IAS Success Story: नदी पार कर जाते थे स्कूल, उधार लेकर की UPSC की तैयारी, तीसरे प्रयास में वीर प्रताप ऐसे बने IAS
IAS Veer Pratap Singh Success Story: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद के गांव दलपतपुर के रहने वाले वीर प्रताप सिंह राघव ने यूपीएससी की सिविल सर्विसेज की परीक्षा तीसरे प्रयास में पास की और 92 वीं रैंक हासिल का इतिहास रच दिया था।
Updated Jun 8, 2023 | 11:24 AM IST

IAS Veer Pratap Singh Success Story
IAS Veer Pratap Singh Success Story: प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती है, ये बात आईएएस वीर प्रताप सिंह राघव के ऊपर सटीक बैठती हैं। आईएएस वीर प्रताप सिंह राघव तमिलनाडु में असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद के गांव दलपतपुर (पोस्ट करौरा) के रहने वाले वीर प्रताप सिंह राघव ने यूपीएससी की सिविल सर्विसेज की परीक्षा तीसरे प्रयास में पास की और 92 वीं रैंक हासिल का इतिहास रच दिया था। वीर प्रताप सिंह के आईएएस बनने की कहानी और उनका संघर्ष आंखें नम कर देने वाला है। किसान के बेटे वीर प्रताप सिंह राघव ने बचपन से आर्थिक तंगी देखी थी, लेकिन पढ़ने की ललक ने उन्हें आईएएस बना दिया। वीर प्रताप के के बड़े भाई का भी सपना आईएएस बनने का था लेकिन आर्थिक स्थितियों के आगे वह इस सपने को छोउ कर सीआरपीएफ की नौकरी में चले गए।
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बुलंदशहर के दलपतपुर गांव के रहने वाले राघव के पिता सतीश राघव मामूली किसान हैं। घर में खाने पीने की जरूरतों को पूरा करने में ही उनकी कमाई खत्म हो जाती थी। उनके पास बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे बहुत मुश्किल से निकल पाते थे। बच्चे बड़े हुए तो उनकी फीस का अतिरिक्त दबाव पड़ा। इसके बाद पिता ने ब्याज पर रुपये उधार लेकर बेटे वीर प्रताप को यूपीएएसी की तैयारी कराई। 2016 और 2017 में भी वीर प्रताप ने परीक्षा दी लेकिन इसमें वह सफल नहीं हुए। असफलता से वह दुखी जरूर हुए लेकिन अपने मनोबल को गिरने नहीं दिया। परिवार को भी अपने बेटे की प्रतिभा और परिश्रम पर पूरा यकीन था। उधार का ब्याज बढ़ता जा रहा था लेकिन उन्हें विश्वास था कि बेटा एक दिन सफल होकर सूद समेत उधार की रकम चुका देगा।
नदी पार कर जाते थे स्कूल
वीर प्रताप की प्राथमिक शिक्षा आर्य समाज स्कूल करौरा और कक्षा छह से हाईस्कूल तक की शिक्षा सूरजभान सरस्वती विद्या मंदिर शिकारपुर से हुई। वीर प्रताप का प्राथमिक विद्यालय तक उनके घर से पांच किलोमीटर दूर था और पैदल चल कर वहां तक जाना होता था। रोज दस किलोमीटर की यात्रा केवल पढ़ने के लिए वह करते थे। गांव में पुल न होने पर वह नदी पार कर जाते थे।
इंजीनियर हैं वीर प्रताप
वीर प्रताप ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से 2015 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग से बीटेक किया। मुख्य परीक्षा के रिजल्ट में इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के राघव दर्शनशास्त्र में सबसे ज्यादा स्कोर बटोरने के पायदान में दूसरे नंबर पर रहे। उन्हें दर्शनशास्त्र में कुल 500 में 306 अंक मिले थे। आईएएस परीक्षा के लिए उन्होंने वैकल्पिक विषय दर्शनशास्त्र को चुना।
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