नो रिपीट,मोदी चेहरा,भाजपा ने फिर अपनाया पुराना फॉर्मूला,जानें 160 की लिस्ट में किसे झटका
Gujarat BJP Candidates List: पिछले 27 साल से सत्ता पर काबिज भाजपा, 2002 में पहली बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ी थी। और उसी समय से पार्टी नो रिपीट फॉर्मूले को आजमा रही है। इस बार पार्टी ने अहम प्रयोग करते हुए सत्ता विरोधी लहर को दबाने के लिए 2022 के चुनाव से एक साल पहले ही सीएम का इस्तीफा लेकर पूरे मंत्रिमंडल को बदल दिया था।
भाजपा ने जारी की 160 उम्मीदवारों की सूची
- पाटीदार आंदोलन का चेहरा रहे हार्दिक पटेल को भी टिकट मिल गया है।
- इस बार गुजरात में त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है।
- भाजपा की 27 साल से गुजरात में सरकार है।
Gujarat BJP Candidates List:बीते साल 2021 में जब केंद्रीय नेतृत्व ने विजय रूपाणी सरकार का एक झटके में इस्तीफा लेकर भूपेंद्र पटेल को गुजरात की कमान सौंपी थी, तो उसी वक्त अंदाजा हो गया था, भाजपा 2022 के विधानसभा चुनावों में भी नई ब्रिगेड पर ही भरोसा करेगी। और यही रणनीति गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की जारी पहली लिस्ट में भी दिखी है। पार्टी ने 180 विधानसभा सीटों में अभी 160 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। और इस लिस्ट में पूर्व सीएम विजय रूपाणी, वरिष्ठ पटेल नेता नितिन पटेल सहित कई दिग्गजो के नाम नही हैं। पहली लिस्ट में भाजपा के 38 विधायकों का टिकट काट दिया गया है। यानी भाजपा ने करीब 25 फीसदी उम्मीदवार बदल दिए हैं। जबकि कांग्रेस से भाजपा में आए और पाटीदार आंदोलन का चेहरा रहे हार्दिक पटेल को भी टिकट मिल गया है। इसके अलावा क्रिकेट रविंद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा को भी टिकट दिया गया है।
नो रिपीट फॉर्मूले पर भरोसा
पिछले 27 साल से सत्ता पर काबिज भाजपा, 2002 में पहली बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ी थी। और उसी समय से पार्टी नो रिपीट फॉर्मूले को आजमा रही है। पार्टी ने साल 2002 में 18 विधायकों के टिकट काट दिए थे। और यह फॉर्मूला काम कर गया। पार्टी को 121 की जगह 2007 में 127 सीटें मिल गई। इसके बाद 2012 में भी भाजपा ने एक तिहाई से ज्यादा विधायकों के टिकट काट दिए। और फिर उसकी सत्ता में 116 सीटों के साथ वापसी हुई। हिट होते फॉर्मूले को भाजपा ने 2017 में फिर आजमाया। इस बार भी करीब 30 फीसदी विधायकों के टिकट काट दिए। फिर भाजपा 99 सीटों के साथ सरकार बनाने में सफल रही। लगातार कामयाब होते फॉर्मूले को भाजपा ने फिर 2022 की पहली लिस्ट में अपनाया है।
मोदी के बाद नहीं रहा कोई स्थायी चेहरा
2014 में लोक सभा चुनावों में जीत के बाद, जब नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सीएम का पद छोड़ा तो राज्य में आनंदी बेन पटेल के नेतृत्व में सरकार बनी थी।उसके बाद पाटीदार आंदोलन और राज्य में उभरती नई चुनौतियों को देखते हुए, 2017 के चुनावों से पहले विजय रूपाणी को सीएम बनाया गया। लेकिन उन्हें भी 2022 के चुनाव के पहले इस्तीफा देना पड़ा। और इस बार पार्टी ने अहम प्रयोग करते हुए सत्ता विरोधी लहर को दबाने के लिए चुनाव से एक साल पहले ही सीएम का इस्तीफा लेकर पूरे मंत्रिमंडल को बदल दिया था। । और उनकी जगह भूपेंद्र पटेल को सीएम बनाया गया। यानी 2014 के बाद भी नरेंद्र मोदी के नाम पर ही भाजपा चुनाव लड़ रही है। और वह उसके लिए ट्रंप कार्ड साबित हो रहे हैं।
इन दिग्गजों ने पहले ही चुनाव लड़ने से किया इंकार
भाजपा पुराने दिग्गजों की जगह नए चेहरे पर दांव लगा रही है। इस बात का अंदाजा पार्टी के दिग्गजों को पहले ही लग चुका था। इसीलिए पूर्व सीएम विजय रूपाणी, वरिष्ठ पटेल नेता नितिन पटेल, प्रदीप सिंह जडेजा, भूपेन्द्र सिंह चूडास्मा, सौरभ पटेल, और प्रदेश अध्यक्ष रहे आरसी फलदू ने खुद ही लेटर लिखकर चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया। साफ है कि भाजपा नए लोगों को टिकट देकर न केवल सत्ता विरोधी लहर के असर को कम करना चाहती है, बल्कि पार्टी में गुटबाजी भी खत्म करना चाहती है। जिससे कि कैडर एकजुट होकर पार्टी के लिए काम कर सके। पहली लिस्ट में 14 महिलाओं को टिकट दिया गया है।
कांग्रेस और आप से टक्कर
2022 का विधानसभा राज्य के इतिहास में 1995 के बाद से एकदम अलग है। इस बार प्रमुख रूप से मुकाबला केवल भाजपा और कांग्रेस के बीच नहीं है। इस बार आम आदमी पार्टी भी पूरे जोश के साथ मैदान में हैं। ऐसे में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। इसके अलावा 2017 में भले ही भाजपा को बहुमत मिल गया था। लेकिन जहां तक सीटों की बात है, तो 1990 के बाद ऐसा पहली बार हुआ था, जब 182 सीटों वाली विधानसभा में पार्टी को 100 से कम सीटें मिली थी। 2017 में भाजपा को 99 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। और कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं। जो कि कांग्रेस का साल 1985 के चुनावों के बाद सबसे अच्छा प्रदर्शन था। ऐसे में भाजपा के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों की चुनौती से पार पाना होगा।
इस बार भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं !
भाजपा ने पहले 160 लोगों की लिस्ट में किसी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है। अब देखना है कि बची सीटों में भाजपा किसी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट देती है या फिर वह पुरानी पंरपरा को बरकरार रखती है। राज्य में करीब 10 फीसदी मुस्लिम आबादी है, और 30 सीटों पर उनका असर है। पार्टी ने आखिरी बार 1998 के चुनाव में भरूच के वागरा विधानसभा सीट से मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारा था। लेकिन वह चुनाव हार गया था।
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