख चेहरों में शामिल हैं।डोडा जिले से 10 उम्मीदवार, भद्रवाह विधानसभा क्षेत्र से 51, 52-डोडा से नौ और 53-डोडा पश्चिम से आठ उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। किश्तवाड़ जिले में 48-इंदरवाल से नौ उम्मीदवार, 49-किश्तवाड़ से सात उम्मीदवार, जबकि 50-पद्दर-नागसेनी से छह उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। रामबन जिले में 54-रामबन से आठ उम्मीदवार और 55-बनिहाल से सात उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।